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आपके किचन पर भी पड़ेगा केरल की विनाशकारी बाढ़ का असर

बाढ़ ने न सिर्फ राज्य की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है बल्कि इसका असर अब दूसरे राज्यों में भी महसूस किया जाने लगा है।

By Brij Bihari ChoubeyEdited By: Published: Mon, 20 Aug 2018 06:57 PM (IST)Updated: Mon, 20 Aug 2018 09:27 PM (IST)
आपके किचन पर भी पड़ेगा केरल की विनाशकारी बाढ़ का असर
आपके किचन पर भी पड़ेगा केरल की विनाशकारी बाढ़ का असर

नई दिल्ली (जेएनएन)। अपने बेमिसाल प्राकृतिक सौंदर्य और संतुलित आर्थिक विकास के कारण हमेशा चर्चा में रहने वाला देश का दक्षिणी राज्य केरल इन दिनों विनाशकारी बाढ़ के कारण सुर्खियों में है। इस बाढ़ ने न सिर्फ राज्य की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है बल्कि इसका असर अब दूसरे राज्यों में भी महसूस किया जाने लगा है। यहां तक कि आपका किचन भी इसके असर से अछूता नहीं है क्योंकि वहां से मसालों की सप्लाई प्रभावित हुई है जिसकी वजह से उनकी कीमतें बढ़ रही हैं।

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फसलों को नुकसान

केरल में आई इस प्राकृतिक आपदा के कारण फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा अगले सीजन की बुआई भी प्रभावित होने की आशंका है। इन वजहों से मसालों की कीमतों में 20 फीसद तक की बढोतरी दर्ज की जा चुकी है। राजधानी दिल्ली में खारी बावली के मसाला कारोबारियों की मानें तो कीमतों में और तेजी आने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।

काली मिर्च से लेकर इलायची तक पर असर

दिल्ली में काली मिर्च से लेकर जायफल और जावित्री तक की सप्लाई केरल से ही होती है। राज्य का इदुक्की जिला, जहां काली मिर्च की सबसे ज्यादा खेती होती है, बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित है। इसी तरह इलायची की भी सप्लाई पर असर पड़ा है। हालांकि अभी राजधानी में इन मसालों के स्टॉक पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा है लेकिन भविष्य की आशंका में कीमतें तेज हो रही हैं। 

सभी मसालों में तेजी

कोच्चि के मसाला कारोबारियों का कहना है कि इलायची का पौधा छोटा होता है जबकि कालीमिर्च का बड़ा। इसलिए इलायची की फसल को ज्यादा नुकसान होने की आशंका है। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार शनिवार को नीलामी केंद्रों पर छोटी इलायची के भाव 150 रुपये बढ़कर 1,266-1,540 रुपये प्रति किलो हो गए। बोर्ड के मुताबिक फसल सीजन 2017-18 के दौरान केरल में मसालों की बुवाई 1,62,660 हेक्टेयर में हुई जबकि उत्पादन का अनुमान 1,40,050 टन था, जो इसके पिछले साल 1,30,060 टन से ज्यादा था। अब इसमें 10-25 फीसद नुकसान की आशंका जताई जा रही है। फिलहाल खेतों में पानी जमा है। स्थिति सामान्य होने के बाद ही नुकसान का सही आकलन हो पाएगा। बाढ़ आने से पहले मसाला बोर्ड ने 22,000 टन कालीमिर्च, 18,340 टन छोटी इलायची और 13,750 टन जायफल के उत्पादन का अनुमान लगाया था।

काजू, चाय, कॉफी को भी नुकसान
बाढ़ से केरल में काजू, चाय और कॉफी की फसल को भी नुकसान की आशंका है। भूस्खलन से चाय की फसल को 15-20 फीसद, कॉफी को 10-15 फीसद और काजू की फसल को 10-15 फीसद नुकसान की आशंका है। काजू बोर्ड के मुताबिक देश में चौथे सबसे बड़े उत्पादक केरल में काजू की फसल को नुकसान का असर किसानों के साथ ही उद्योग को भी होगा। 

बाढ़ की चपेट में 30 हजार हेक्टेयर खेतिहर जमीन

केरल सरकार के अनुसार बाढ़ की वजह से 30 हजार हेक्टेयर खेती की जमीन चपेट में आ चुकी है। राज्य में कई मसालों की बुआई सितंबर-अक्टूबर में होती है। दूसरी तरफ, अभी मानसून सीजन खत्म नहीं हुआ है और पूरे सितंबर भर राज्य में बारिश का अंदेशा बना रहेगा। इसके मद्देनजर मसालों की वास्तविक बुआई के रकबे के बारे में अभी से कुछ नहीं कहा जा सकता है। यह अनिश्चितता मसालों की कीमतों को बढ़ाने का काम कर रही है। शुरुआती अनुमान के मुताबिक इस वजह से राज्य के किसानों को लगभग 700 करोड़ रुपये से अधिक नुकसान होने की आशंका है।

आवक बंद होने से बढ़ रही कीमतें
गोल्डी मसाले के निदेशक सुदीप गोयनका ने बताया कि केरल विश्व का सबसे बड़ा मसाला केंद्र है। बाढ़ से मसाले की आवक पूरी तरह बंद है। कीमतें बढ़ रही हैं। त्योहार और सहालग पर मांग बढ़ेगी तो इसका असर दिखेगा। छह माह में कीमतें नीचे आने की उम्मीद नहीं है।

अशोक मसाले के निदेशक सुरेश गुप्ता ने बताया कि जो फसल जमीन के अंदर थी वह सड़ चुकी है। पेड़ के ऊपरी हिस्सों पर लगने वाले मसालों पर भी असर पड़ा है। कीमतें बढ़ने से ब्रांडेड मसाले वालों को भी रेट बढ़ाने होंगे क्योंकि क्वालिटी से समझौता नहीं कर सकते।

कानपुर किराना मर्चेट एसोसिएशन के अध्यक्ष अवधेश बाजपेई ने बताया कि कितनी फसल खराब हुई है, इसका पता तो तब चलेगा जब बाढ़ का पानी उतरेगा। किसान भी फसल से पहले अपने घर पर ध्यान देगा। खासतौर पर काली मिर्च, सोंठ, दालचीनी, इलायची की कीमतों पर असर पड़ रहा है।


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