कर्नाटक सरकार ने कक्षा छह की पाठ्यपुस्तक से ब्राह्मणों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली सामग्रियां हटाने के दिए निर्देश
कर्नाटक सरकार ने कक्षा छह की सामाजिक विज्ञान पाठ्यपुस्तक से उन सामग्रियों को हटाने का निर्देश दिया है जिनमें कथित तौर पर ब्राह्मणों के लिए अपमानजनक बातें लिखी गई हैं। ब्राह्मण विकास बोर्ड की शिकायत के बाद उक्त निर्देश जारी किए गए हैं...
बेंगलुरू, पीटीआइ। कर्नाटक सरकार (Karnataka Government) ने कक्षा छह की सामाजिक विज्ञान पाठ्यपुस्तक से उन सामग्रियों को हटाने का निर्देश दिया है जिनमें कथित तौर पर ब्राह्मणों के लिए अपमानजनक बातें लिखी गई हैं। राज्य सरकार ने यह निर्देश ब्राह्मण विकास बोर्ड की शिकायत के बाद जारी किया है। ब्राह्मण विकास बोर्ड ने शिकायत की थी कि पाठ्यपुस्तक ब्राह्मण समुदाय के लिए अपमानजनक बातें लिखी गई हैं।
प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री एस सुरेश कुमार (S Suresh Kumar) ने अपने विभाग के उच्च अधिकारियों को लिखे एक नोट में कहा है कि शिक्षकों और विशेषज्ञों की एक समिति बनाई जाए जो कक्षा एक से 10 दस तक की पाठ्यपुस्तकों में इस तरह की सामग्रियों की जांच कर सके। समिति को 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने और जरूरी कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
ब्राह्मण विकास बोर्ड ने इस संबंध में मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) से शिकायत की थी कि पुस्तक में लिखी सामग्री ब्राह्मण समुदाय (Brahmin community) के लिए अपमानजनक है और इसे हटाया जाना चाहिए। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्रालया मुत्त (Mantralaya mutt) के एक संत ने इस बारे में फोन करके मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को ब्राह्मण समुदाय की भावनाओं से अवगत कराया था।
उक्त शिकायत सामने आने के बाद शिक्षा मंत्री एस सुरेश कुमार (S Suresh Kumar) ने स्पष्ट किया था कि मौजूदा सरकार की ओर से यह गलती नहीं हुई है। येदियुरप्पा सरकार (BS Yediyurappa) के सत्ता में आने के बाद पाठ्यपुस्तक कोई नए अध्याय नहीं जोड़ा गया है ना तो पाठ्यक्रम में कोई बदलाव ही हुआ है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि जो भी गलती हुई है उसे तुरंत ठीक किया जाएगा।
राज्य में पढ़ाई जाने वाले कक्षा 6 की सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में कहा गया है कि देश में नए धर्मों के जन्म कई वजहों से हुए। इसमें एक वजह संस्कृत भी थी। संस्कृत पुरोहितों की भाषा थी जिसे आम आदमी नहीं समझ सकता था। यही नहीं पाठ्यपुस्तक में यह भी कहा गया है कि देश में भोजन की कमी थी क्योंकि होम हवन (अग्नि संस्कार) में बड़ी मात्रा में खाद्यान्न, दूध, घी और अन्य सामग्रियों की आहूति दी जाती थी।