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जस्टिस एमआर शाह बोले, अयोध्या मामला बेहतरीन फैसले का उत्कृष्ट उदाहरण

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एमआर शाह ने कहा कि अयोध्या मामले में फैसला उच्च गुणवत्ता के फैसलों का उत्कृष्ट उदाहरण है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 08:11 PM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 08:11 PM (IST)
जस्टिस एमआर शाह बोले, अयोध्या मामला बेहतरीन फैसले का उत्कृष्ट उदाहरण
जस्टिस एमआर शाह बोले, अयोध्या मामला बेहतरीन फैसले का उत्कृष्ट उदाहरण

 अहमदाबाद, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एमआर शाह ने कहा कि अयोध्या मामले में फैसला उच्च गुणवत्ता के फैसलों का उत्कृष्ट उदाहरण है। इस फैसले को मूर्तरूप देने में किए गए अथक परिश्रम की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।

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न्‍यायपालिका ने दिए उच्च श्रेणी के फैसले

'न्यायिक देरी और न्यायिक सुनवाई में असमर्थता' विषय पर निरमा यूनिवर्सिटी के छात्रों को संबोधित करते हुए रविवार को जस्टिस शाह ने कहा कि जजों को खुद को किसी मामले से तब तक अलग नहीं करना चाहिए, जब तक कि उस मुकदमे में उनके आर्थिक हित न जुड़े हों। उन्होंने कहा कि भारतीय न्यायिक व्यवस्था की सबसे बड़ी परेशानी बड़ी तादाद में लंबित मामले और मुकदमों में असामान्य रूप से देरी है। इसके बावजूद उच्च श्रेणी के फैसले दिए गए हैं।

अयोध्‍या मामले में जजों ने किया परिश्रम

इसका ताजा उदाहरण राम जन्मभूमि (अयोध्या) का फैसला है। आप अंदाजा नहीं लगा सकते कि सुप्रीम कोर्ट के जजों ने यह (अयोध्या) फैसला देने में कितना परिश्रम किया है। जनहित के मामले को 40 दिनों तक सुनना और उसके बाद दोनों पक्षों के बीच संतुलन कायम रखते हुए फैसला करना और उसे सुनाना अपने आप में बहुत मुश्किल काम है। फिर भी हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि मामले में न्याय हो।

उल्लेखनीय है कि रविवार को सेवानिवृत्त हुए मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच जजों की संविधान पीठ ने अयोध्या में विवादित स्थल पर एक सरकारी ट्रस्ट के जरिए राम मंदिर के निर्माण का फैसला विगत नौ नवंबर को दिया है।

न्‍यायिक प्रणाली में तेज गति जरूरी

जस्टिस शाह ने कहा कि आपराधिक मामलों की न्यायिक प्रणाली में तेज गति से सुनवाई होनी चाहिए, लेकिन जब न्याय में जल्दबाजी की जाती है तो इसके 'दफन' होने की भी आशंका रहती है। इसलिए दोनों पक्षों के बीच संतुलन बनाए रखना जरूरी है। ध्यान रहे कि जज मुकेशकुमार रसिकभाई शाह दो नवंबर, 2018 से सुप्रीम कोर्ट के जज हैं।


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