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लव जिहाद पर रोक का कानून बनाएगी कर्नाटक सरकार, विधानसभा के शीत सत्र के दौरान विधेयक पेश करने की तैयारी

विधानसभा के सोमवार से शुरू हुए शीत सत्र के दौरान मतांतरण विरोधी विधेयक पेश करने की तैयारी कर रही कर्नाटक की भाजपा सरकार आने वाले दिनों में लव जिहाद पर प्रतिबंध लगाने संबंधी विधेयक भी पेश करेगी। पढ़ें यह रिपोर्ट...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 13 Dec 2021 07:21 PM (IST)Updated: Mon, 13 Dec 2021 07:59 PM (IST)
लव जिहाद पर रोक का कानून बनाएगी कर्नाटक सरकार, विधानसभा के शीत सत्र के दौरान विधेयक पेश करने की तैयारी
कर्नाटक की भाजपा सरकार आने वाले दिनों में लव जिहाद पर प्रतिबंध लगाने संबंधी विधेयक भी पेश करेगी।

बेलगावी, पीटीआइ। विधानसभा के सोमवार से शुरू हुए शीत सत्र के दौरान मतांतरण विरोधी विधेयक पेश करने की तैयारी कर रही कर्नाटक की भाजपा सरकार आने वाले दिनों में लव जिहाद पर प्रतिबंध लगाने संबंधी विधेयक भी पेश करेगी। राज्य के ऊर्जा मंत्री वी. सुनील कुमार ने यह जानकारी दी। मुस्लिमों द्वारा हिंदू लड़कियों को प्यार के जाल में फंसाकर उन्हें मतांतरण के लिए मजबूर करने के कथित अभियान को दक्षिणपंथी कार्यकर्ता लव जिहाद कहते हैं।

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विधानसभा सत्र से इतर पत्रकारों से बातचीत में सुनील कुमार ने कहा, 'हम शुरू से कहते थे कि भाजपा सरकार गोवध विरोधी कानून और मतांतरण विरोधी कानून लाएगी, हम उनके लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं एक कदम आगे जाऊंगा और कहता हूं कि आने वाले दिनों में हम लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाएंगे।'

लव जिहाद के खिलाफ कानून के संबंध में सरकार ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि अधिकारियों को इस संबंध में उत्तर प्रदेश में जारी अध्यादेश के बारे में जानकारी एकत्रित करने को कहा गया है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'कुछ संगठन सार्वजनिक रूप से दावा करते हैं कि वे मतांतरण में शामिल नहीं हैं और यह उनका मकसद नहीं है, फिर वे मतांतरण विरोधी कानून के खिलाफ क्यों हैं।'

उल्‍लेखनीय है कि रविवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने संकेत दिए थे कि मतांतरण विरोधी विधेयक के मसौदे को जल्द ही राज्य कैबिनेट स्वीकृति प्रदान करेगी। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक इसे बेलगावी में विधानसभा के शीत सत्र में पेश किया जा सकता है।

बोम्मई ने रविवार को कहा था कि बहुसंख्यक लोग मतांतरण पर प्रतिबंध चाहते हैं। राज्‍य सरकार का कानून विभाग इस मसौदा विधेयक की समीक्षा कर रहा है। समीक्षा के बाद यह विषय (विधानसभा सत्र में) चर्चा के लिए आ सकता है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया था कि किसी भी धार्मिक समुदाय के लोगों को इस कानून से घबराने की जरूरत नहीं है।


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