COVID-19 Lockdown: प्रैक्टिस में रमे खिलाड़ी, रख रहे अपनी फिटनेस का पूरा ध्यान
कोविड19 के संक्रमण का भय सभी के दिलोदिमाग पर छाया हुआ है। ऐसे में खिलाड़ी घर में उपलब्ध इक्विपमेंट्स या जुगाड़ से अपनी फिटनेस का ध्यान रख रहे हैं।
अंशु सिंह। खिलाड़ियों की दिनचर्या ही अलग होती है। जीवन में एक अनुशासन होता है। वे विपरीत परिस्थितियों एवं नाकामियों को स्वीकार करना जानते हैं। लेकिन इस लॉकडाउन ने उनकी भी कड़ी मानसिक परीक्षा ली है। न जिम जा सकते हैं और न ग्राउंड पर प्रैक्टिस संभव है। हालांकि अब स्टेडियम आदि खोलने की इजाजत सरकार ने दे दी है। बावजूद इसके, कोविड19 के संक्रमण का भय सभी के दिलोदिमाग पर छाया हुआ है।
ऐसे में खिलाड़ी घर में उपलब्ध इक्विपमेंट्स या जुगाड़ से अपनी फिटनेस का ध्यान रख रहे हैं। क्रिकेटर मोहम्मद शमी वैसे तो कुछ समय से खेल से दूर ही हैं। इसी बीच लॉकडाउन हो गया और वे अपने परिवार के पास अमरोहा चले गए। लेकिन वहां उनका मन कहां मानने वाला था। शमी अपने फार्म में ही जमकर अभ्यास करने लगे। दौड़ने से लेकर वेट लिफ्टिंग सब कर रहे हैं।
वर्कआउट से मिलती खुशी : स्क्वैश खिलाड़ी जेनेट विधि के सामने इस लॉकडाउन में सबसे बड़ी चुनौती मूड स्विंग की रही है। इसके लिए वे नियमित रूप से एक्सरसाइज कर रही हैं। पौष्टिक आहार ले रही हैं। लेकिन साथ ही अपने पैरेंट्स को खूब परेशान भी कर रही हैं। वे बताती हैं, पहली बार इतने लंबे अर्से तक घर में रहना हुआ है। ऐसे में मैं सिर्फ शारीरिक फिटनेस के लिए वर्कआउट नहीं करती, बल्कि इससे मेरा मूड भी अच्छा होता है। एक्सरसाइज के बाद एंडॉर्फिन्स (हारमोन) निकलते हैं, तो मुझे संतुष्टि, खुशी और सुकून तीनों मिलती है। फिर मैं अपने पैरेंट्स को थोड़ा कम तंग करती हूं।
ऐनी फ्रैंक ने भी कहा है कि आलस आपको आकर्षित कर सकता है, लेकिन वर्कआउट करने से संतोष मिलता है। जेनेट घर के फर्नीचर्स, चेयर आदि की मदद से एक्सरसाइज करने के अलावा योग आसन भी करती हैं। कहती हैं, मुझे भुजंग आसान काफी पसंद है, क्योंकि इससे स्पाइन में लचीलापन आता है। फेफड़े खुलते हैं। पाचन तंत्र ठीक रहता है और आलस नहीं आता। इस लॉकडाउन में डॉक्टर्स इम्युनिटी का भी खास ध्यान रखने की सलाह दे रहे हैं। जेनेट क्या कर रही हैं, पूछने पर बताती हैं, मैं घर पर बना ग्रीन टी लेती हूं। इस चाय में लौंग, अदरक, काली मिर्च, दालचीनी, किशमिश एवं तुलसी भी मिली होती है।
खेतों में कर रहे अभ्यास : पैरालिंपिक जैवलिन थ्रोअर रिंकू हुडा इन दिनों अपने गांव में हैं। वहीं, खेतों में उनकी प्रैक्टिस भी हो रही है। कहते हैं, मैंने ज़िंदगी से यही सीखा है मेहनत करते रहो। कभी रुकना नहीं। चाहे हालात कैसे भी हों। किसी के सामने झुकना नहीं। इसके अलावा,कभी परिस्थितियों से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि जो समय मिला है, उसका सदुपयोग करना चाहिए।
अपने परिवार के साथ समय बिताएं। नियमित रूप से एक्सरसाइज आदि करते रहें। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी रहती है। वैसे, रिंकू को ग्राउंड की बहुत याद आती है। लेकिन कहते हैं कि खेत भी ग्राउंड से कम नहीं हैं। उनके अनुसार, हर छोटा बदलाव बड़ी कामयाबी का हिस्सा होता है। इसलिए सकारात्मक रहें।
एक्सरसाइज से समझौता नहीं : गुरुग्राम के अल्ट्रा मैराथन रनर एवं आयरन मैन अभिषेक मिश्रा ने इस लॉकडाउन में भी अपने रूटीन से कोई समझौता नहीं किया है। सुबह की रनिंग से लेकर बाकी एक्सरसाइज भी नियमित कर रहे हैं। वे बताते हैं कि सुबह 18 किलोमीटर की रनिंग और 100 पुशअप करने के बाद जो संतुष्टि मिलती है, उससे बाकी बातों पर ध्यान ही नहीं जाता।
अभी गर्मी का पारा यूं ही चढ़ा हुआ है, लेकिन इससे इनके मनोबल पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। अभिषेक कहते हैं, अनिश्चितताएं हमें काफी कुछ सिखाती हैं। हम जिंदगी को अलग-अलग रूपों में देखना और उसे जीना शुरू कर देते हैं। मैं यही मानता हूं कि ट्रेनिंग या अभ्यास का कोई विकल्प नहीं है। इसे जितना एंजॉय करते हुए करेंगे, उतना फायदा होगा।
मनोबल बनाए रखने की अपील : इस वैश्विक महामारी के बाद हुए लॉकडाउन ने बहुत से लोगों के मानसिक संतुलन को आघात पहुंचाया है। फिर वह खिलाड़ी ही क्यों न हों। यही वजह रही कि स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने खिलाड़ियों के लिए ऑनलाइन कंसल्टेशन सेशन आयोजित किया, ताकि उनके मनोबल को ऊंचा रखा जा सके। इसके अलावा, शूटर मनु भाकर से लेकर बॉक्सर विकास कृष्णन, सभी ने अपने साथी खिलाड़ियों से संयम रखने की अपील की। मनु ने अपने ट्विटर पर पोस्ट किया, लड़ाई अभी लंबी है। संभल जाओ। तैयार रहो। यदि दिशा नहीं बदलते हैं, तो संभव है कि अपनी मंजिल पर पहुंच जाएंगे। वहीं, विकास ने खिलाड़ियों से अपने-अपने घरों में जम्प, पुशअप करते रहने की सलाह दी है।