कठुआ कथित दुष्कर्म मामला: कोर्ट में सबूत के लिफाफे खाली मिलने पर उठे सवाल
कठुआ मामले में सबूत के तौर पर पेश किए गए मृत बच्ची के बाल के लिफाफे जज के सामने खाली निकलने पर क्राइम ब्रांच की जांच पर सवालिया निशान उठने लगे हैं।
जम्मू (जागरण संवाददाता)। पठानकोट सेशन कोर्ट में कठुआ मामले की चल रही सुनवाई के दौरान गत दिवस सबूत के तौर पर पेश किए गए मृत बच्ची के बाल के लिफाफे जज के सामने खाली निकलने पर क्राइम ब्रांच की जांच पर सवालिया निशान उठने लगे हैं। घटना को लेकर कोर्ट में उस समय बचाव पक्ष के वकील हैरान रह गए कि जब अभियोजन पक्ष ने फोरेंसिक लैब की ओर से सीलबंद लिफाफे कोर्ट में पेश किए और जब अभियोजन पक्ष के वकील ने जज के सामने बालों के चार सीलबंद लिफाफे खोले तो सभी खाली निकले।
बचाव पक्ष के वकील एके साहनी ने इसे बड़ी कोताही मानते हुए दैनिक जागरण से कहा कि अगर लिफाफों में बाल ही नहीं थे तो इन सील बंद लिफाफों को कोर्ट में पेश करने का क्या औचित्य था? गौरतलब है कि क्राइम ब्रांच ने अपनी चार्जशीट में यह दावा किया है कि मृतका के कुछ बाल देव स्थान से मिले थे। मामले में जम्मू संभाग के कठुआ जिले के रसाना गांव में आठ साल की बच्ची की सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी।
अदालत में खाली लिफाफे खुलने के संबंध में जब राज्य फोरेंसिक लैब के अधिकारियों से बात की तो नाम न छापने के अनुरोध पर एक्सपर्ट ने बताया कि जब भी लैब में जांच के लिए कोई मैटीरियल आता है तो जांच के बाद उसे मुहरबंद लिफाफे में सील कर उसे संबंधित एजेंसी को सौंप दिया जाता है, जो मामले की तफ्तीश कर रही होती है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अदालत में सुबूत के तौर पर पेश लिफाफों को फोरेंसिक लैब के उसी अधिकारी की मौजूदगी में खोला जाता है, जिसने मैटीरियल की जांच की होती है।
मामले की संवेदनशीलता का हवाला देते हुए क्राइम ब्रांच का कोई अधिकारी मामले पर बोलने के तैयार नहीं। बच्ची का शव 17 जनवरी को मुख्य आरोपित सांझी राम के घर के सामने से मिला था, जबकि मामले की जांच 22 जनवरी को जम्मू कश्मीर पुलिस से क्राइम ब्रांच की विशेष जांच टीम को सौंप दी गई थी। क्राइम ब्रांच की विशेष टीम ने जांच की बागड़ोर संभाली। उसके बाद ही क्राइम ब्रांच ने देव स्थान से मृतका के चार बाल मिलने का चार्जशीट में दावा किया। दिल्ली फोरेंसिक ने भी जांच रिपोर्ट में मृतका और एक आरोपित के बाल होने की पुष्टि की है।