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Jayalalithaa Death Anniversary: सिनेमा के रुपहले पर्दे से निकलकर तमिलनाडु की राजनीति पर छा गई थीं "अम्मा"

जयललिता उन राजनेताओं में से थी जिनका जीवन संघर्ष से भरा रहा। शुरुआत में सिनेमा से अपना करियर बनाने वाली जयललिता ने राजनीति में भी अपनी सफलता के झंडे गाड़े थे।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Wed, 04 Dec 2019 10:30 PM (IST)Updated: Thu, 05 Dec 2019 04:00 PM (IST)
Jayalalithaa Death Anniversary: सिनेमा के रुपहले पर्दे से निकलकर तमिलनाडु की राजनीति पर छा गई थीं "अम्मा"

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। Jayalalithaa Death Anniversary सिनेमा के रुपहले पर्दे से निकलकर तमिलनाडु की राजनीति पर छा जाने वाली जे.जयललिता(जयराम जयललिता) ने राज्‍य की राजनीति जो दिशा दी उसको कोई नहीं बदल सका। मजेदार बात ये है कि तमिलनाडु में जिन दो दिग्‍गजों के बीच मुकाबला हर बार होता रहा उन दोनों का ही सफर सिनेमा से शुरू हुआ था। करुणानिधि और जयललिता के बीच जो मुकाबला वर्षों पहले शुरू हुआ वह इन दोनों की मौत के बाद ही खत्‍म हो सका।

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राज्‍य में अम्‍मा के नाम से मशहूर जयललिता ने जब अंतिम सांस ली तो पूरा राज्‍य गमगीन हो गया था। जयललिता को तमिलनाडु के लोगों ने काफी प्यार दिया है। यहां लोग उन्हें अम्मा कहकर पुकारते हैं। यह लोगों का प्यार ही है कि जयललिता ने लगातार दो बार अपनी पार्टी को विधानसभा चुनाव में जीत दिलाकर इतिहास रच दिया था। 

जन्म-मृत्यु 

जयललिता का जन्म 24 फरवरी 1948 को एक तमिल परिवार में हुआ। वह पुराने मैसूर राज्य के मांड्या जिले के पांडवपुरा तालुक के मेलुरकोट गांव में पैदा हुई थीं। उनकी मौत 5 दिसंबर 2016 को हुई थी। जयललिता का पार्थिव शरीर जिस राजाजी हाल में रखा गया वहीं पर कभी 29 वर्ष पहले उनके राजनीतिक गुरु एमजी रामचंद्रन का भी पार्थिव शरीर रखा गया था। इसको इत्‍तेफाक ही कहा जाएगा कि एमजी की हालत खराब होने के बाद जिस अपोलो अस्‍पताल में उन्‍हें भर्ती कराया गया था, उसी अस्‍पताल में करीब 75 दिन जयललिता को भी भर्ती किया गया। 

एमजी राजनीतिक गुरु 

एमजी रामचंद्रन जयललिता के राजनीतिक गुरु ही नहीं थे, बल्कि रंगमंच पर उन्‍हें स्‍टार बनाने वाले भी एमजी ही थे। जयललिता के सबसे बड़े प्रतिद्वंदी डीएमके के नेता एम करुणानिधि का संबंध भी एमजीआर के साथ रंगमंच से रहा है। इसके बाद में दोनों ने ही रंगमंच से अलग होकर अपने को राजनीति से जोड़ लिया।

पहले एमजीआर भी डीएमके का ही हिस्‍सा थे, लेकिन 1972 में विवाद के बाद एमजीआर ने एआईएडीएमके पार्टी बनाई। बाद में इस पार्टी की कमान जयललिता ने संभाली। एमजीआर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर 30 जुलाई 1977 को विराजमान हुए, जो तीन कार्यकाल, अपनी मृत्यु तक वर्ष 1987 तक मुख्यमंत्री रहे। जयललिता 1991 से 1996, 2001 में, 2002-2006 तक और 2011 से 2014 से तक तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं।

कई भाषाओं का ज्ञान 

जयललिता अंग्रेजी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिन्दी सहित 5 भाषाएं आती हैं। वो एक क्लासिकल डांस में भी एक्सपर्ट भी है, उन्होंने भारत में कई जगह क्लासिकल डांस परफॉर्म भी किया है। जयललिता के घर में एक बहुत बड़ी लाइब्रेरी है, जहां वो अपना खाली समय अपनी पसंदीदी किताबें बिताती हैं।

फिल्मों में भूमिकाएं 

स्‍कूल में पढ़ाई के दौरान ही जयललिता ने 'एपिसल' नाम की अंग्रेजी फिल्म में काम किया। वे 15 वर्ष की आयु में कन्नड फिल्मों में मुख्‍य अभिनेत्री की भूमिकाएं करने लगी थीं। जयललिता दक्षिण भारत की पहली ऐसी अभिनेत्री थीं जिन्होंने फिल्‍मों में स्कर्ट के चलन को शुरू किया। 1965 से 1972 के दौर में उन्होंने अधिकतर फिल्में एमजी रामचंद्रन के साथ कीं। फिल्मी करियर के बाद उन्होंने एमजी रामचंद्रन के साथ 1982 में राजनीतिक करियर की शुरुआत की। उन्होंने 1984 से 1989 के दौरान तमिलनाडु से राज्यसभा के लिए राज्य का प्रतिनिधित्व भी किया। 1968 में उन्‍होंने हिंदी फिल्‍मों के सुपरस्‍टार धर्मेंद्र के साथ फिल्म 'इज्‍‍‍‍जत में काम किया था। 

राजनीति में रामचंद्रन की उत्तराधिकारी बनी 

साल 1987 में रामचंद्रन के निधन के बाद उन्होंने खुद को रामचंद्रन की विरासत का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। वे 24 जून 1991 से 12 मई 1996 तक राज्य की पहली निर्वाचित मुख्‍यमंत्री और राज्य की सबसे कम उम्र की मुख्यमंत्री रहीं। जयललिता के जीने का अंदाज एकदम अलग रहा है। वे बिना किसी की परवाह किए अपने स्टाइल में लैविश लाइफ जीती रही है। दुनियाभर के लोग उनकी शानो-शौकत देखकर दंग रह जाते थे। दिसंबर, 2016 में अम्मा नाम से प्रसिद्ध तमिलनाडु की इस कद्दावर नेता को मरीना बीच में दफनाया गया। उनका समाधि स्थल जयललिता मेमोरियल उनके राजनीतिक गुरु एमजीआर के समाधि स्थल के पास है। 

 

एतिहासिक बनाई थी बेटे की शादी, खर्च किए थे 75 करोड़ रुपये 

साल 1995 में जयललिता ने अपने गोद लिए हुए बेटे सुधाकरन की शादी की थी। उस समय इस शादी का खर्च 75 करोड़ रुपए आया था। इस शादी में 1,50,000 लोग शामिल हुए। अप्रैल 2011 में जब 11 दलों के गठबंधन ने 14वीं राज्य विधानसभा में बहुमत हासिल किया तो वे तीसरी बार मुख्यमंत्री बनीं। राजनीति में उनके समर्थक उन्हें अम्मा और कभी कभी पुरातची तलाईवी जिसका मतलब 'क्रांतिकारी नेता' होता है कहकर पुकारते थे।

मशहूर क्रिकेटर नवाब मंसूर अली खान पटौदी की जबर्दस्त फैन 

राजनीति की 'अम्मा' अपने जमाने के मशहूर क्रिकेटर नवाब मंसूर अली खान पटौदी की जबर्दस्त फैन हुआ करती थीं। नवाब पटौदी की शर्मीला टैगोर से सगाई की खबर से उनका दिल टूट गया था। जयललिता ने एक इंटरव्यू के दौरान ये भी कही था कि उन्हें भारत के पूर्व कप्तान नारी कॉन्ट्रेक्टर भी बहुत पसंद थे।  


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