Move to Jagran APP

भाजपा को बड़े टकराव की ओर ले जा रहा है खड़से प्रकरण

महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री एकनाथ खड़से पर लगातार लग रहे आरोपोंसे भाजपा एक बड़े टकराव की ओर अग्रसर दिखाई पड़ रही है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Tue, 31 May 2016 10:09 PM (IST)Updated: Tue, 31 May 2016 10:45 PM (IST)
भाजपा को बड़े टकराव की ओर ले जा रहा है खड़से प्रकरण

ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री एकनाथ खड़से पर एक के बाद एक आरोपों की झड़ी लगी हुई है। इससे खड़से तो संकट में हैं ही, भाजपा की महाराष्ट्र इकाई भी एक बड़े टकराव की ओर बढ़ती दिखाई दे रही है।

loksabha election banner

पढ़ें - दाऊद से बात करने में फंसे खड़से, CBI जांच के लिए HC में दस्तक

एकनाथ खड़से महाराष्ट्र की देवेंद्र फड़नवीस सरकार में सबसे वरिष्ठ मंत्री हैं। 1995 में बनी शिवसेना-भाजपा सरकार में भी उनकी गिनती वरिष्ठ मंत्रियों में ही होती थी। लेवा पाटिल समुदाय के प्रतिनिधि खड़से का मराठवाड़ा, उत्तर महाराष्ट्र एवं खानदेश इलाकों में अच्छा जनाधार है। पिछले साल भाजपा के सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री पद की दौड़ में वह देवेंद्र फड़नवीस को टक्कर देते दिखाई दे रहे थे।

पढ़ें - अब भूखंड घोटाले के विवाद में फंसे एकनाथ खडसे

जबकि मुख्यमंत्री फड़नवीस महाराष्ट्र में अपेक्षाकृत कमजोर जनाधार वाले ब्राह्माण समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं। खड़से भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे स्वर्गीय गोपीनाथ मुंडे के भी विश्वासपात्र माने जाते थे। फड़नवीस सरकार बनने के बाद पिछले साल मुंडे की बेटी कैबिनेट मंत्री पंकजा मुंडे पर चिक्की घोटाले का पहला आरोप लगा था। अब एक के बाद एक कई आरोप खड़से पर लगते जा रहे हैं।

एक के बाद एक आरोपों से असंतुष्ट हो रहा मुंडे गुट

महाराष्ट्र भाजपा का मुंडे गुट मान रहा है कि मुंडे गुट को और कमजोर करने के लिए आंतरिक राजनीति के तहत ये सारे आरोप लगाए जा रहे हैं। फोन प्रकरण से ज्यादा गंभीर समझे जा रहे पुणे के भूखंड खरीद प्रकरण में खड़से समर्थकों का कहना है कि एमआईडीसी ने जमीन मालिक को पिछले 50 वर्षो में जिस भूखंड का मुआवजा अदा नहीं किया, उसे खड़से परिवार द्वारा खरीदा जाना किसी तरह की अनियमितता के दायरे में नहीं आता है।

खड़से या पंकजा मुंडे पर लगने वाले राजनीतिक आरोपों पर पार्टी के अन्य नेताओं की चुप्पी मुंडे गुट को असहज कर रही है। उनका मानना है कि उनपर लग रहे आरोप भले ही कांग्रेस, राकांपा या आम आदमी पार्टी की ओर से लगाए जा रहे हों, लेकिन उन्हें खाद-पानी पार्टी के अंदर से मुहैया कराई जा रही है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री फड़नवीस को जल्दी ही अपने मंत्रिमंडल का विस्तार भी करना है। यदि आरोपों के चलते खड़से को मंत्रिमंडल से हटना पड़ा या उनका वजन कम किया गया, तो पार्टी के अंदर दरार और चौड़ी हो सकती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.