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Kerala Gold Scam : एनआइए ने पांच ठिकानों पर मारे छापे, ईडी ने स्वप्ना सुरेश के आरोपों को खारिज किया

Kerala gold smuggling case एनआइए ने मलापुरम और कोझीकोड जिले के पांच ठिकानों पर छापेमारी की है। वहीं ईडी ने मामले की मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश के उस ऑडियो क्लिप में किए बल प्रयोग करने के दावों को खारिज कर दिया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 20 Nov 2020 04:58 PM (IST)Updated: Fri, 20 Nov 2020 04:58 PM (IST)
Kerala Gold Scam : एनआइए ने पांच ठिकानों पर मारे छापे, ईडी ने स्वप्ना सुरेश के आरोपों को खारिज किया
एनआइए ने मलापुरम और कोझीकोड जिले के पांच ठिकानों पर छापेमारी की है।

कोच्‍ची/नई दिल्‍ली, एजेंसियां। केरल सोना तस्‍करी मामले में एनआइए ने मलापुरम और कोझीकोड जिले के पांच ठिकानों पर छापेमारी की है। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, इस तलाशी अभियान में एनआइए के हाथ कई अहम दस्‍तावेज और इलेक्‍ट्रानिक सामान बरामद हुए हैं। इस बीच प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले की मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश के उस ऑडियो क्लिप में किए बल प्रयोग करने के दावों को खारिज कर दिया।

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आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एजेंसी मनी लॉन्ड्रिंग ट्रेल के इस मामले की गहराई से जांच कर रही है जिसमें कई शामिल हैं। मालूम हो कि एक ऑनलाइन न्यूज पोर्टल पर बुधवार को एक क्लिप जारी हुई थी जिसमें मामले की मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश की आवाज होने का दावा किया गया था। इस क्लिप में सुरेश ने कथित तौर पर कहा है कि सोना तस्करी के इस मामले की जांच कर रही एजेंसियों ने उन्हें मुख्यमंत्री पी विजयन का नाम लेने को मजबूर किया था।

स्वप्ना सुरेश ने यह भी कहा था कि उन्‍होंने एजेसियों की बात मानने से से इनकार कर दिया। ऑडियो क्लिप में यह भी दावा किया गया था कि स्‍वप्‍ना को अपना बयान पढ़े बिना उस पर दस्तखत करने के लिए दबाव बनाया गया... इस क्लिप के सामने आते ही प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया था। जेल विभाग के डीजीपी रिषिराज सिंह ने दक्षिण जोन के डीआईजी अजय कुमार को मामले की जांच करने के निर्देश दिए थे।

अब प्रवर्तन निदेशालय ने स्वप्ना सुरेश के उक्‍त आरोपों को खारिज कर दिया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने केरल जेल विभाग को पत्र लिखकर कहा है कि वह इसकी जांच करे कि जेल में आरोपियों द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए ऐसी क्लिप को कैसे रिकॉर्ड किया गया। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि यदि यह क्लिप वाकई सही है तो यह कानूनी प्रक्रियाओं का एक गंभीर उल्लंघन है। इसका उद्देश्य जांच को प्रभावित करना है।


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