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सोना तस्करी मामले में केरल विधानसभा स्पीकर और कस्टम के बीच टकराव, कहा- बगैर उनकी अनुमति नहीं होगी पूछताछ

इसके बाद कस्टम विभाग ने जब उन्हें औपचारिक ईमेल भेजा तो जवाब आया कि विधानसभा कामकाज नियमावली की धारा 165-ए के तहत स्पीकर तथा विधानसभा को संरक्षण प्राप्त है तथा स्पीकर की सहमति के बिना अय्यप्पन कस्टम के समक्ष पेश नहीं होंगे।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Thu, 07 Jan 2021 08:51 PM (IST)Updated: Thu, 07 Jan 2021 09:22 PM (IST)
सोना तस्करी मामले में केरल विधानसभा स्पीकर और कस्टम के बीच टकराव, कहा- बगैर उनकी अनुमति नहीं होगी पूछताछ
केरल विधानसभा स्पीकर पी. श्रीरामकृष्णन की फाइल फोटो

तिरुअनंतपुरम, आइएएनएस। केरल में हाई प्रोफाइल सोना तस्करी मामले में विधानसभा स्पीकर पी. श्रीरामकृष्णन के सहायक निजी सचिव के. अय्यप्पन से कस्टम विभाग की पूछताछ को लेकर टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। कस्टम विभाग के समन पर अय्यप्पन दो बार उसके समक्ष पेश नहीं हुए। पहली बार यह कहते हुए पेश होने से मना कर दिया कि उन्हें लिखित में समन नहीं किया गया और सिर्फ फोन पर सूचना दी गई।

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इसके बाद कस्टम विभाग ने जब उन्हें औपचारिक ईमेल भेजा तो जवाब आया कि विधानसभा कामकाज नियमावली की धारा 165-ए के तहत स्पीकर तथा विधानसभा को संरक्षण प्राप्त है तथा स्पीकर की सहमति के बिना अय्यप्पन कस्टम के समक्ष पेश नहीं होंगे।

किसी को भी किसी जांच को लेकर डरने की जरूरत नहीं: पी. श्रीरामकृष्णन

स्पीकर श्रीरामकृष्णन ने कहा है कि विधानसभा परिसर में बगैर उनकी अनुमति न तो किसी को गिरफ्तार किया जा सकता है और न ही किसी से पूछताछ की जा सकती है। उन्होंने कहा, 'किसी को भी किसी जांच को लेकर डरने की जरूरत नहीं है। विधानसभा संचालन के सभी नियमों तथा प्रक्रियाओं का पालन किया जाएगा। इसलिए विधानसभा परिसर में कोई भी कानूनी कार्रवाई उनकी अनुमति लेकर ही की जा सकती है।'

इन दलीलों के बावजूद कस्टम विभाग ने अय्यप्पन को तीसरा नोटिस भेजा है। इस बार यह नोटिस अय्यप्पन के सरकारी निवास पर भेजकर उन्हें पूछताछ के लिए शुक्रवार को कोच्चि स्थित अपने मुख्यालय में पेश होने को कहा है।

दूसरी ओर, विपक्ष के उपनेता केसी जोसेफ (कांग्रेस) ने कहा है कि धारा 165-ए के तहत सिर्फ विधायकों को संरक्षण हासिल है, न कि स्पीकर के स्टाफ को।

मालूम हो कि राजनयिक चैनल के जरिये सोना तस्करी के इस संवेदनशील मामले में कस्टम के अलावा प्रवर्तन निदेशालय तथा राष्ट्रीय जांच एजेंसी भी राज्य के बाहर विदेश में भी जांच कर रही है। एनआइए इस मामले में अब तक 21 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है तथा मुख्यमंत्री पी. विजयन के पूर्व प्रधान सचिव एम. शिवशंकर न्यायिक हिरासत में हैं। तस्करी का यह मामला तिरुअनंतपुरम में पिछले साल 5 जुलाई को उस समय उजागर हुआ था, जब एक राजनयिक बैगेज में 14.82 करोड़ रुपये मूल्य का 30 किलो सोना पकड़ा गया था।


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