लंबित मामलों की शिमला में सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं कंगना, मुंबई में जान का बताया खतरा
अभिनेत्री और उनकी बहन ने आरोप लगाया कि उन्हें आशंका है कि यदि इन मामलों की सुनवाई मुंबई में की जाती है तो उनके जीवन और संपत्ति को खतरा होगा क्योंकि शिवसेना नीत महाराष्ट्र सरकार उन्हें परेशान कर रही है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनोट और उनकी बहन रंगोली चंदेल ने अपने खिलाफ लंबित मामलों को मुंबई से शिमला की अदालत में स्थानांतरित किए जाने का अनुरोध करते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है। दोनों बहनों ने आरोप लगाया कि यदि मुंबई में उनके खिलाफ दर्ज मामलों की सुनवाई होती है, तो उनके विरुद्ध शिवसेना नेताओं में बदले की भावना के कारण उनकी जान को खतरा होगा। अभिनेत्री और उनकी बहन ने आरोप लगाया कि उन्हें आशंका है कि यदि इन मामलों की सुनवाई मुंबई में की जाती है, तो उनके जीवन और संपत्ति को खतरा होगा, क्योंकि शिवसेना नीत महाराष्ट्र सरकार उन्हें परेशान कर रही है।
वकील नीरज शेखर के जरिये दायर याचिका में कहा गया है, यदि इन मामलों की सुनवाई मुंबई में होती है, तो याचिकाकर्ताओं के खिलाफ शिवसेना के नेताओं में बदले की भावना के कारण उनके जीवन को खतरा हो सकता है। याचिका में उनके खिलाफ दर्ज शिकायतों एवं प्राथमिकियों संबंधी सुनवाई मुंबई से शिमला की सक्षम अदालत में स्थानांतरित किए जाने का अनुरोध किया गया है। इनमें गीतकार जावेद अख्तर द्वारा कंगना के खिलाफ दर्ज कराई गई मानहानि की शिकायत भी शामिल है। इसमें कहा गया है कि अभिनेत्री ने पिछले साल एक समाचार चैनल को साक्षात्कार दिया था, जिसमें उन्होंने 2016 में अख्तर से मुलाकात के बारे में बात की थी। इसके बाद गीतकार ने कंगना के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई। इसमें मुंबई में अली काशिफ खान देशमुख द्वारा दर्ज प्राथमिकी को भी स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया है, जो कोरोना महामारी के दौरान चिकित्सकों पर हमले को लेकर गुस्सा जाहिर करने वाले चंदेल के ट्वीट से संबंधित है।
कर्नाटक हाई कोर्ट ने कार्यवाही पर रोक लगाने से किया इन्कार
कर्नाटक हाई कोर्ट ने मंगलवार को कंगना रनोट के खिलाफ जारी कार्यवाही पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया। तुमकुर के न्यायिक मजिस्ट्रेट ने नौ अक्टूबर, 2020 को कृषि कानूनों का विरोध करने वाले किसानों को लेकर ट्वीट करने के कारण पुलिस को अभिनेत्री के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था। कंगना ने एफआइआर को रद कराने के लिए कर्नाटक हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस पर जस्टिस एचपी संदेश ने उनके वकील से कहा कि पहले आप कार्यालय की आपत्ति का अनुपालन कीजिए। इसके बाद हम आपकी बात सुनेंगे।