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जानिए AstraZeneca Vaccine पर आखिर क्यों मचा है दुनियाभर में बवाल

नीदरलैंड डेनमार्क नॉर्वे और आइसलैंड के बाद जर्मनी इटली फ्रांस स्पेन पुर्तगाल स्लोवेनिया और लातविया ने भी अपने यहां फिलहाल एस्ट्राजेनेका वैक्सीन(AstraZeneca Vaccine) के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। जानिए आखिर क्यों मचा है इस पर बवाल।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Tue, 16 Mar 2021 09:50 AM (IST)Updated: Tue, 16 Mar 2021 11:39 AM (IST)
दुनियाभर में AstraZeneca Vaccine पर मचा बवाल। (फोटो: रायटर)

नई दिल्ली, एजेंसियां। कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जंग में टीका(वैक्सीन) का सबसे अहम रोल है। कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल से हम सभी इस गंभीर बीमारी से बच सकते हैं। कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से बचने के लिए भारत समेत दुनिया के कई देशों में टीकाकरण अभियान तेजी से चल रहा है। इसी बीच कुछ यूरोपीय देशों ने एक कोरोना वैक्सीन को सवालों में घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है। नीदरलैंड, डेनमार्क, नॉर्वे और आइसलैंड के बाद जर्मनी, इटली, फ्रांस ने भी एस्ट्राजेनेका वैक्सीन(AstraZeneca Vaccine) के इस्तेमाल पर फिलहाल रोक लगा दी है। इन देशों ने वैक्सीन से खून के थक्के जमने की खबरों के बीच अपने यहां एहतियात के तौर पर एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के इस्तेमाल पर फिलहाल रोक लगा दी है।

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हालांकि, एस्ट्राजेनेका ने अपने कोरोना टीके को सुरक्षित बताया है। कंपनी ने कहा है कि इन टीकों के कारण ब्लड क्लॉट के सुबूत नहीं मिले हैं। इसके अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि डब्ल्यूएचओ ने ने जोर देकर कहा कि इसका उपयोग करना बिल्कुल सुरक्षित है। इसके अलावा यूरोपियन मेडिसिन वॉचडॉग(Europe's medicines watchdog) ने भी एस्ट्राजेनेका वैक्सीन(AstraZeneca Vaccine) को सुरक्षित बताया है।

इन देशों ने लगाई वैक्सीन पर रोक

तीन सबसे बड़े यूरोपीय संघ के देश- जर्मनी, इटली और फ्रांस ने सोमवार एहतियातन एस्ट्राजेनेका वैक्सीन(AstraZeneca Vaccine) के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। इसके बाद स्पेन, पुर्तगाल, स्लोवेनिया और लातविया ने भी अपने यहां वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगाई है। ये रोक सिर्फ यूरोपीय संघ के देशों तक सीमित नहीं है। इंडोनेशिया ने भी इस वैक्सीन के इस्तेमाल में देरी की घोषणा की है।

एस्ट्राजेनेका ने बताया सुरक्षित

ब्रिटिश-स्वीडिश दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने अपने कोरोना के टीके को पूरी तरह से सुरक्षित बताया है। कंपनी ने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि इन टीकों के कारण रक्त का थक्काकरण (ब्लड क्लॉट) हुआ है जैसा कुछ यूरोपीय देशों से रिपोर्ट आई है।

कंपनी के पास जो सूचनाएं आई हैं उसके हिसाब से यूरोपीय संघ और ब्रिटेन में अबतक रक्त थक्काकरण के 15 और वाहिका अवरोध के 22 मामले सामने आए हैं। कंपनी ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों के टीकाकरण के बीच यह आंकड़ा साइड इफेक्ट को दिखाता है। जो अन्य वैक्सीन के साथ भी हो रहा है।

डब्ल्यूएचओ ने भी बताया सुरक्षित

डब्ल्यूएचओ ने जोर देकर कहा कि टीके की सुरक्षा पर चर्चा के लिए देशों को वैक्सीन का इस्तेमाल करते रहना चाहिए।डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि हम नहीं चाहते हैं कि लोग घबराएं। हम कुछ समय के लिए ये सलाह दे रहे हैं कि कि सभी देश एस्ट्राजेनेका के साथ टीकाकरण जारी रखें।

यूरोपीय चिकित्सा एजेंसी (ईएमए), जो गुरुवार को एक विशेष बैठक आयोजित कर रही है उसने डब्ल्यूएचओ के अपील का समर्थन किया और कहा कि यह वैक्सीन लेना पूरी तरफ सुरक्षित है। एजेंसी ने सोमवार को एक बयान में कहा कि कोरोना को रोकने में एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन के लाभ अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु के जोखिम के साथ साइड इफेक्ट के जोखिमों को दूर करते हैं।

भारत में भी हो रहा इस्तेमाल

एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन का भारत में सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा कोविशील्ड के नाम से उत्पादन किया जा रहा है। भारत में टीकाकरण अभियान में कोविशील्ड के साथ ही भारत बायोटेक के स्वदेशी टीके कोवैक्सीन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। 


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