Kabul Gurdwara Attack : काबुल हमले में गंभीर तौर पर घायल सिखों को भारत लाने पर विचार
भारत ने बुधवार को काबुल में सिखों पर किये गये हमलों की कड़ी निंदा की है।
नई दिल्ली, जयप्रकाश रंजन। काबुल स्थित धर्मशाला गुरुद्वारे में गंभीर तौर पर घायल सिखों का इलाज भारत में करवाने पर विचार किया जा रहा है। वैसे अभी कुछ घायलों की स्थिति नाजुक है और चिकित्सकों ने उन्हें कहीं ले जाने से मना किया है, लेकिन स्थिति सुधरने पर अघर जरुरत हुई तो भारत उनका इलाज करवाने के लिए यहां ला सकती है। वैसे भी विदेश मंत्रालय इस हमले में मारे गये भारतीय तीयां सिंह के पाथृव शरीर को नई दिल्ली लाने की तैयारी चल रही है। विदेश मंत्री एस जयशंकर गुरुवार को सुबह में ट्विट कर यह जानकारी दी। जयशंकर ने लिखा है कि अभी चिकित्सकों की राय यह नहीं है कि घायलों को कहीं ले जाया जाए। काबुल स्थिति भारतीय दूतावास श्री तीयां सिंह के मृत शरीर को लाने की कोशिश में जुटी है।
काबुल में गुरुद्वारे पर बुधवार को हुए हमला में 25 सिखों की मौत हुई है। इसमें से एक भारतीय नागरिक हैं जबकि शेष अफगानिस्तान के नागरिक हैं। पिछले दो वर्षों में अल्पसंख्यक सिखों पर किया गया यह दूसरा सबसे बड़ा हमला है। जुलाई, 2018 में काबुल स्थित एक बाजार में सिखों पर हमला हुआ था जिसमें 10 लोग मारे गये थे। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि भारतीय दूतावास हमले में घायल व मृतक परिवारों के साथ लगातार संपर्क में है। अफगानिस्तान सरकार के साथ मिल कर उन्हें जो भी संभव मदद है वह देने की कोशिश की जा रही है। गुरुवार को सुबह पीड़ितों के परिवारों से मिलने के लिए अफगानिस्तान के एनएसए हमदुल्लाह मोहिब पहुंचे हैं। घायलों को नई दिल्ली ला कर उनका इलाज करने का विकल्प भी खुला हुआ है। लेकिन हम चिकित्सीय परामर्श के बाद ही ऐसा कदम उठाएंगे।
भारत ने बुधवार को काबुल में सिखों पर किये गये हमलों की कड़ी निंदा की है। इसे कायराना हमला करार देते हुए भारत ने इशारों में हमला कराने वाली शक्तियों को मदद करने वाली एजेंसियों पर सवाल उठाया है। सनद रहे कि अभी तक इस्लामिक संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है लेकिन भारतीय खुफिया एजेंसियों को पाकिस्तान के हक्कानी नेटवर्क पर शक है। हक्कानी नेटवर्क एक खूंखार आतंकी संगठन है जिसे संयुक्त राष्ट्र के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस जैसे देश प्रतिबंध लगा चुके हैं। यह तालिबान का हिस्सा है जिसे पाकिस्तान की बदनाम खुफिया एजेंसी आइएसआइ का प्रश्रय मिला हुआ है। माना जाता है कि पाकिस्तान की एजेंसियों ने भारतीय दूतावास या इससे जुड़े अधिकारियों पर हमला करवाने की योजना बनाई थी लेकिन सख्त सुरक्षा व्यवस्था होने की वजह से सिख गुरुद्वारे पर हमला किया गया है।