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उखड़ती सांसों के लिए कुवैत समेत कई देशों ने भेजी सहायता, मुश्किलें कम करने को वायुसेना और नौसेना ने भी झोंकी ताकत

कोरोना संक्रमण से पैदा मुश्किल के वक्त में खाड़ी के नन्हें मित्र देश कुवैत ने भारत को 215 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल आक्सीजन और 2600 आक्सीजन सिलेंडर भेजे हैं। नई दिल्ली स्थित कुवैती दूतावास ने कहा है कि जल्द 1400 मीट्रिक टन गैस और भेजी जाएगी।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 08 May 2021 09:16 AM (IST)Updated: Sat, 08 May 2021 09:16 AM (IST)
उखड़ती सांसों के लिए कुवैत समेत कई देशों ने भेजी सहायता, मुश्किलें कम करने को वायुसेना और नौसेना ने भी झोंकी ताकत
भारतीय वायुसेना राहत पहुंचाने वाले प्रयासों में कोई कसर नहीं छोड़ रही।

नई दिल्ली, एजेंसियां। कोरोना संक्रमण से पैदा मुश्किल के वक्त में खाड़ी के नन्हें मित्र देश कुवैत ने भारत को 215 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल आक्सीजन और 2,600 आक्सीजन सिलेंडर भेजे हैं। नई दिल्ली स्थित कुवैती दूतावास ने कहा है कि जल्द 1,400 मीट्रिक टन गैस और भेजी जाएगी।

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इधर भारतीय वायुसेना राहत पहुंचाने वाले प्रयासों में कोई कसर नहीं छोड़ रही। हाल के दिनों में वायुसेना ने सात देशों के लिए 59 उड़ान भरकर 72 क्रायोजेनिक आक्सीजन स्टोरेज कंटेनर और 1,252 आक्सीजन सिलेंडर एकत्रित किए। जिन देशों से यह सामग्री लाई गई, वे हैं- सिंगापुर, दुबई, थाइलैंड, ब्रिटेन, जर्मनी, बेल्जियम और आस्ट्रेलिया।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार वायुसेना के सी-17 विमानों ने देश के भीतर भी 400 उड़ानें भरकर आक्सीजन और चिकित्सा के लिए आवश्यक अन्य सामग्री की आपूर्ति की। इसके अतिरिक्त नौसेना ने भी तटवर्ती इलाकों में अपनी कोशिशों से आक्सीजन सिलेंडर और अन्य चिकित्सा उपकरण पहुंचाकर नागरिक प्रशासन की मदद की।

नौसेना के युद्धपोत आइएनएस तलवार, आइएनएस कोलकाता, आइएनएस ऐरावत, आइएनएस कोच्चि, आइएनएस तबर, आइएनएस त्रिकंड, आइएनएस जलश्व और आइएनएस शार्दुल ने आक्सीजन और उससे जुड़ा जरूरी सामान मित्र देशों से लाने और उनकी देश में आपूर्ति का कार्य किया। नौसेना ने अहमदाबाद में धन्वतरि कोविड केयर हास्पिटल स्थापित कर उसमें 170 डाक्टरों और अन्य पेशेवरों की तैनाती की है।

ब्रिटेन ने भेजे तीन आक्सीजन जेनरेटर, एक हजार वेंटिलेटर

ब्रिटेन ने दुनिया का सबसे बड़ा मालवाहक विमान भरकर राहत सामग्री भेजी है। इसमें 18 टन आक्सीजन जेनरेटर और एक हजार वेंटिलेटर हैं। नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश उच्चायोग के अनुसार तीन यूनिट आक्सीजन जेनरेटर में से प्रत्येक से 500 लीटर प्रति मिनट लिक्विड आक्सीजन का उत्पादन हो सकेगा जो 50 मरीजों के इस्तेमाल के लिए पर्याप्त होगी। 

जर्मनी से भी आया आक्सीजन जेनरेटिंग प्लांट 

शुक्रवार को जर्मनी से भी आक्सीजन जेनरेटिंग प्लांट आ गया। भारत की मांग पर जर्मनी ने मदद की यह दूसरी खेप भेजी है। इसमें आए प्लांट से प्रतिदिन चार लाख लीटर लिक्विड आक्सीजन का उत्पादन हो सकेगा। यह जानकारी भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने दी। यूरोपीय देश डेनमार्क ने भी मदद के वास्ते 53 वेंटिलेटर भारत भेजे हैं। टीवीएस मोटर कंपनी अपनी सहयोगी सुंदरम क्लेटन के साथ मदद के तौर पर भारत को 40 करोड़ रुपये मूल्य के आक्सीजन कंसंट्रेटर्स और अन्य चिकित्सा उपकरण देगा। 

स्विटजरलैंड ने भेजे 600 आक्सीजन कंसंट्रेटर्स

स्विटजरलैंड से शुक्रवार को 13 टन चिकित्सा सामग्री दिल्ली पहुंच गई। इसमें 600 आक्सीजन कंसंट्रेटर्स, 50 रेस्पिरेटर्स और बाडी बैग्स शामिल हैं। इस सामग्री का कुल मूल्य करीब 33 लाख अमेरिकी डालर है।


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