केरल हाई कोर्ट ने लाइफ मिशन की सीबीआइ जांच पर लगाई रोक, विजयन सरकार को मिली राहत
इस मामले पर वडाक्कानचेरी के कांग्रेस विधायक अनिल अक्कारा की शिकायत पर सीबीआइ ने कोच्चि की कोर्ट में भादवि की धारा 120 बी और विदेशी अंशदान (नियमन) अधिनियम 2010 की धारा 35 के तहत मामला दाखिल कराया है।
कोच्चि, एजेंसियां। केंद्रीय जांच एजेंसियों की सवालिया निगाहों का सामना कर रही पिनराई विजयन सरकार को केरल हाई कोर्ट ने मंगलवार को राहत दे दी। कोर्ट ने लाइफ मिशन हाउसिंग प्रोजेक्ट में अनियमितता की सीबीआइ जांच पर दो महीने तक अंतरिम रोक लगा दी है। यह मुख्यमंत्री का पसंदीदा प्रोजेक्ट है।
लाइफ मिशन ने पिछले महीने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआइ द्वारा दर्ज एफआइआर निरस्त करने की मांग की थी। हाई कोर्ट ने लाइफ मिशन की मांग खारिज कर दी। हाई कोर्ट ने केवल वडाक्कानचेरी लाइफ मिशन हाउसिंग प्रोजेक्ट में विदेशी अंशदान (नियमन) अधिनियम का उल्लंघन करने की सीबीआइ जांच पर रोक लगाई है। मामले में विस्तृत सुनवाई जारी रहेगी, क्योंकि कोर्ट ने दो प्राइवेट एजेंसियों यूनिटेक बिल्डर्स और सैने वेंचर्स की भूमिका की जानकारी मांगी है। इन्हीं दोनों एजेंसियों ने त्रिचूर के वडाक्कानचेरी में फ्लैट बनाने का ठेका लिया है।
एअप्पेन ने भी कोर्ट से एफआइआर निरस्त करने की मांग की है
वडाक्कानचेरी के कांग्रेस विधायक अनिल अक्कारा की शिकायत पर सीबीआइ ने कोच्चि की कोर्ट में भादवि की धारा 120 बी और विदेशी अंशदान (नियमन) अधिनियम 2010 की धारा 35 के तहत मामला दाखिल कराया है। सीबीआइ ने एफआइआर में यूनिटेक बिल्डर, कोच्चि के प्रबंध निदेशक संतोष एअप्पेन को प्रथम आरोपित और सैने वेंचर्स को दूसरा आरोपित बनाया है। एअप्पेन ने भी कोर्ट से एफआइआर निरस्त करने की मांग की है।
क्या है संदेह का कारण
कांग्रेस विधायक अक्कारा ने बिल्डिंग प्रोजेक्ट में गैरकानूनी काम होने का आरोप लगाते हुए सवाल उठाया था। इस प्रोजेक्ट के लिए यूएई स्थित चैरिटी रेड क्रेसेंट से कोष आया है। मुख्यमंत्री विजयन ने कहा था कि केवल जमीन देने के अलावा राज्य की इसमें कोई भूमिका नहीं है, लेकिन केरल सोना तस्करी मामले के सामने आने के बाद से चीजें बदल गई। यह प्रोजेक्ट भी यूएई वाणिज्य दूतावास के ही माध्यम से आया है ।