खुफिया एजेंसियों का अलर्ट, करतारपुर कॉरिडोर का आतंकी गतिविधियों में हो सकता है इस्तेमाल
भारतीय खुफिया एजेंसियों ने चेताया है कि खालिस्तानी एलिमेंट और सिख फॉर जस्टिस यानी एसएफजे जैसे संगठन पाकिस्तान पहुंचकर एकबार फिर अलगाववाद को हवा दे सकते हैं।
नई दिल्ली, आइएएनएस। बहुप्रतीक्षित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब कॉरिडोर का कल शानिवार को उद्घाटन हुआ। इसके साथ ही बाबा नानक (गुरदासपुर) श्री गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व मना रहे सिख समाज की 72 साल की अरदास पूरी हो गई। लेकिन, भारतीय खुफिया एजेंसियों ने सचेत किया है कि पाकिस्तान में मौजूद खालिस्तानी तत्व इस गलियारे का दुरुपयोग भारत में अलगाववाद भड़काने में कर सकते हैं।
एजेंसियों ने चेताया है कि अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा जैसे दूसरे देशों में मौजूद खालिस्तानी एलिमेंट और सिख फॉर जस्टिस यानी एसएफजे जैसे संगठन पाकिस्तान पहुंचकर अलगाववाद को हवा दे सकते हैं। बता दें कि पाकिस्तानी में बैठे हैंडलर एसएफजे के जरिए पंजाब के स्थानीय आतंकियों को आर्थिक और सैन्य मदद पहुंचाते हैं। वैसे भारत इस बारे में चिंता जता चुका है कि पाकिस्तान अपने यहां मौजूद गुरुद्वारों का इस्तेमाल खालिस्तानी संदेशों को फैलाने में कर रहे हैं।
बता दें कि एसएफजे का प्रमुख अवतार सिंह पन्नुन Avtar Singh Pannun और गुरपतवंत सिंह पन्नुन Gurpatwant Singh Pannun भारत से अलग खालिस्तानी राज्य की वकालत करते रहे हैं। यही कारण है कि भारत खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (KLF), बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI), खालिस्तान कमांडो फोर्स (KCF), खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (KZF) और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (ISYF) जैसे प्रतिबंधित संगठनों को पुनर्जीवित करने के पाक के प्रयासों से चिंतित है।
समाचार एजेंसी आइएएनएस की रिपोर्ट में कहा गया है कि मोदी सरकार द्वारा Jammu and Kashmir से अनुच्छेद 370 खत्म (revocation of Article 370) किए जाने के बाद पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठनों में भारी बेचैनी है। पाकिस्तान के आतंकी संगठन भारत को अस्थिर करना चाहते हैं। इसके लिए वो भारत में हथियारों की तस्करी कर रहे हैं। इसके लिए वो चीनी ड्रोन की मदद ले रहे हैं। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने इसे लेकर भी चिंता जताई है। सनद रहे कि हाफिज सईद का सहयोगी गोपाल सिंह चावला को करतारपुर साहिब कॉरिडोर की प्रबंधन समिति का सदस्य बनाए जाने के बाद भारत ने आपत्ति जताई थी। पाकिस्तान का यह कदम भी उसके मंसूबों की ओर इशारा करता है।