जानिए हमेशा मोदी की आलोचना करने वाले कौन हैं रामचंद्र गुहा? केरल में की मोदी की तारीफ
रामचंद्र गुहा ने केरल में राहुल गांधी की आलोचना और पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ करके सबको चौंका दिया। इससे पहले उन्हें प्रधानमंत्री की आलोचना के लिए ही जाना जाता था।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। एक समय था जब इतिहासकार रामचंद्र गुहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना के लिए जाने जाते थे। वो उनकी तमाम तरहों से आलोचना किया करते थे। मगर शुक्रवार को केरल के साहित्यिक समारोह में उन्होंने जिस तरह से राहुल गांधी को निशाना बनाया और कहा कि लोगों ने राहुल गांधी को केरल से चुनकर सबसे बड़ी गलती की है उससे राजनीति में तमाम तरह की आलोचनाएं शुरू हो गई हैं।
उन्होंने यहां तक कह दिया कि परिश्रमी व आत्मनिर्भर नरेंद्र मोदी के सामने राहुल गांधी के लिए राजनीति में फिलहाल कोई मौका नहीं है। केरल में वो देशभक्ति बनाम अंध राष्ट्रवाद के मुद्दे पर लोगों को संबोधित कर रहे थे। हम आपको बताते हैं कि आखिर कौन है रामचंद्र गुहा जिन्होंने इस तरह की बयानबाजी की और एक बार फिर से चर्चा में आ गए।
रामचंद्र गुहा की पारिवारिक पृष्ठभूमि
रामचंद्र गुहा का जन्म देहरादून, उत्तराखण्ड में 29 अप्रैल 1958 को हुआ है। यहाँ इनके पिता राम दास गुहा भारतीय वानिकी संस्थान के संचालक थे। यह उत्तराखण्ड में ही दून विद्यालय में अपनी पढ़ाई की। यहां वे दून विद्यालय के साप्ताहिक लेखक थे। इसके बाद यह स्नातक की पढ़ाई करने हेतु दिल्ली चले गए। जहाँ वे सेंट स्टीफ़न कॉलेज, दिल्ली में अर्थशास्त्र में बीए किया और वर्ष 1977 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। वो एक जाने-माने इतिहासकार और जीवनीकार हैं।। वो वह हिन्दुस्तान अखबार द टेलीग्राफ, ख़लीज टाइम्स के लिए कॉलम लिखते हैं।
येले और स्टेनफॉर्ड यूनिवर्सिटी में अध्यापन कर चुके गुहा कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी (बर्कले) में विजिटिंग प्रोफेसर रहे हैं। वह सत्र 2011-12 के लिए लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में हिस्ट्री ऐंड इंटरनेशनल अफेयर्स में फिलिप रोमन प्रोफेसर भी रहे हैं। इंडिया आफ्टर गांधी, ए कॉर्नर ऑफ ए फोरन फिल्ड, गांधी बिफोर इंडिया जैसी कई चर्चित किताबों के लेखक हैं। वह कलकत्ता के भारतीय प्रबंधन संस्थान के साथी है। मास्टर डिग्री प्राप्त करने हेतु यह दिल्ली के दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से शिक्षा प्राप्त की। इंडियन इंस्टीट्यूट मैनेजमैंट, कोलकाता (भारतीय प्रबंधन संस्थान कलकत्ता) में यह उत्तराखण्ड में वानिकी के सामाजिक इतिहास पर फैलोशिप प्रोग्राम (पीएचडी की डिग्री के समकक्ष) किया। जिसमें चिपको आन्दोलन पर ध्यान दिया। यह बाद में द अनक्वाइट वुड्स (अशांत लकड़ियाँ) नाम से प्रकाशित हुआ।
गांधीवादी विचारक
गांधीवादी विचारक गुहा ने कहा था कि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान एक महान दल रही कांग्रेस अब एक पारिवारिक कंपनी में बदल गई है। जो भारत में हिंदुत्व और अंध राष्ट्रवाद के प्रभुत्व बढ़ने के कारणों में से एक है। गुहा ने कहा कि केरल के निवासियों ने देश के लिए कई अनूठे काम किए हैं मगर उन्होंने राहुल गांधी को संसद के लिए चुनकर एक विनाशकारी काम भी कर दिया। गुहा अब 61 साल के हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि वो निजी तौर पर राहुल गांधी के खिलाफ नहीं हैं। राहुल एक भले और अच्छे संस्कार वाले आदमी हैं लेकिन भारत की युवा पीढ़ी कांग्रेस की 5 वीं पीढ़ी के युवा राहुल को पसंद नहीं कर रही है। उन्होंने साल 2024 के चुनाव को ध्यान में रखते हुए कहा कि यदि वो राहुल गांधी को दोबारा चुनने की गलती करेंगे तो वो नरेंद्र मोदी को ही लाभ पहुंचाएंगे।
मोदी की कि तारीफ
रामचंद्र गुहा ने कहा कि नरेंद्र मोदी बेहिसाब मेहनती हैं और वो छुट्टी पर यूरोप नहीं जाते हैं। उन्होंने 15 वर्षों तक गुजरात में सत्ता चलाई है। उनके पास प्रशासनिक अनुभव भी है। वह बेहिसाब मेहनती हैं और वो राहुल गांधी की तरह कभी भी छुट्टी पर यूरोप नहीं जाते।
गांधी-नेहरू परिवार की गलतियां
उन्होंने गांधी-नेहरू परिवार के बारे में कहा कि आपकी गलतियों की सजा आने वाली सात पीढ़ियों को भुगतनी होगी। गुहा ने कहा कि राहुल गांधी की वजह से नरेंद्र मोदी जवाहर लाल नेहरू का मुद्दा उठाते हैं और कहते हैं कि नेहरू ने 'चीन में यह किया, कश्मीर में यह किया, तलाक में यह किया। उन्होंने कहा कि अगर राहुल गांधी राजनीतिक परिदृश्य से गायब हो जाते हैं तो मोदी को अपनी नीतियों और अपनी असफलता के बारे में मजबूरन बात करना ही होगी।