केरल के गोल्ड स्मगलिंग केस में मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश का खुलासा, बताया इतने दिन कहां रही
कस्टम अधिकारियों द्वारा 5 जुलाई को 30 किलोग्राम सोने की तस्करी का पर्दाफाश होने के बाद स्वप्ना अपने सह-आरोपी संदीप नायर के साथ कोच्चि चली गई थी।
कोच्चि, एएनआइ। केरल के गोल्ड स्मलिंग केस की मुख्य आरोपी ने बयान में खुलासा किया है कि कस्टम अधिकारियों द्वारा 5 जुलाई को 30 किलोग्राम सोने की तस्करी का पर्दाफाश होने के बाद वो अपने सह-आरोपी संदीप नायर के साथ कोच्चि चली गई थी। यहां ये दोनों पेरुमानूर में एक होटल में दो दिन तक रुके थे।
उन्होंने सीमा शुल्क विभाग को दिए अपने बयान में यह खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा तस्करी का पर्दाफाश होने के बाद वो अपने परिवार और वकील के साथ वर्कला पहुंची थी। इसके बाद यहां से संदीप और स्वप्ना कोच्चि भाग गए, लेकिन राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा आखिरकार उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
इसके अलावा स्वप्ना ने यह भी बताया कि उन्होंने यूएई वाणिज्य दूतावास में सितंबर 2019 तक महावाणिज्यदूत के सचिव के रूप में काम किया था जिसके बाद उन्होंने वहां से इस्तीफा दे दिया।
गौरतलब है कि सीमा शुल्क विभाग ने तिरुअनंतपुरम हवाईअड्डे पर पांच जुलाई को करीब 15 करोड़ रुपये के 30 किलोग्राम सोने की तस्करी का पर्दाफाश किया था। सोना संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के महावाणिज्य दूत के नाम पर एयर कार्गो में छिपाकर भेजा गया था।
बता दें कि एजेंसी ने इस मामले में 25 लोगों को आरोपी बनाया है, जिनमें से 20 की गिरफ्तारी हो चुकी है। कोच्चि की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने इससे पहले केरल सोने की तस्करी मामले में तीन प्रमुख अभियुक्तों - सरिथ पीएस, स्वप्ना सुरेश और संदीप नायर की न्यायिक हिरासत 9 सितंबर तक बढ़ा दी थी।
वहीं, कुछ दिन पहले सचिवालय में लगी आग के बाद विपक्षी दल (भाजपा और कांग्रेस) ने सरकार को घेरने की कोशिश की थी। भाजपा और कांग्रेस का सरकार पर आरोप था कि सोना तस्करी मामले से जुड़ी सारी फाइलें जला दी गई हैं। इसके बाद केरल के कानून मंत्री एके बालन ने विपक्ष के इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि भाजपा और कांग्रेस, सचिवालय में लगी आग के बारे में झूठ फैला रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की थी कि मामले से जुड़ी कोई भी फाइल नहीं जली है। इसके अलावा फाइलों का डाटा ई-फाइलों में भी सेव करके रखा गया है।