कोरोना और समुद्र के पानी से कटाव से जूझ रहे इस गांव के 14 वर्षीय लड़के ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, लगाई मदद की गुहार
10वीं कक्षा के छात्र एडगर सेबस्टियन (Edgar Sebastian) ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) को पत्र लिखकर अपने गांव और परिवार के लिए मदद का आग्रह किया है।
कोच्चि, एएनआइ। कोरोना महामारी और समुद्र के पानी से कटाव के बीच, कोच्चि के एक तटीय गांव में रहने वाले 10वीं कक्षा के छात्र एडगर सेबस्टियन (Edgar Sebastian) ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) को पत्र लिखकर अपने गांव और परिवार के लिए मदद का आग्रह किया है।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, कोरोना से जूझ रहा यह तटीय गांव, पिछले एक हफ्ते से समुद्र के रोष का सामना कर रहा है। इस गांव के सैकड़ों लोगों में कोरोना के संक्रमण की पुष्टि की जा चुकी है। सेबेस्टियन के परिवार में भी कोरोना संक्रमण के मरीज मौजूद हैं। उसने राष्ट्रपति को 25 जुलाई को पत्र लिखकर मदद मांगी है।
उसने पत्र में लिखा, "मेरा गांव चेल्लनम इस वक्त आपदाओं की चपेट में है, लेकिन हमारी मदद के लिए कोई नहीं है। मैं इसी डर के कारण यह पत्र लिख रहा हूं। जब से मैंने होश संभाला है मुझे याद है, मेरे माता-पिता, साल में दो बार मुझे और मेरे भाई को लेकर हमारा घर छोड़कर चले जाते हैं। गर्मियों और मानसून के दौरान समुद्री कटाव के कारण मेरे घर में पानी घुस जाता था। इस साल 16 जुलाई से समुद्री कटाव शुरू हो गया है। हमेशा की तरह, हम अपने रिश्तेदार के घर जाने के लिए तैयार हो गए थे, लेकिन हमारे क्षेत्र में COVID-19 के संक्रमण के कारण नहीं जा सके।"
सेबेस्टियन ने अपने खत के जरिए राष्ट्रपति को बताया कि कैसे वह भूख हड़ताल समेत कई विरोध प्रदर्शनों का हिस्सा रहा है। इसके साथ ही उसने अपने पिता और क्षेत्र के अन्य लोगों के साथ, तट पर परिवारों की रक्षा के लिए समुद्र से बचाव के लिए एक दीवार के निर्माण की मांग की है।
सेबेस्टियन ने अपने पत्र में आगे कहा, "समुद्री लहरें चेल्लनम में लगभग सभी घरों में घुस गई हैं। इनकी वजह से अब तक 400 के करीब घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं और छह घर पूरी तरह से नष्ट हो चुके हैं, लेकिन कोई हमारी मदद को आगे नहीं आया है। घरों में पानी घुसने के कारण मेरी और मेरे दोस्तों की सभी चीजें खो गई हैं, मैंने स्कूल की पाठ्यपुस्तकें भी खो दी हैं।
इस मामले में राष्ट्रपति के हस्तक्षेप की गुजारिश करते हुए, सेबेस्टियन ने कहा, "मैंने अध्ययन किया है कि अरब सागर भारत की सीमाओं में से एक है। मेरा मानना है कि आपके पास सीमा की रक्षा करने की जिम्मेदारी है। आप मेरी आखिरी उम्मीद हैं। मैं विनम्रतापूर्वक आपसे इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध करता हूं और हमें बचाने के लिए दीवार निर्माण का आग्रह करता हुं।" सेबेस्टियन को अभी तक उसके पत्र का जवाब नहीं मिला है, लेकिन उसे उम्मीद है कि राष्ट्रपति इसे नोटिस करेंगे और मामले में हस्तक्षेप करेंगे।