ब्राह्माणों को जाति, आय प्रमाणपत्र जारी करेगी कर्नाटक सरकार; योजनाओं का मिलेगा लाभ
राज्य सरकार से केंद्र सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों और केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों की तर्ज पर राज्य में भी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 फीसद आरक्षण लागू करने की मांग की है।
बेंगलुरु, आइएएनएस। कर्नाटक सरकार राज्य में ब्राह्माणों को जाति और आय प्रमाणपत्र जारी करने पर विचार कर रही है। एक अधिकारी ने कहा कि राज्य की सात करोड़ की आबादी में ब्राह्माणों की संख्या महज तीन फीसद है। अधिकारी ने बताया कि हालांकि राज्यभर में आबादी के लिहाज से ब्राह्माण अल्पसंख्यक हैं, लेकिन उन्हें एससी, एसटी और ओबीसी समूह की तरह कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए जाति और आय प्रमाणपत्रों की जरूरत है। कर्नाटक राज्य ब्राह्माण विकास बोर्ड की स्थापना मार्च 2019 में पांच करोड़ रुपये की अधिकृत पूंजी और पांच करोड़ रुपये की इक्विटी के साथ राज्य संचालित कंपनी के रूप में हुई थी और यह रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के साथ पंजीकृत है।
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 फीसद आरक्षण लागू करने की मांग
बोर्ड के चेयरमैन एचएस सच्चिदानंद मूर्ति ने कहा कि बोर्ड ने राज्य सरकार से केंद्र सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों और केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों की तर्ज पर राज्य में भी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 फीसद आरक्षण लागू करने की मांग की है।
इस मांग पर बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि राज्य सरकार ब्राह्माणों को भी जाति प्रमाणपत्र जारी करने पर विचार करेगी, ताकि उन्हें राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि ब्राह्माणों के जिस परिवार की आमदनी सालाना आठ लाख रुपये से कम होगी, उसे सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा।