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एक अंगुली का कमाल, सबसे तेज टाइपिंग के लिए दर्ज कराया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बुक में नाम

18 साल के कुशल दासगुप्ता ने 21.99 सेकंड के भीतर एक अंगुली का उपयोग कर सबसे तेज टाइपिंग के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Sat, 08 Jun 2019 10:16 AM (IST)Updated: Sat, 08 Jun 2019 10:28 AM (IST)
एक अंगुली का कमाल, सबसे तेज टाइपिंग के लिए दर्ज कराया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बुक में नाम
एक अंगुली का कमाल, सबसे तेज टाइपिंग के लिए दर्ज कराया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बुक में नाम

अंशु सिंह, नोएडा। कुशल दासगुप्ता। एक ऐसा शख्स जिसके लिए शायद कोई भी काम मुश्किल नहीं। वह स्क्रिप्ट राइटर, फोटोग्राफर, वीडियोग्राफर, डायरेक्टर और होस्ट होने के साथ दस अलग-अलग गैजेट्स एक साथ चलाने में माहिर हैं। 18 साल की छोटी-सी उम्र में इन्होंने अपना नाम गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज कराया है। आंध्र प्रदेश के पुट्टापर्थी के कुशल ने हाल ही में 21.99 सेकंड के भीतर यह कारनामा कर दिखाया है। गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रधान कार्यालय, लंदन से उन्हें आधिकारिक सम्मान मिला है। श्री सत्य साई सेंट्रल ट्रस्ट के प्रधान ट्रस्टी, आर.जे. रत्नाकर ने कुशल को गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के आधिकारिक प्रमाण पत्र से सम्मानित किया और ढ़ेर सारी बधाइयां दीं।

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कुशल बताते हैं कि उन्हें अपने बड़े भाई साई कौस्तुभ दासगुप्ता से काफी प्रेरणा मिलती है,जो खुद 90% दिव्यांग होते हुए भारत के व्हीलचेयर योद्धा व मोटिवेशनल स्पीकर हैं। उनके अलावा पूरा परिवार हमेशा ताकत बनकर साथ रहा और उनके सभी प्रयासों में समर्थन किया है।' वैसे, कुशल आजकल के युवा छात्रों को करियर के साथ-साथ अपने जुनून को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करते हैं। लघु फीचर फिल्म के निर्माता कुशल को फोटोग्राफी के अलावा,वीडियोग्राफी, म्यूजिक अरेंज, कंपोज करने में भी महारत हासिल है। वे मल्टीमीडिया एक्सपर्ट भी हैं। इतना ही नहीं, वे सबसे युवा फिल्मकार हैं, जिन्होंने ‘ए फाइव रुपीज़ स्माइल’ नाम से लघु फीचर फिल्म बनाई है। इस फिल्म ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इस फिल्म का चयन दो अंतरराष्ट्रीय समारोहों में हुआ है।

कुशल कहते हैं,‘मैंने 14 जनवरी, 2019 को इस फिल्म की शूटिंग शुरू की थी और मात्र 11 दिनों में पूरी फिल्म बनकर तैयार थी। इस फिल्म में सड़क पर रहने वाले बच्चों की कहानी है। वे कहते हैं,'क्रिएटिविटी मेरे खून में है और तकनीक दिमाग में, जो मुझे हर वक्त सृजनात्मक सोचने का मौका देती है। दोनों ही फील्ड में काम करना मुझे बेहद पसंद है, क्योंकि यही मेरी ज़िंदगी का हिस्सा और जुनून है।' आपको जानकर हैरानी होगी कि कुशल निर्देशन के साथ-साथ स्टोरी बोर्डिंग, स्क्रीनप्ले, विजुअल मिक्सिंग, डबिंग, स्पेशल इफेक्ट्स, स्क्रिप्ट राइटिंग, एक्टिंग, पोस्ट प्रोडक्शन, प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेशन जैसे सारे कार्य खुद ही करते हैं। ये बीते दो वर्षों से शॉर्ट फिल्म्स बनाते आ रहे हैं।

आगे बढ़ने के लिए जरूरी जुनून
कुशल एक साथ 10 गैजेट्स को मैनेज करने में माहिर हैं। कहते हैं,'मुझे बचपन से गैजेट्स चलाने का शौक रहा है। हॉस्टल के दिनों में पैरेंट्स मीट के दौरान तीन से चार गैजेट एक साथ चलाता था। जब पैरेंट्स ने देखा, तो उन्होंने इसके लिए और प्रोत्साहित किया। इसके बाद जब स्कूल से घर लौटा, तो मैंने 10 गैजेट्स पर साथ काम करना शुरू किया और देखते ही देखते 7 रिकॉर्ड्स भी बना डाले। ये रिकॉर्ड्स तीन मिनट से भी कम समय में 10 गैजेट्स से एक साथ कई काम निपटाने के दौरान बने।' कुशल मानते है कि आगे बढ़ने के लिए जुनून बहुत जरूरी है।

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