कोडियेरी के पद छोड़ने पर भाजपा का हमला, कहा- जांच के डर से दिया इस्तीफा
केरल सोना तस्करी मामले की जांच वर्तमान में ईडी (ED) राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और सीमा शुल्क विभाग द्वारा जांच की जा रही है। राजनयिक चैनलों के माध्यम से राज्य में सोने की तस्करी की जा रही थी।
कोच्चि, एएनआइ। केरल मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रदेश सचिव कोडियेरी बालाकृष्णन के पद छोड़ने पर केरल भाजपा ने हमला बोला है। भाजपा नेता केएस राधाकृष्णन ने कहा कि अधिकारियों द्वारा जांच से डर से ही उन्होंने इस्तीफा दिया है। कोडियेरी का बेटा कुछ दिन पहले प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लांड्रिंग केस में गिरफ्तार किया है। यह केस नशीले पदार्थो की तस्करी के मामले से जुड़ा हुआ है। माना जा रहा है कि कोडियेरी पर पार्टी की ओर से पद छोड़ने के लिए दबाव था।
राधाकृष्णन ने कहा कि कोई भी राजनीतिक दल ऐसे सचिव को बर्दाश्त नहीं कर सकता जिसके बेटे को सोने की तस्करी, हवाला, मनी लॉन्ड्रिंग और नशीले पदार्थ की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया किया गया है। भाजपा नेता ने आगे कहा कि कोडियेरी को सोने की तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया जा सकता है क्योंकि यह आरोप लगाया जा रहा है कि वह आरोपी स्वप्ना सुरेश के संपर्क में थे।
कोडियेरी बालाकृष्णन के पद छोड़ने के बाद माकपा ने बयान जारी कर कहा कि कोडियेरी इलाज के लिए अवकाश चाहते थे जिसे पार्टी ने स्वीकार कर लिया है। कोडियेरी माकपा की सर्वोच्च इकाई पोलित ब्यूरो के सदस्य भी हैं। माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य एमवी गोविंदन ने बताया है कि एलडीएफ के राज्य संयोजक ए विजयराघवन को माकपा के राज्य सचिव पद का अंतरिम कार्यभार सौंपा गया है। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला इसे विलंब से लिया गया समझदारी वाला फैसला कहा है।
कांग्रेस और भाजपा ने मुख्यमंत्री पिनरई विजयन का इस्तीफा भी मांगा है। इस समय केरल की एलडीएफ सरकार स्वर्ण तस्करी मामले में विपक्ष के निशाने पर है। आरोप है कि तस्करी से मिला धन वडक्कनचेरी लाइफ मिशन प्रोजेक्ट में लगा। इस मामले में कोडियेरी के बेटे बिनीश से भी पूछताछ हुई है। 67 वर्षीय कोडियेरी बालाकृष्णन कन्नूर जिले की थालासेरी सीट से पांच बार के विधायक हैं। उन्हें 23 फरवरी, 2015 को माकपा का राज्य सचिव बनाया गया था। तीन साल के बाद 2018 में उन्हें फिर से तीन साल का कार्यकाल दिया गया था।