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जानिए देश में कैसे होगा टीकाकरण, शुरुआत में किन लोगों को मिलेगी वरीयता, सरकार ने किस तरह की है प्लानिंग

सीरम इंस्टीट्यूट ने सरकार को जुलाई 2021 तक कोविशील्ड की 30 करोड़ खुराक आपूर्ति करने का भरोसा दिया है। चूंकि प्रत्येक व्यक्ति को वैक्सीन की दो खुराक दी जानी है ऐसे में कोविशील्ड की आपूर्ति से सिर्फ 15 करोड़ लोगों का टीकाकरण हो पाएगा।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Sat, 02 Jan 2021 10:21 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jan 2021 10:37 PM (IST)
जानिए देश में कैसे होगा टीकाकरण, शुरुआत में किन लोगों को मिलेगी वरीयता, सरकार ने किस तरह की है प्लानिंग
देश में टीकाकरण की तैयारियां जोरों पर हैं

नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। देश में टीकाकरण की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। इसके पहले चरण के तहत प्राथमिकता वाले 30 करोड़ लोगों को जुलाई 2021 तक वैक्सीन की दो-दो खुराक दी जानी है। ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड को आपातकालीन प्रयोग के लिए हरी झंडी मिलने की संभावना सबसे ज्यादा है, लेकिन उसने जुलाई तक महज 30 करोड़ खुराक ही उपलब्ध कराने का भरोसा दिया है। अब सवाल उठता है कि बाकी 30 करोड़ खुराक कहां से आएगी? सरकार बाकी 30 करोड़ खुराक की व्यवस्था कहां से करेगी?

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इन वैक्सीन पर सबसे ज्यादा भरोसा

भारत में विकसित हो रही दो वैक्सीन कोविशील्ड व कोवैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल के लिए हरी झंडी मिलने की संभावना सबसे ज्यादा है। ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड का भारत में उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कर रही है, जबकि भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के विकास के लिए भारतीय चिकित्सा परिषद (आइसीएमआर) से हाथ मिलाया है। सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन की विशेषज्ञ समिति ने कोविशील्ड के आपातकालीन इस्तेमाल के लिए इजाजत देने की सिफारिश की है। ऐसे में माना जा रहा है कि कोविशील्ड को जल्द ही इस्तेमाल की अनुमति सरकार दे देगी।

15 करोड़ के लिए कहां से आएगी खुराक

सीरम इंस्टीट्यूट ने सरकार को जुलाई 2021 तक कोविशील्ड की 30 करोड़ खुराक आपूर्ति करने का भरोसा दिया है। चूंकि प्रत्येक व्यक्ति को वैक्सीन की दो खुराक दी जानी है, ऐसे में कोविशील्ड की आपूर्ति से सिर्फ 15 करोड़ लोगों का टीकाकरण हो पाएगा। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स के सामुदायिक चिकित्सा के असिस्टेंट प्रोफेसर हर्शल आर साल्वे कहते हैं, 'हमें दूसरी वैक्सीन को भी हरी झंडी देनी होगी, ताकि सामुदायिक टीकाकरण अभियान में उसे शामिल किया जा सके। ऐसे में लगता है कि भारत के टीकाकरण अभियान की सफलता कोवैक्सीन की सफलता पर निर्भर करती है।

दूसरी कंपनियों के साथ नहीं हुआ करार

भारत ने वैक्सीन की खरीद के लिए फाइजर या मॉडर्ना जैसी वैक्सीन निर्माता कंपनियों के साथ पहले से करार नहीं किया है। हालांकि, दोनों कंपनियों के साथ खरीद और उत्पादन के लिए बातचीत चल रही है। फाइजर ने भारत में आपातकालीन मंजूरी की मांग भी की है। फिलहाल दोनों कंपनियों की वैक्सीन की मांग ज्यादा है। ऐसे में इन दोनों कंपनियों की वैक्सीन को भारत आनन-फानन में मंजूरी दे भी देता है तो खुराक की खेप यहां आने में वक्त लगने की संभावना बनी रहेगी।

90 करोड़ लोगों का टीकाकरण जरूरी

कोविड-19 के खिलाफ हर्ड इम्युनिटी के विकास के लिए कम से कम 70 फीसद आबादी का टीकाकरण जरूरी है। ऐसे में भारत में 90 करोड़ लोगों को वैक्सीन की दो खुराक देनी होगी। ऐसे में अगर किसी अन्य वैक्सीन को भी हरी झंडी मिलती है तो 90 करोड़ लोगों के लिए 180 करोड़ खुराक की जरूरत होगी।

टीकाकरण की तैयारियां जोरों पर

देश में टीकाकरण की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। कोल्ड स्टोर, फ्रीजर, रेफ्रिजरेटर, डीप फ्रीजर आदि की खरीदारी हो चुकी है और राज्यों को इनकी आपूर्ति भी हो चुकी है। हवाईअड्डों व रेलवे स्टेशनों पर वैक्सीन के भंडारण की व्यवस्था की जा रही है।

कैसे मिलेगी कोरोना वैक्सीन (पार्ट 2)

सरकार ने आठ महीनों में 30 करोड़ लोगों के टीकाकरण की योजना की है। इसके लिए ड्राई रन जारी है। शनिवार को देश में टीकाकरण की तैयारियां परखी गईं। टीकाकरण कभी भी शुरू किया जा सकता है।

इन्हें मिलेगी वरीयता

सरकारी व निजी क्षेत्र के करीब एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों को टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाएगी। हालांकि, इसके लिए नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड-19 (एनईजीवीएसी) की सिफारिश अहम होगी। इनमें अग्रिम पंक्ति में काम करने वाले एकीकृत बाल विकास सेवा कर्मी, नर्स, सुपरवाइजर, चिकित्सा अधिकारी, पैरामेडिकल स्टाफ, सपोर्ट स्टाफ व छात्र शामिल होंगे। इनके आंकड़े जुटाए जा रहे हैं।

पुलिस व निगम कर्मी

अग्रिम पंक्ति में काम करने वाले राज्य व केंद्रीय पुलिस बल के जवान, होम गार्ड, आपदा प्रबंधन व नागरिक संगठन, जेल कर्मी, नगर निकाय कर्मी, राजस्व कर्मी आदि को टीकाकरण में वरीयता दी जाएगी। इनकी संख्या करीब दो करोड़ है।

दो उपवर्गों में बांटा गया

समूह को दो उपवर्गों में बांटा गया है- 60 से ऊपर और 50-60 से अधिक। हालिया लोकसभा व राज्यसभा के निर्वाचक सूची का इस्तेमाल करते हुए ऐसे लोगों की पहचान की जाएगी।

अधिक कोरोना संक्रमण वाले क्षेत्र

राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के जिन इलाकों में कोरोना के मामले ज्यादा आ रहे हैं, वहां के लोगों को टीकाकरण में वरीयता दी जाएगी।

ऐसे करें पंजीयन

कोविन वेबसाइट पर पर खुद को पंजीकृत करें। इसके बाद सरकार की तरफ से जारी फोटो पहचान पत्र या आधार अपलोड करें। बायोमीट्रिक या ओटीपी प्रणाली के जरिये इसकी पुष्टि की जाएगी। पंजीकरण के बाद टीकाकरण के लिए तिथि और समय का आवंटन हो जाएगा। मौके पर पंजीकरण नहीं किया जाएगा। सभी जिलाधिकारी इस प्रणाली का प्रबंधन करेंगे।


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