जानिए कौन थी जैकसन जिसे कहा गया Hidden figure और नासा से क्या था उनका कनेक्शन
जैकसन ने नासा और अंतरिक्ष के द्वार महिलाओं के लिए खोल दिए थे। वो एक ऐसी प्रतिभा थी जिनकी पहचान एक किताब के जरिए दुनिया के सामने उजागर हुई थी।
नई दिल्ली (ऑनलाइन डेस्क)। मैरी डब्लयू जैकसन, उस महिला का नाम है जिसने अमेरिकी स्पेस एजेंसी में महलाओं के लिए राह खोली थी। वो इस एजेंसी में शामिल होने वाली पहली महिला थीं जो बतौर इंजीनियर इसमें शामिल हुई थीं। अब नासा प्रमुख जिम ब्रिडेंस्टाइन ने वाशिंगटन डीसी स्थित एजेंसी के हैडक्वार्टर का नाम उनके नाम पर रखने का एलान किया है। जैकसन गणितज्ञ और एयरोस्पेस इंजीनियर थीं जिन्होंने अपनी शुरुआत वर्जीनिया में कंप्यूटिंग यूनिट से शुरू की थी। वर्ष 2019 में उन्हें मरणोपरांत Congressional Gold Medal प्रदान किया गया था।
जैकसन को मिलने वाला सम्मान ऐसे समय में दिया जा रहा है जब अमेरिका में अफीकी अमेरिकियों में नस्लीय भेदभाव को लेकर काफी गुस्सा है। अमेरिका में लगातार इसको लेकर धरना प्रदर्शन भी चल रहे हैं, जिसमें काफी संख्या में श्वेत नागरिक भी हिस्सा ले रहे हैं। इस मौके पर नासा प्रमुख ने कहा कि जैकसन ने अंतरिक्ष में जहां महिलाओं के लिए द्वार खोले थे वहीं उन्होंने इस विश्व विख्यात एजेंसी में अफ्रीकी अमेरिकन लोगों की भूमिका को भी अहमियत दिलाई थी। उन्होंने इस एजेंसी और ब्रह्मांड दुनिया की करोड़ों महिलाओं के लिए खोल दिया था और इसकी तरफ आकर्षित किया था।
उनके मुताबिक वे इस एजेंसी की छिपी रहने वाली ऐसी महिला थीं जिनके सहयोग से नासा ने कई सफल मिशन को अंजाम दिया। मिशन पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के अलावा दूसरे विशेषज्ञों ने भी उनकी इस प्रतिभा को काफी सराहा। उनके मुताबिक अब जैकसन और अधिक छिपी नहीं रह सकती हैं, ये सही भी नहीं होगा। ये एक ऐसा समय है जब उन जैसी हर महिला और खासतौर पर अफ्रीकी अमेरिकियों समेत दूसरे ऐसे लोगों को सामने लाया जाए जो इस संस्था की सफलता की कहानी लिखने में अहम भूमिका निभा चुके हैं। इन लोगों की इसी लगन की बदौलत नासा लगातार सफलता के नए आयाम गढ़ता गया है।
आपको बता दें कि नासा की ये पहली महिला इंजीनियर 2016 में उस वक्त सुर्खियों में आई थी जब उन पर लिखी गई एक किताब Hidden Figures: The American Dream and the Untold Story of the Black Women Mathematicians Who Helped Win the Space Race प्रकाशित हुई। इस किताब को मार्गोट ली शेटरली ने लिखा था। ये किताब पूरी तरह से जैकसन और उनके नासा में योगदान पर आधारित थी। इसके बाद उनपर आधारित एक हॉलीवुड मूवी भी बनी जिसमें जैकसन का किरदार अवार्ड विनिंग एक्ट्रेस जेनल मोनी ने निभाया था। ऐसे समय जब नासा के एक हैडक्वार्टर का नाम जैकसन के नाम पर रखने का एलान किया गया है तब उनकी बेटी ने कहा कि उन्हें नासा के इस कदम पर गर्व है। उन्होंने कहा कि वो केवल एक गणितज्ञ और वैज्ञानिक ही नहीं थीं बल्कि एक अच्छी मां, पत्नी और दोस्त भी थीं। उन्होंने अपने जीवन में कई लोगों की आगे बढ़कर मदद की थी, नासा हमेशा ही उनके दिल और दिमाग पर छाया रहता था।
वर्जीनिया में पैदा होने वाली जैकसन ने वहां से ही अपनी पढ़ाई भी पूरी की थी। 1942 में उन्होंने हैंप्टन इंस्टिट्यूट से गणित और फिजीकल साइंस में डिग्री हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने कुछ समय तक गणित के टीचर के रूप में मैरीलैंड के स्कूल में अपनी सेवा दी। 1951 में नेशनल एडवाइजरी कमेटी फॉर एयरोनॉटिक्स द्वारा नियुक्त हुईं। 1958 में यही नासा के रूप में स्थापित हुआ। यहां पर काम करते हुए उन्हें ह्यूमन कंप्यूटर की संज्ञा दी गई थी। उन्होंने नासा की सुपरसॉनिक प्रेशर टनल में कई तरह के प्रयोग किए। इसके बाद उनके अधिकारी ने उन्हें ट्रेनिंग प्रोग्राम का हिस्सा बनने का सुझाव दिया। इसको मानते हुए उन्होंने इसे पूरा किया और गणितज्ञ से इंजीनियर बन गईं और नासा के मिशन में अहम भूमिका निभाती चली गईं। 11 फरवरी 2005 में उनका वर्जीनिया में ही निधन हुआ था।
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