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कश्‍मीर में हिजबुल के आतंक का दूसरा नाम बना है 'डॉक्‍टर सैफ', असली नाम है 'मीर'

कश्‍मीर में जिस आतंकी को ि‍हिजबुल का कमांडर बनाया गया है वो डॉक्‍टर सैफ के नाम से भी जाना जाता है। वो बायोमेडिकल डिप्‍लोमा होल्‍डर है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 11 May 2020 11:02 PM (IST)Updated: Tue, 12 May 2020 11:19 AM (IST)
कश्‍मीर में हिजबुल के आतंक का दूसरा नाम बना है 'डॉक्‍टर सैफ', असली नाम है 'मीर'
कश्‍मीर में हिजबुल के आतंक का दूसरा नाम बना है 'डॉक्‍टर सैफ', असली नाम है 'मीर'

नई दिल्‍ली। उत्‍तरी कश्‍मीर में हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर रियाज नायकू के मारे जाने के बाद अब कश्‍मीर में इस संगठन की कमान सैफुल्‍लाह मीर के हाथों में सौंपी गई है। उसे ये कमान इस आतंकी संगठन के आका और भारत की मोस्‍ट वांटेड लिस्‍ट में शामिल आतंकी सैयद सलाहउद्दीन ने सौंपी है। सैफल्‍लाह मीर को गाजी हैदर के नाम से भी जाना जाता है। गाजी के अलावा जफर-उल-इस्लाम को डिप्टी कमांडर और अबु तारिक को सलाहउद्दीन ने मिलिट्री एडवाइजर बनाया गया है।

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आपको बता दें कि सेना ने अब तक हिजबुल के कई कमांडरों को मारने में सफलता हासिल की है। अब भी जब गाजी को इसकी कमान सौंपी गई है तो भारतीय सेना ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं कि वो भी अब धरती पर ज्‍यादा दिनों का मेहमान नहीं रहेगा।

बहरहाल आपको बता दें कि सैयद सलाहउद्दीन ने जिस गाजी को इसकी जिम्‍मेदारी सौंपी है उसको वर्ष 2014 में रियाज नायकू ही आतंक की राह पर लेकर गया था। गाजी दक्षिण कश्‍मीर के पुलवामा जिले का रहने वाला है। 12वीं के बाद उसने वोकेशनल स्किल सीखी। इस संगठन में गाजी को मौसेब और डॉक्‍टर सैफ भी कहा जाता है। ये नाम उसको इसलिए दिया गया क्‍योंकि वो घायल आतंकियों का इलाज करने में भी बढ़चढ़कर हाथ बटाता रहा है।

गाजी ने पुलवामा की आईटीआई से बायोमेडिकल में डिप्‍लोमा हासिल किया है। इसके अलावा तीन वर्षों तक वह श्रीनगर स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ इलेक्‍ट्रानिक्‍स एंड इंफॉर्मेशन टेक्‍नॉलॉजी में बतौर टेक्‍नीशियन जॉब भी कर चुका है। यहां से ही नायकू से उसकी पहचान भी हुई थी और गाजी आतंक की अंधेरी राह पर अपने हाथ खून से रंगने निकल पड़ा था

कश्‍मीर में गाजी 'ए' श्रेणी का आतंकी है। वह दक्षिण कश्‍मीर के शोपियां और पुलवामा में काफी सक्रिय है। वह अपने संगठन के लिए पैसा एकत्रित करने के लिए नशीले पदार्थों की तस्‍करी के अलावा लूट हत्‍या को अंजाम देता रहा है। उसके कश्‍मीर में हिजबुल आतंकियों का आका बनाने के बाद श्रीनगर की 15 कॉर्प के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्‍लों ने ट्वीट कर कहा कि कितने गाजी आए और कितने गाजी गए।

ढिल्‍लों अब डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी के डायरेक्‍टर जनरल हैं और आतंकियों की कब्र खोदने वाली 15 कॉर्प की कमान लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी के हाथों में हैं जो कारगिल युद्ध में अपनी अहम भूमिका अदा कर चुके हैं। उन्‍होंने 1 फरवरी से ही अपनी नई भूमिका शुरू की है। आपको बता दें कि नायकू की तरह ही गाजी भी सेना की टॉप हिट लिस्‍ट में शामिल एक और नाम है।

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