Move to Jagran APP

मनी लांड्रिंग मामले में कार्वी समूह के सीएमडी व सीएफओ गिरफ्तार, 2,873 करोड़ रुपए के गबन का आरोप

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिंग मामले में कार्वी स्टाक ब्रोकिंग समूह के मुख्य प्रबंध निदेशक (सीएमडी) सी पार्थसारथी और मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) जी कृष्ण हरि को गिरफ्तार किया है। मामला ग्राहकों के 2873 करोड़ रुपये के घोटाले से जुड़ा है।

By Amit SinghEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 08:22 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 08:22 PM (IST)
मनी लांड्रिंग मामले में कार्वी समूह के सीएमडी व सीएफओ गिरफ्तार, 2,873 करोड़ रुपए के गबन का आरोप
मनी लांड्रिंग मामले में कार्वी समूह के सीएमडी व सीएफओ गिरफ्तार (जागरण.काम, फाइल फोटो)

नई दिल्ली, प्रेट्र: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिंग मामले में कार्वी स्टाक ब्रोकिंग समूह के मुख्य प्रबंध निदेशक (सीएमडी) सी पार्थसारथी और मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) जी कृष्ण हरि को गिरफ्तार किया है। मामला ग्राहकों के 2,873 करोड़ रुपये के घोटाले से जुड़ा है। ईडी ने गुरुवार को बताया, गिरफ्तारी के बाद 20 और 25 जनवरी को दोनों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 27 से 30 जनवरी तक एजेंसी की हिरासत में भेज दिया गया है।

loksabha election banner

एचडीएफसी बैंक ने दर्ज कराया था केस

धोखाधड़ी में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से दोनों अभी तक बेंगलुरु की जेल में बंद थे। मामला एचडीएफसी बैंक द्वारा दर्ज कराई गई कई एफआइआर पर आधारित है। कुछ अन्य बैंकों और निवेशकों ने भी आरोप लगाया है कि उनके धन को कार्वी समूह द्वारा अवैध रूप से दूसरे कामों में लगाया गया था। ईडी इससे पहले कार्वी समूह के विभिन्न कर्मचारियों के बयान दर्ज कर चुकी है।

ग्राहकों की सिक्योरिटी का दुरुपयोग

प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक कार्वी समूह के वरिष्ठ प्रबंधन ने अपने ग्राहकों की सिक्योरिटी का दुरुपयोग किया है। साथ ही धोखाधड़ी से ऋण जुटाने के लिए डिज़ाइन किए गए ट्रांजेक्शन के जटिल वेब का खुलासा किया है। लोन की रकम को बाद में संबंधित कंपनियों के माध्यम से घुमाया गया और बाद में इसे उसके मुख्य उद्देश्य से हटा दिया गया। साथ ही बताया जा रहा है कि जिन ग्राहकों को कार्वी स्टाक ब्रोकिंग लिमिटेड (केएसबीएल) को कोई फंड नहीं देना था, उनके शेयर भी केएसबीएल के मार्जिन और पूल खाते में स्थानांतरित कर दिए गए। जिसके बाद उन्हें बैंकों और एनबीएफसी के साथ गिरवी रखा गया था।

पावर आफ अटार्नी का दुरुपयोग

प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि एक्सचेंज सेटलमेंट की सुविधा के लिए केएसबीएल को क्लाइंट्स द्वारा दिए गए पावर आफ अटार्नी (पीओए) का सीएमडी और वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर केएसबीएल द्वारा घोर दुरुपयोग किया गया था। पार्थसारथी और हरि मुख्य साजिशकर्ता थे जिन्होंने दूसरों को निर्देश दिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.