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किसान ने प्रधानमंत्री से कहा- 'धन्यवाद', 'मन की बात' में तालाबों की खुदाई को लेकर की थी सराहना

कर्नाटक में मानसून आने से पहले बारिश के पानी के भंडारण के लिए 80 वर्षीय किसान ने एक दो नहीं कुल 16 तालाबों की खुदाई कर दी जिसकी सराहना प्रधानमंत्री ने अपने रेडियो प्रोग्राम मन की बात में की।

By Monika MinalEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2020 06:08 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 06:08 PM (IST)
किसान ने प्रधानमंत्री से कहा- 'धन्यवाद', 'मन की बात' में तालाबों की खुदाई को लेकर की थी सराहना
किसान ने प्रधानमंत्री से कहा- 'धन्यवाद', 'मन की बात' में तालाबों की खुदाई को लेकर की थी सराहना

बेंगलुरु, आइएएनएस। तालाब खुदाई के प्रयासों की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' में सराहना की जिसके बाद कर्नाटक के किसान कामेगौड़ा ने पीएम को 'धन्यवाद' कहा है। 85 वर्षीय कामेगौड़ा पेशे से किसान हैं और उन्होंने मानसून आने से पहले बारिश की पानी के भंडारण के लिए कर्नाटक में कुल 16 तालाबों की खुदाई करवाई। जल संसाधन विभाग के अधिकारी ने आइएएनएस को बताया कि जब कामेगौड़ा को इस बात की जानकारी हुई कि उनकी मेहनत के बारे में प्रधानमंत्री ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम में जिक्र किया है और उनके प्रयासों को सराहा है तो उन्हें काफी खुशी हुई।

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कामेगौड़ा ने मांड्या जिले के मंडावली (Mandavalli) तालुक स्थित दसनडोड्डी (Dasanadoddi) गांव में बारिश के पानी के भंडारण हेतु तालाबों की खुदाई का काम कराया। मैसूर जाने के रास्ते में बेंगलुरु के दक्षिणपश्चिम में 100 किमी की दूरी पर मांड्या (Mandya) स्थित है। रविवार को रेडियो प्रोग्राम 'मन की बात (Mann ki Baat)' में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के दक्षिण पश्चिम में मानसून के आने से पहले लोगों को बारिश के पानी का संरक्षण करने की प्रैक्टिस करनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बेहतरीन प्रयास होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 80 से अधिक उम्र होने के बावजूद कामेगौड़ा ने कर्नाटक में कठिन परिश्रम कर 15 तालाबों की खुदाई की। वे साधारण किसान हैं लेकिन उनकी शख्सियत असाधारण है। उनका यह काम उन्हें सबसे अलग करता है। इस उम्र में कामेगौड़ा पशुओं को चराने ले जाते हैं और अपने गांव में तालाबों की खुदाई की। प्रधानमंत्री ने अपने देशव्यापी संबोधन में कहा, 'जब कामेगौड़ा से उनका मकसद पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस इलाके में पानी की कमी थ्ज्ञी इसलिए उन्होंने तालाब बनाने का फैसला किया। कामेगौड़ा ने तालाब बड़ा नहीं बनाया है लेकिन इसके पीछे उनका प्रयास काफी बड़ा है।' जल संसाधन विभाग के अधिकारी ने बताया, 'कामेगौड़ा देश की जनता के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं वे चार दशकों से जल निकायों को बनाने में प्रयासरत हैं।' राज्य सरकार ने कामेगौड़ा को 2019 में राज्योत्सव अवार्ड से सम्मानित किया।


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