Kerala Nun Case: आरोपित बिशप के खिलाफ प्रदर्शन करने वाली नन को कारण बताओ नोटिस
फ्रांसिस्कन पादरी धर्मसभा (FCC) ने निष्कासित सिस्टर लूसी कलप्पुरा के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
कोच्चि, एएनआइ। फ्रांसिस्कन पादरी धर्मसभा (FCC) ने निष्कासित सिस्टर लूसी कलप्पुरा के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया है। एफसीसी ने लूसी से स्थानीय बिशप के खिलाफ अपनी पुलिस शिकायत वापस लेने की मांग की है और माफीनामा जारी करने को कहा है। गौरतलब है कि कलप्पुरा, दुष्कर्म में आरोपित बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ पिछले साल सितंबर में विरोध करने वाली पांच ननों में से एक हैं।
एफसीसी से निष्कासित
बता दें कि इससे पहले लूसी कलप्पुरा को इस महीने के शुरू में एफसीसी से उन्हें निष्कासित किया गया है। धर्मसभा ने एफसीसी के कानून के खिलाफ अपनी जीवनशैली के बारे में संतोषजनक जवाब नहीं सौंपने के कारण निष्कासित किया है। धर्मसभा ने अपना रुख कड़ा करते हुए नन की बुजुर्ग मां को पत्र जारी कर उन्हें घर ले जाने के लिए कहा है। इसके बाद पिछले हफ्ते नन ने धर्मसभा से निष्कासित किए जाने के फैसले के खिलाफ वेटिकन में अपील दायर की। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया है कि केरल की चर्च में उनके एक फेक वीडियो के आधार पर उनका शोषण किया गया है। लूसी को उनके कॉन्वेंट पर अवैध तरीके से बंधक भी बनाया गया था। फिलहाल केरल पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर किया था।
प्रदर्शन के बाद से निशाने पर
जानकारी अनुसार, दुष्कर्म के आरोपित बिशप की गिरफ्तारी की मांग को लेकर हुए प्रदर्शन के बाद से ही नन कलप्पुरा चर्च के अधिकारियों के निशाने पर हैं। उन्हें चर्च से नोटिस आने शुरू हो गए थे। नन कलप्पुरा ने धर्मसभा के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।
क्या है मामला
पादरी बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर आरोप है कि उन्होंने साल 2014 और 2016 में एक नन से के साथ दुष्कर्म किया था। इस दौरान वह जालंधर में डायोसिस थे। इसके बाद से उनके खिलाफ आंदोलन हुए और इन आंदोलन में एक नन लुसी भी शामिल हुईं थी। इस पूरे मामले पर जब बिशप मुलक्कल पर आरोप तय हो गए थे तो उनकी गिरफ्तारी भी की गई थी। इसके बाद उन्हें कुछ समय बाद जमानत मिल गई थी। इसके बाद से केरल समेत पूरे देश में ये मामला छाया हुआ है।