आप खाना चाहेंगे जेल का खाना, चौंकिए मत इसके लिए अब नहीं जाना होगा जेल!
केरल त्रिसूर स्थित वैयूर सेंट्रल जेल में बंद कैदियों की ओर से बनाए जा रहे खाने को अब ऑनलाइन बेचने का काम शुरु किया गया है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। क्या आप यकीन कर सकते हैं कि किसी जेल से रोजाना 30 हजार रोटियां, 600 किलो चिकन और 300 किलो सब्जियां बेची जा रही हैं। एकबारगी इस पर यकीन करना मुश्किल है, मगर ये सच है। अगर आप ये सच जानना चाहते हैं तो आपको ये खबर जरुर पढ़नी चाहिए। केरल में त्रिसूर स्थित वैयूर सेंट्रल जेल में बंद कैदी रोजाना इतनी रोटियां और चिकन बनाते है। इसके अलावा 300 किलो सब्जियां भी बनाई जाती है, चिकन करी भी बनता है। इतना सारा खाना जेल में बंद 100 कैदी मिलकर बनाते है। जेल में बंद कैदियों से इतना सामान मिलाकर खाना बनवाने के लिए यहां 50 लाख रुपये की लागत से एक किचन भी तैयार किया गया है। ये सभी खाना यहीं पर बनाया जाता है।
त्रिशूर के विय्यूर जेल ने भी की थी पहल
केरल के कक्कनाड जेल से पहले त्रिशूर के विय्यूर जेल की तरफ से भी इसी तरह ऑनलाइन फूड सप्लाई की पहल की गई थी। जेल के अंदर विभिन्न मामलों में बंद कैदी खाना बनाते थे, उसके बाद उसको सप्लाई किया जाता था। ऑनलाइन खाना मंगाने के साथ लोग सीधे जेल के आउटलेट से आकर भी खाना ले सकते हैं।
ऑनलाइन फूड सप्लाई करने की दिशा में रखा कदम
तमाम निजी कंपनियों की तरह ही इस जेल ने भी ऑनलाइन फूड सप्लाई करने की दिशा में कदम रखा है। इस खाने को फ्रीडम फूड फैक्ट्री के नाम से ऑनलाइन बेचने की तैयारी की जा रही है। जेल में बंद कैदियों को स्वरोजगार के तौर पर कुकिंग और फूड पैकेजिंग का काम दिया जा रहा है। खास बात यह है कि इस ऑनलाइन खाने की थाली में चिकन बिरयानी, पांच रोटियां, चिकन करी और एक बोतल मिनरल पानी की दी जाएगी। इसकी कीमत मात्र 125 रुपये रखी गई है।
खाने की गुणवत्ता से नहीं होगा समझौता
खाने के शौकीनों के लिए कक्कानाड जेल के सामने फूड डिलिवरी का काउंटर शुरू किया गया है। यह बात बेहद साफ कर दिया गया है कि जेल में बनने वाले इस खाने की गुणवत्ता बरकरार रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे ऑनलाइन खाना मंगाने वाले प्रभावित होंगे और बिक्री बढ़ेगी। जो खाना सप्लाई किया जाएगा उसके पैकेट पर एक नंबर भी लिखा होगा, इस नंबर पर पब्लिक अपना फीडबैक दे सकेगी।
एर्नाकुलम जिला जेल के अधीक्षक जगदीशन ने बताया कि जो लोग जेल से खाने का ऑर्डर करेंगे उनको निराश नहीं किया जाएगा। कोशिश की जाएगी कि जितने भी लोग ऑर्डर करें सभी की मांग पूरी की जा सके। एर्नाकुलम जिला जेल के अधीक्षक जगदीशन ने बताया कि जेल के बाहर बने आउटलेट सुबह 11 बजे से शाम चार बजे तक खुलेंगे। ऑर्डर पर डिलिवरी बॉय खाने का पैकेट काउंटर से लेंगे और उसे ग्राहक तक पहुंचाएंगे। खाने में कॉम्बो पैकेट्स का ऑफर भी अलग से रखा जाएगा।
कॉम्बो पैक में मिलेगा ये सब
इस कॉम्बो पैक में 300 ग्राम बिरयानी, एक रोस्टेड चिकेन लेग पीस, तीन रोटी, एक चिकन करी, अचार, सलाद, एक बोतल पानी और मिठाई होगी। इसकी कीमत होगी 127 रुपए होगी। खाने के लिए केले का पत्ता भी रहेगा। अभी तक इन कैदियों के द्वारा बनाया हुआ भोजन उस जेल के बाहर स्थित काउंटर पर ही बेचे जाते थे जिनमें उनके द्वारा बनाई हुई बिरयानी रोटी और करी होती थी। लेकिन अब से इसे ऑनलाइन कंपनी के माध्यम से बेचा जाएगा। जेल अधीक्षक निर्मलानंदन नायर ने बताया कि हम पहली बार कैदियों द्वारा बनाया हुआ ऑनलाइन खाना बेचने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि हमने साल 2011 में रोटियां बनाना और बेचना शुरू किया था।
ऑनलाइन बेचने के लिए स्विगी से किया करार
सेंट्रल जेल परिसर से खाना पहुंचाने के लिए जेल प्रशासन ने ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी "स्विगी' से करार किया है। केरल की जेलों में बंद कैदियों द्वारा तैयार किया गया भोजन बेचने वाला उद्यम "फ्रीडम फूड फैक्ट्री' 2011 से इस कारोबार में लगा हुआ है। वियूर जेल पहली ऐसा जेल है, जहां व्यवसायिक तौर पर चपाती बनाने और उसकी बिक्री की जा रही है। इसका आइडिया जेल के पुलिस महानिदेशक ऋषिराज सिंह ने दिया था।
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