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MP में भाजपा की जीत से बढ़ा ज्‍योतिरादित्य सिंधिया का कद, अब मोदी कैबिनेट में जगह मिलने के आसार

ज्‍योतिरादित्य सिंधिया का कद मध्‍य प्रदेश के विधानसभा उप-चुनाव में मिली जीत से काफी बढ़ गया है। ऐसे में अब उनके मोदी कैबिनेट में सीट मिलने के भी आसार काफी बढ़ गए हैं। हालांकि इसकी आशंका उनके भाजपा ज्‍वाइन करने के समय भी जताई जा रही थी।

By Kamal VermaEdited By: Published: Wed, 11 Nov 2020 10:42 AM (IST)Updated: Thu, 12 Nov 2020 07:26 AM (IST)
MP में भाजपा की जीत से बढ़ा ज्‍योतिरादित्य सिंधिया का कद, अब मोदी कैबिनेट में जगह मिलने के आसार
ज्‍यार्तिादित्‍य सिंधिया ने भाजपा की झोली में जो जीत डाली है उससे उनका कद काफी बढ़ गया है।

नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। मध्‍य प्रदेश विधानसभा उप चुनाव के नतीजों से भाजपा तो उत्‍साहित है ही, लेकिन उससे भी कहीं ज्‍यादा उत्‍साहित कुछ समय पहले भाजपा ज्वाइन करने वाले पूर्व कांग्रेसी ज्‍योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक हैं। इसकी वजह बेहद साफ है। उन्‍होंने इस चुनाव में न सिर्फ कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाते हुए मतदाताओं को अपनी तरफ रिझाने में सफलता हासिल की है, बल्कि इस चुनाव में भाजपा को जीत दिलाकर ये भी बता दिया कि इस क्षेत्र में उनका वर्चस्‍व पहले की ही तरह जस का तस बना हुआ है। यही उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि भी है। गौरतलब है कि मध्‍य प्रदेश में कुल 28 सीटों पर उप-चुनाव हुए थे, जिनमें 19 पर ज्‍योतिरादित्य सिंधिया भाजपा को जीत दिलाने में सफल रहे हैं। इस जीत से उन्‍होंने ये भी साफ कर दिया है कि ये क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ नहीं, बल्कि उनका क्षेत्र है।  

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आपको बता दें कि ये उप-चुनाव कांग्रेस के कमलनाथ और ज्‍योतिरादित्य सिंधिया के लिए एक साख का सवाल बन चुका था। इसकी पटकथा तभी लिखी जा चुकी थी, जब मुख्‍यमंत्री न बन पाने से नाराज ज्‍योतिरादित्य ने भाजपा ज्‍वाइन की थी। तभी से दोनों के बीच सबसे बड़ी चुनौती अपनी साख को बचाकर रखने की थी, जिसमें काफी हद तक ज्‍योतिरादित्य सिंधिया सफल हुए हैं। कहा जा सकता है कि कमलनाथ के राजनीति के वर्षों पुराने अनुभव पर वो भारी पड़े हैं। सिंधिया की ये जीत केवल यहीं तक सीमित नहीं रही है। अब इस जीत से उनके आगे की राह भी खुल गई है। ये राह उन्‍हें कैबिनेट में शामिल होने के दरवाजे खोलती दिखाई दे रही है।

हालांकि, इस बात की चर्चा पहले भी होती रही है कि सिंधिया को केंद्र में कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। जिस वक्‍त उन्‍होंने भाजपा का परचम थामा था, उस वक्‍त भी ये चर्चा जोरों पर थी कि उन्‍हें इसके एवज में मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। लेकिन अब इसके चांसेज काफी बढ़ गए हैं। इसकी दो बड़ी वजहें हैं- पहली वजह उनकी उप-चुनाव में हुई जीत और दूसरी वजह मोदी कैबिनेट में कई मंत्रियों की जगह। आपको बता दें कि बीते कुछ ही समय में मोदी कैबिनेट से जुड़े दो मंत्रियों का निधन हो चुका है। इसकी वजह से उनका कार्यभार दूसरे मंत्री संभाल रहे हैं। पहले से ही मोदी कैबिनेट के ज्‍यादातर मंत्रियों के पास कई सारे अतिरिक्‍त मंत्रालयों का बोझ है। मोदी कैबिनेट के कुछ मंत्री तो 5-7 मंत्रालय का कार्यभार देख रहे हैं। ऐसे में ये भी आवाजें उठ रही हैं कि उनके इस बोझ को कम किया जाना चाहिए। लिहाजा यहां पर किसी मंत्रालय में ज्‍योतिरादित्य सिंधिया की किस्‍मत खुल सकती है।

मध्‍य प्रदेश में उनके बढ़ते कद को देखते हुए भी भाजपा के लिए कहीं न कहीं ये जरूरी होगा। आपको यहां पर ये भी बता दें कि जब मध्‍य प्रदेश में शिवराज सरकार का गठन हुआ था, तब ज्‍योतिरादित्य अपने चहेतों को मंत्री पद दिलवाने में काफी हद तक सफल रहे थे। अब उनकी बारी है और यूं भी उनकी निगाह काफी समय से केंद्र में कैबिनेट सीट पर लगी है। ऐसे में इसकी काफी गुंजाइश बनती है कि उन्‍हें आने वाले दिनों में संभावित कैबिनेट विस्‍तार में इसका मौका मिल जाए और कोई मंत्रालय उनकी झोली में डाल दिया जाए। ये मौजूदा समय में राजनीति की मांग भी है।

हालांकि, कभी कांग्रेस के राहुल गांधी की युवा ब्रिगेड का हिस्‍सा रहे ज्‍योतिरादित्य वर्ष 2012 की मनमोहन सिंह सरकार में बिजली राज्‍य मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्‍हें भाजपा के हाथों गुना से हार का सामना करना पड़ा था। फिलहाल वे भाजपा की ओर से राज्‍यसभा सांसद हैं। 

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