Move to Jagran APP

केरल के राज्‍यपाल बोले- CAA के खिलाफ पास प्रस्‍ताव की कोई संवैधानिक वैधता नहीं

केरल के राज्‍यपाल आरिफ मोहम्‍मद खान ने कहा कि सीएए के खिलाफ पारित प्रस्‍ताव की कोई कानूनी या संवैधानिक वैधता नहीं है क्योंकि नागरिकता विशेष रूप से एक केंद्रीय विषय है।

By Tilak RajEdited By: Published: Thu, 02 Jan 2020 11:42 AM (IST)Updated: Thu, 02 Jan 2020 12:46 PM (IST)
केरल के राज्‍यपाल बोले- CAA के खिलाफ पास प्रस्‍ताव की कोई संवैधानिक वैधता नहीं
केरल के राज्‍यपाल बोले- CAA के खिलाफ पास प्रस्‍ताव की कोई संवैधानिक वैधता नहीं

तिरुवनंतपुरम, एएनआइ। नागरिकता संशोधन एक्‍ट को वापस लेने की मांग वाले एक प्रस्‍ताव को पारित किए जाने पर केरल के राज्‍यपाल आरिफ मोहम्‍मद खान ने कहा कि इस प्रस्‍ताव की कोई कानूनी या संवैधानिक वैधता नहीं है, क्योंकि नागरिकता विशेष रूप से एक केंद्रीय विषय है। इसलिए असल में इस प्रस्‍ताव काकोई मतलब नहीं है। इससे पहले गृह मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि कोई भी राज्‍य इस कानून को लागू करने से मना नहीं कर सकता है। राज्‍यों को हर हाल में नागरिकता संशोधन कानून को लागू करना ही पड़ेगा।

loksabha election banner

राज्‍यपाल ने कहा, 'ये बड़ी चौंकाने वाली बात है कि जिस सरकार ने संविधान की शपथ ली है, वो गैर संवैधानिक बात कर रही है। राज्‍य सरकार कह रही है कि नागरिकता संशोधन कानून राज्य में नहीं लागू होने देंगे। ऐसे लोगों को यह याद रखना चाहिए कि ये कानून संसद द्वारा पारित है। नागरिकता देना या लेना संविधान की सातवीं अनुसूची का विषय है और इस पर कानून बनाने का अधिकार सिर्फ संसद को है। संसद नागरिकता संबंधी किसी विषय पर कानून बना सकती है।'

बता दें कि केरल विधानसभा में नागरिकता संशोधन एक्‍ट को वापस लेने की मांग वाले एक प्रस्‍ताव को पारित किया है। माकपा नीत सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और कांग्रेस नीत विपक्षी संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने केरल विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव का समर्थन किया। सिर्फ भाजपा सदस्य इसका विरोध करते नजर आए। पिनराई विजयन ने विधानसभा में कहा कि मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि केरल में कोई भी डिटेंशन सेंटर नहीं बनेगा। बता दें कि पिनराई विजयन ने कहा है कि वह नागरिकता संशोधन कानून को केरल में लागू नहीं होने देंगे।

गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून पर विरोध बेवजह है। इस कानून को लेकर सोशल मीडिया पर काफी भ्रम फैलाया जा रहा है। इस कानून से भारत के किसी भी धर्म के शख्‍स की नागरिकता नहीं छीनी जाएगी। ये कानून सिर्फ पाकिस्‍तान, बांग्‍लादेश और अफगानिस्‍तान में रहने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी, जैन और ईसाई धर्म के शोषित लोगों को भारत की नागरिकता हासिल करने की राह आसान करता है। भारत के मुस्लिमों या किसी भी धर्म और समुदाय के लोगों की नागरिकता को इस कानून से खतरा नहीं है।

CAA पर विरोध प्रदर्शन कर रही महिला का पाकिस्‍तान कनेक्‍शन

तमिलनाडु में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर(NRC) का विरोध करने वाली एक महिला पुलिस की नजर में आ गई है। दरअसल, इस महिला के सोशल मीडिया प्रोफाइल से पता चलता है कि वह पाकिस्‍तान के किसी संगठन में शोधकर्ता हैं। चेन्‍नई के पुलिस आयुक्‍त ए के विश्‍वनाथन ने बताया कि यह पता करने के लिए हमने जांच शुरू कर दी है कि महिला का पाकिस्‍तान से कोई सीधा संबंध है या नहीं। इस महिला ने कुछ महिलाओं के साथ मिलकर कोलम (रंगोली) बनाकर विरोध प्रदर्शन किया था। पुलिस आयुक्‍त ने बताया, 'हम जांच कर रहे हैं कि गायत्री खंधादाई का पाकिस्‍तान के बाइट्स फॉस ऑल से संबंध है या नहीं? यह महिला नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चेन्‍नई के कोलम में हुए विरोध प्रदर्शन में नजर आई थी। अगर आप गायत्री का फेसबुक प्रोफाइल देखते हैं, तो पता चलता है कि वह बाइट्स फॉस ऑल पाकिस्‍तान की शोधकर्ता हैं।' उन्‍होंने बताया कि इस संस्‍था का एसोसिएशन ऑफ ऑल पाकिस्‍तान सिटीजन जर्नलिस्‍ट्स के साथ संबंध होने का शक है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.