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अन्नाद्रमुक ने तोड़ा 27 साल का रिकार्ड

जयललिता ने कहा कि इस ऐतिहासिक जीत के लिए वह राज्य की जनता की दिल से आभारी हैं। उन्होंने कहा कि इसी के साथ राज्य में परिवार राजनीति का स्थायी रूप से अंत हो गया है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 19 May 2016 08:22 PM (IST)Updated: Thu, 19 May 2016 08:33 PM (IST)
अन्नाद्रमुक ने तोड़ा 27 साल का रिकार्ड

चेन्नई, प्रेट्र/आइएएनएस। तमिलनाडु में 27 साल में पहली बार लगातार दोबारा एक ही दल को जीत मिली है। यह चुनावी चमत्कार अन्नाद्रमुक प्रमुख और मुख्यमंत्री जयराम जयललिता ने कर दिखाया है। उनकी पार्टी ने अब तक के नतीजों में 21 सीटें जीती हैं और 110 पर बढ़त बनाई है। जबकि द्रमुक ने कड़े संघर्ष के बावजूद 19 सीटें जीतीं और केवल 71 पर बढ़त बनाई है।

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तमिलनाडु में कुल 232 सीटों पर विगत 16 मई को हुए मतदान में केवल 41 सीटों के नतीजे घोषित किए गए हैं। चूंकि अन्य सीटों पर देर शाम तक मतगणना जारी रही। 68 वर्षीय जयललिता ने राज्य में पहली ऐसी नेता बन गई हैं जिन्हें वर्ष 1989 के बाद से लगातार दूसरी बार राज्य की सत्ता पर काबिज होने का गौरव हासिल हुआ है।

जयललिता ने अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए गुरुवार को कहा कि इस ऐतिहासिक जीत के लिए वह राज्य की जनता की दिल से आभारी हैं। उन्होंने कहा कि इसी के साथ राज्य में परिवार राजनीति का स्थायी रूप से अंत हो गया है। जीत का जश्न अन्नाद्रमुक के कार्यकर्ताओं ने पूरे राज्य में जोरशोर से मनाया। जगह-जगह पटाखे छुड़ाए गए और मिठाइयां बांटी गईं।

अम्मा ने अपनी राधाकृष्णन नगर सीट पर द्रमुक प्रत्याशी को बड़े भारी अंतर से हराया है। अन्नाद्रमुक महासचिव अम्मा ने द्रमुक के शिमला मुथुचोझन को 39,545 मतों के अंतर से हराया है। खास बात यह है कि इस विधानसभा सीट के 2,873 मतदाताओं ने नोटा (इनमें से कोई नहीं) का बटन दबाया है। अन्नाद्रमुक के सहयोगी दल आइयूएमएल और पुथिया तमिलागम ने एक-एक सीट पर बढ़त ली है।

दूसरी ओर, द्रमुक सुप्रीमो एम. करुणानिधि थिरुवरूर विधानसभा सीट से अन्नाद्रमुक प्रत्याशी को 68,366 मतों से हराया है। चुनाव आयोग का कहना है कि 91 वर्षीय करुणानिधि की यह 13वीं जीत है। वर्ष 1957 से चुनाव लड़ना शुरू करने के साथ ही उन्हें अब तक कभी भी हार का सामना नहीं करना पड़ा है। वहीं करुणानिधि के बेटे और द्रमुक के कोषाध्यक्ष एमके स्टालिन कोलाथुर में 15,000 मतों से आगे हैं। हालांकि नतीजों का हश्र देखकर द्रमुक मुख्यालय अन्ना अरिवलयम पर सन्नाटा छाया रहा।

वहीं, कांग्रेस ने सिर्फ एक सीट जीती और सात में बढ़त ली है। जबकि डीएमडीके-पीडब्लूएफ-टीएमसी-मक्कल कटछी के गठजोड़ वाले तीसरे मोर्चे और भाजपा का खाता तक नहीं खुला। बदलाव और विकास के लिए वोट मांगने वाले पीएमके ने धर्मापुरी जिले की पापीरेडिपट्टी सीट पर 5 हजार से अधिक मतों से बढ़त बना ली है।

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