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कर्नाटक के एक सरकारी स्कूल ने शुक्रवार की नमाज की अनुमति दी, हिंदू संगठन नाराज

इंटरनेट मीडिया पर वायरल वीडियो में मुस्लिम छात्रों को कक्षा के भीतर शुक्रवार की नमाज पढ़ते देखा जा रहा है। शनिवार को प्रदर्शन में शामिल एक पूर्व छात्र ने मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई कोलार के सांसद एस मुनिस्वामी और शिक्षा विभाग के अधिकारियों से हस्तक्षेप की मांग की है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 07:38 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 07:38 PM (IST)
कर्नाटक के एक सरकारी स्कूल ने शुक्रवार की नमाज की अनुमति दी, हिंदू संगठन नाराज
अभिभावकों और पूर्व छात्रों ने स्कूल में किया प्रदर्शन

कोलार, प्रेट्र। कर्नाटक के कोलार जिले में मुल्बागल कस्बे के सरकारी स्कूल में प्रशासन की स्कूल परिसर में ही मुस्लिम छात्रों को शुक्रवार (जुमा) की नमाज पढ़ने की अनुमति से अभिभावक, पूर्व छात्र और हिंदू संगठन नाराज हो गए हैं। शुक्रवार की नमाज की अनुमति देने के खिलाफ सोमेश्वरपल्या स्थित बालेचंगप्पा सरकारी कर्नाटक माडल सेकेंडरी स्कूल में अभिभावकों और पूर्व छात्रों के प्रदर्शन की अगुआई हिंदू संगठनों ने की।

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इंटरनेट मीडिया पर वायरल वीडियो में मुस्लिम छात्रों को कक्षा के भीतर शुक्रवार की नमाज पढ़ते देखा जा रहा है। शनिवार को प्रदर्शन में शामिल एक पूर्व छात्र ने मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई, कोलार के सांसद एस मुनिस्वामी और शिक्षा विभाग के अधिकारियों से हस्तक्षेप की मांग की है। पूर्व छात्र ने कहा कि शुक्रवार की नमाज से एक गलत उदाहरण स्थापित होगा। शिक्षा विभाग के अधिकारियों से यह दोबारा नहीं होने देने का अनुरोध किया है।

स्कूल की एक शिक्षिका ने आरोपों से किया इन्कार

एक अन्य अभिभावक ने आरोप लगाया कि स्कूल प्रशासन की सहमति से यह हर सप्ताह हो रहा है। स्कूल की एक शिक्षिका ने आरोप से इन्कार किया कि हर सप्ताह नमाज पढ़ी जाती है। उन्होंने कहा कि केवल पिछले शुक्रवार को जब वह और अन्य शिक्षक लंच के दौरान स्कूल से बाहर थे तब नमाज पढ़ी गई थी। प्रखंड शिक्षा अधिकारी की ओर से उन्हें फोन कर पूछा गया कि स्कूल परिसर के भीतर शुक्रवार की नमाज पढ़ने की अनुमति क्यों दी गई। जब वह भागकर स्कूल पहुंची तो उन्होंने मुस्लिम लड़कों को नमाज पढ़ते पाया।

स्कूल का रहा है अच्छा इतिहास

वहीं, इस पूरे मामले पर स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रिंसिपल के इस फैसले से इलाके के लोगों को दुख पहुंचा है। रामकृष्णप्पा जो स्‍कूल के निकट ही रहते हैं, उन्होंने बताया कि इस स्कूल का एक स्वर्णिम इतिहास रहा है। यहां से कई छात्र आइएएस और आइपीएस अधिकारी बन चुके हैं।


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