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आइफा के लिए कमल नाथ सरकार ने दिए थे पौने 22 करोड़ रुपये, अब कोरोना पर होगे खर्च

कमल नाथ सरकार ने आइफा के लिए विज क्राफ्ट कंपनी से पार्टनरशिप की थी। इसके लिए मप्र पर्यटन बोर्ड के जरिये तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने विभिन्न उद्योगों से पौने 12 करो़ड़ रुपये की रकम एकत्र की थी। सरकार ने अपने हिस्से से 10 करो़ड़ रुपये विज कंपनी को दिए थे।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 04 Oct 2020 06:15 AM (IST)Updated: Sun, 04 Oct 2020 06:15 AM (IST)
आइफा के लिए कमल नाथ सरकार ने दिए थे पौने 22 करोड़ रुपये, अब कोरोना पर होगे खर्च
आइफा अवार्ड की ट्राफी की फाइल फोटो।

 भोपाल, राज्‍य ब्‍यूरो। मध्य प्रदेश में आइफा के आयोजन के लिए विभिन्न उद्योगों से मिले पौने 12 करो़ड़ रुपये की रकम शिवराज सरकार कोराना से बचाव पर खर्च करेगी। कमल नाथ सरकार ने आइफा के आयोजन के लिए विज क्राफ्ट इंटरटेनमेंट कंपनी के साथ पार्टनरशिप की थी। इसके लिए मप्र पर्यटन बोर्ड के जरिये तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने विभिन्न उद्योगों से पौने 12 करो़ड़ रुपये की रकम एकत्र की थी।

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तत्कालीन सरकार ने अपने हिस्से से 10 करो़ड़ रुपये विज कंपनी को दिए थे। अब राज्य सरकार ने करार रद करते हुए रकम वापस मांगी है, जिसे कोरोना से बचाव पर खर्च किया जाएगा। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आइफा का आयोजन रद करने का फैसला पहले ले लिया था। अब रकम वसूलने का निर्णय लिया गया है। 

विभिन्न उद्योगों से पौने 22 करोड़ रुपये की रकम एकत्र की थी आइफा के लिए
सूत्रों के मुताबिक मेघा इंजीनियरिंग से 1.16 करो़ड़, एसईसीएल से 29 लाख, बि़ड़ला ग्रुप से 1.18 करो़ड़, अल्ट्राट्रेक सीमेंट से 464 करो़ड़, एनसीएल से 29 लाख, महानंदी कोलफील्ड्स से 29 लाख, वेलस्पन कंपनी से 1.18 करो़ड़ और डीआरएम कंपोसाइट्स से 3.48 करो़ड़ रुपये मप्र पर्यटन बोर्ड को प्राप्त हुए थे। पर्यटन बोर्ड ने यह रकम विजक्राफ्ट इंटरटेनमेंट कंपनी के खाते में भेज दी थी, लेकिन अब सरकार ने आयोजन के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।
 
सरकार ने अपनी रकम वापस भी मांगी है। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक इस राशि को कोरोना नियंत्रण पर खर्च किया जाएगा। बॉलीवुड और हॉलीवुड के अभिनेताओं को मप्र की धरती पर लाने के लिए कमल नाथ सरकार ने इंटरनेशनल इंडियन फिल्म एकेडमी अवॉर्ड (आइफा) भोपाल और इंदौर में आयोजित करने की तैयारी की थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आइफा के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए उद्योगों से रकम भी एकत्र की थी।

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