Corona epidemic: चीन छोड़कर भारत आने वाली कंपनी को जापान सरकार देगी वित्तीय मदद
अगर कोई जापानी कंपनी चीन को छोड़कर भारत में आकर मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगाती है तो उसे जापान की सरकार वित्तीय मदद देगी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अगर कोई जापानी कंपनी चीन को छोड़कर भारत में आकर मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगाती है तो उसे जापान की सरकार वित्तीय मदद देगी। जापान सप्लाई चेन या कच्चे माल के लिए चीन पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है, इसलिए जापान की सरकार ने ऐसा फैसला किया है। जून में जापान की सरकार ने यह घोषणा की थी कि जापानी कंपनी चीन छोड़कर जापान में शिफ्ट करती है तो उसे वित्तीय मदद मिलेगी। चीन छोड़कर जापान शिफ्ट करने वाली 30 कंपनियां इस वित्तीय मदद के लिए चयनित हुई हैं, लेकिन अब जापान की सरकार ने इस दायरे को बढ़ा दिया है।
चीन छोड़ने की इच्छुक जापानी कंपनियों से वित्तीय मदद के लिए आवेदन मांगे
जापान के अखबार में छपी खबर के मुताबिक जापान की इकोनामी, ट्रेड व इंडस्ट्री मंत्रालय ने चीन छोड़ने की इच्छुक जापानी कंपनियों से वित्तीय मदद के लिए आवेदन मंगाए हैं। चीन छोड़ने वाली जापानी कंपनियों को भारत और बांग्लादेश के साथ आसियान देशों में शिफ्ट करने पर प्रोत्साहन के रूप में वित्तीय मदद देगा। इस मद में जापान ने 23.5 अरब येन का बजट रखा है। जापानी अखबार के मुताबिक 3 सितंबर से इस प्रकार की प्रोत्साहन मदद लेने की इच्छुक जापानी कंपनियां आवेदन कर सकेंगी।
सप्लाई चेन के लिए चीन पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है जापान
जापान की सप्लाई चेन चीन पर काफी अधिक निर्भर करती है। कोरोना महामारी के दौरान जापान को चीन से मिलने वाले कच्चे माल की आपूर्ति ठप हो गई। इसलिए जापान चाहता है कि विभिन्न देशों में जापानी कंपनियों की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट हो ताकि संकट के समय भी जापान को दवा और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट की आपूर्ति होती रहे।
कई जापानी कंपनियों ने भारत आने में दिलचस्पी दिखाई
वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक हाल ही में जापान एक्सटर्नल ट्रेड आर्गेनाइजेशन व भारत सरकार के अधिकारियों की बीच होने वाली बैठक में कई जापानी कंपनियों ने भारत आने में दिलचस्पी जाहिर की थी।
भारत में जापानी निवेश आने की संभावना
मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक हाल ही में जापान, आस्ट्रेलिया और भारत के व्यापार मंत्रियों के बीच होने वाली बैठक में वैकल्पिक सप्लाई चेन तैयार करने के लिए सहयोग पर सहमति बनी है। इससे भारत में जापानी निवेश आने की पूरी संभावना है।