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Sriwijaya Air Crash: 21 वर्ष है बोईंग 737-500 विमान की उम्र, जानें- इस विमान के बारे में और कुछ

बोईंग कंपनी ने अपने 737 सीरीज की शुरुआत 70 के दशक में की थी। 1990 में पहली बार बोईंग के 737-500 विमान ने उड़ान भरी थी। अपने आकार और आधुनिकता के कारण इसको काफी पसंद किया गया था।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 10 Jan 2021 11:40 AM (IST)Updated: Sun, 10 Jan 2021 11:40 AM (IST)
Sriwijaya Air Crash: 21 वर्ष है बोईंग 737-500 विमान की उम्र, जानें- इस विमान के बारे में और कुछ
आधुनिक तकनीक से लैस है ये विमान

नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। इंडोनेशिया में श्रीविजय एयर का जो विमान उड़ान के कुछ ही मिनट के बाद जावा सागर में दुर्घटनाग्रस्‍त हो गया था वो करीब 27 वर्ष पुराना था। हालांकि बोईंग के 737-500 विमान की उम्र केवल 21 वर्ष ही है। वहीं इसके दूसरे प्रकार जैसे 737-300 और 737-400 की उम्र करीब 24 वर्ष की है।

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1979 में हुई थी शुरुआत 

1979 में बोईंग कंपनी ने अपने एक ऐसे विमान पर काम करना शुरू किया था जो विशाल था और कई तरह की आधुनिक सुविधाओं से लैस भी था। फरवरी 1984 में पहली बार इस बोईंग विमान 737-300 दुनिया के सामने आया था। इसी वर्ष दिसंबर की इस विमान की सेवा भी शुरू हो गई थी। इसके बाद कंपनी ने 737-400 को बाजार में उतारा और फरवरी 1988 में इस विमान ने पहली बार उड़ान भरी थी। बोईंग विमान 737-500 ने पहली बार जून 1989 में उड़ान भरी थी और 1990 में इस विमान ने अपनी सेवाएं देनी शुरू की थी।

आधु‍निक तकनीक से लैस था विमान 

कंपनी ने बोईंग 737 के विभिन्‍न प्रकारों के विमानों में आधुनिक तकनीक का इस्‍तेमाल किया था। इसकी वजह से उड़ान के दौरान तेल की खपत को कम किया जा सका। जहां तक बोईंग 737-500 विमान की बात है तो आपको बता दें कि ये साइज में करीब-करीब 737-200 के बराबर ही था और इसमें 110-132 यात्री सफर कर सकते थे। बाद में बोईंग ने बोईंग मैक्‍स और नेक्‍स जनरेशन के विमान भी बाजार में उतारे। ये विमान खासतौर पर लंबी दूरी की उड़ान के लिए तैयार किए गए थे। कम यात्रियों के साथ लंबी उड़ान पर जाने के लिहाज से ये विमान बोईंग के 737-300 से ज्‍यादा बेहतर थे।

विमानन कंपनियों की दीवानगी 

ये विमान बोईंग के 737-200 से केवल 48 सेंमी. ही बड़ा था। इसमें CFM56-3 इंजन लगा था जो 737-200 के मुकाबले करीब 25 फीसद अधिक तेल की बचत करता था। 1987 में साउथ वेस्‍ट एयरलाइंस ने इसतरह के 20 विमानों की खरीद का ऑर्डर कंपनी को दिया था। फरवरी 1990 में उसको इसकी पहली डिलीवरी भी कर दी गई थी। ये विमान रूस की विमानन कंपनियों के लिए बेहद खास था। यही वजह थी कि इन कंपनियों ने इस विमान की खरीद में काफी दिलचस्‍पी दिखाई थी। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि रूसी विमानन कंपनियों ने अपने विमानों को बदलने के लिए सेकेंडहैंड बोईंग 737-500 विमान तक खरीदे थे।

कई हो चुके रिटायर

वर्ष 2012 तक बोईंग 737-300 और 737-500 के करीब 40 फीसद विमान रिटायर हो चुके थे। अब अधिक सुविधा वाले विमानों के आ जाने के बाद इन विमानों को जल्‍द से जल्‍द रिटायर कर नए विमानों को लगाया जा रहा है। नए विमानों की तुलना में इनका आकार अब छोटा हो गया है। हालांकि अब भी ये विमान ब्राजील, भारत, चीन, चिली, कोलंबिया, इंडोनेशिया, कुवैत, मैक्सिको, पेरू, फिलीपींस, दक्षिण कोरिया, ताइवान, थाईलैंड, यूएई और वेनेजुएला में सेवाएं दे रहे हैं। आपको यहां पर ये भी बता दें कि कई देशों में इन विमानों को रिटायर करने के बाद म्‍यूजियम के तौर पर भी रखा गया है। दिसंबर 2017 तक करीब 62 विमान दुर्घटनाग्रस्‍त हुए जिनमें 1176 लोगों की मौत हुई थी।

एक नजर में

इस विमान के आकार की बात करें तो ये करीब 31 मीटर लंबा है। वहीं इसके विंग्‍स की लंबाई करीब 29 मीटर की है। इसकी ऊंचाई की बात करें तो ये करीब 11 मीटर से कुछ अधिक है। इसका फ्यूसलाज का साइज करीब साढ़े बारह फीट चौड़ा है। आपको बता दें कि ये वही जगह होती है जहां पर विमान दो हिस्‍सों में बंटा होता है। इसके ऊपरी हिस्‍से में सीट लगी होती हैं और निचले हिस्‍से में बैगेज समेत दूसरी अहम चीजें होती हैं।

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