Politics on Exams समय पर ही होंगी जेईई मेंस और नीट की परीक्षाएं, प्रवेश पत्र जारी
एनटीए ने नीट के प्रवेश पत्र भी जारी दिए है। जिसे जारी होने के चार घंटे के भीतर ही साढे पांच लाख से ज्यादा छात्रों ने डाउनलोड भी कर लिया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) मेंस और मेडिकल पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए होने वाली राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) टालने के लिए कुछ छात्रों के साथ-साथ विपक्षी राजनीतिक दलों ने भले मोर्चा खोल दिया है, लेकिन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के बढ़े कदम अब रुकने वाले नहीं हैं। एनटीए ने साफ कर दिया है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद परीक्षाओं में अब कोई भी बदलाव संभव नहीं है। यह तय तारीखों पर ही होगी।
एनटीए ने जारी किए नीट के प्रवेश पत्र, साढ़े पांच लाख से ज्यादा छात्रों ने किए डाउनलोड
एनटीए ने नीट के प्रवेश पत्र भी जारी कर दिए हैं। जारी होने के चार घंटे के भीतर ही साढ़े पांच लाख से ज्यादा छात्रों ने इन्हें डाउनलोड भी कर लिया है।
राहुल गांधी ने कहा- सभी पक्षों से बातचीत कर सरकार निकाले समाधान
परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग को लेकर छात्रों का एक वर्ग मोर्चा खोले हुए है जिसे कांग्रेस और दूसरे विपक्षी राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिल रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को भी ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा और मांग की कि सभी पक्षों से बातचीत कर इसका समाधान निकाला जाए। इससे पहले महाराष्ट्र, ओडिशा, बंगाल और दिल्ली जैसे राज्य परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग कर चुके हैं।
परीक्षा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं विपक्षी दल
बहरहाल, सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने सर्वसम्मति से फैसले पर पुनर्विचार के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने की जरूरत जताई है।
परीक्षा रद होने से निजी शैक्षणिक संस्थानों को मिलेगा फायदा : शिक्षा मंत्रालय
वहीं शिक्षा मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो जो लोग परीक्षाओं को स्थगित या रद्द करने की मांग कर रहे है, वह निजी शैक्षणिक संस्थान चलाने वाले एक वर्ग को फायदा पहुंचाना चाहते है। सत्र में बहुत वक्त नहीं बचा है और ऐसे में परीक्षा टलती है तो निजी संस्थानों को मनमाने तरीके से एडमिशन देने का अवसर मिल सकता है।
जेईई मेंस की परीक्षाएं एक से छह सितंबर को और नीट की परीक्षा 13 सिंतबर को होंगी
गौरतलब है कि मौजूदा योजना के तहत जेईई मेंस की परीक्षाएं एक से छह सितंबर को और नीट की परीक्षा 13 सिंतबर को होना है।
कोरोना के चलते परीक्षाएं फिर टलती हैं तो नया सत्र शुरु कर पाना होगा असंभव: एनटीए
बहरहाल एनटीए का कहना है कि जो लोग कोरोना संक्रमण का हवाला देकर इन परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग कर रहे है, उनकी मांग पर पहले भी दो बार इन परीक्षाओं को टाला जा चुका है, लेकिन अब इन परीक्षाओं को टालना इसलिए भी संभव नहीं है, क्योंकि इसके बाद शैक्षणिक संस्थानों के लिए नया सत्र शुरु कर पाना असंभव होगा। ऐसे में छात्रों का यह साल खराब होगा। जो ज्यादातर छात्र और अभिभावक नहीं चाहते है।
नीट की परीक्षा में एक कमरे में सिर्फ 12 छात्रों को ही बैठाया जाएगा
एनटीए के महानिदेशक विनीत जोशी ने बताया कि जहां तक बात कोरोना संक्रमण से सुरक्षा को लेकर है, तो वह सरकार की ओर से जारी सुरक्षा निर्देशों का पूरी तरह से पालन करेंगे। इसकी तैयारियां भी पूरी हो चुकी है। परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ी दी गई है। वहीं नीट की परीक्षा में एक कमरे में सिर्फ 12 छात्रों को ही बैठाया जाएगा। अब तक एक कमरे में 25 छात्रों को बैठाया जाता था।
जेईई मेंस की परीक्षा में अलग-अलग शिफ्टों में बच्चों को बुलाया गया है
वहीं जेईई मेंस की परीक्षा जो पूरी तरह कम्प्यूटर बेस्ड होती है, उनमें भी अलग -अलग शिफ्टों में बच्चों को बुलाया गया है। साथ ही कम्प्यूटरों को नंबरिंग भी की गई है। इसके तहत एक शिफ्ट में सम नंबर वाले कम्प्यूटर पर परीक्षा होगी, जबकि दूसरी शिफ्ट में विषम नंबर वाले कम्प्यूटर पर परीक्षा होगी।
परीक्षा केंद्रों पर भीड़ से निपटने के लिए भी रहेंगे खास इंतजाम
एनटीए ने इस बीच परीक्षा केंद्रों पर होने वाली भीड से बचाव के लिए भी व्यापक इंतजाम किया है। जिसमें छात्रों के आने वाले अभिभावकों को परीक्षा केंद्र के पास खड़ा होने की अनुमति नहीं होगी। वहीं छात्रों को एक कर ही परीक्षा केंद्रों में प्रवेश दिया जाएगा। साथ ही परीक्षा खत्म होने के बाद भी उन्हें एक-एक बाहर निकलने दिया जाएगा। इसके लिए एनटीए की ओर प्रत्येक सेंटर पर अलग से एक टीम तैनात की जाएगी।
छात्रों के प्रवेश-पत्र ही होंगे पास
इस बीच यदि किसी छात्र का घर कैंटोनमेंट क्षेत्र है, उसे बाहर जाने की भी अनुमति रहेगी। साथ ही उसका जो प्रवेश पत्र होगा, वह पास माना जाएगा। इसी बीच परीक्षा केंद्रों पर तैनात होने वाले अधिकारियों के जारी आर्डर ही उनके पास माने जाएंगे। छात्रों के बेहतर आवागमन के लिए राज्यों को विशेष इंतजाम करने को कहा गया है।