जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने बांडीपोरा दुष्कर्म मामले का लिया संज्ञान, मांगी स्टेटस रिपोर्ट
उत्तरी कश्मीर के बांडीपोरा में पिछले सप्ताह तीन वर्षीय बच्ची के साथ कथित दुष्कर्म का मामला सामने आया था।
श्रीनगर [राज्य ब्यूरो]। जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने बुधवार को बांडीपोरा में तीन वर्षीय बच्ची के साथ कथित दुष्कर्म मामले का स्वयं संज्ञान लेते हुए पुलिस से शुक्रवार तक पूरे मामले की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। इस बीच, पुलिस ने आरोपित के खिलाफ पॉक्सो के तहत मामला दर्ज कर लिया है। उत्तरी कश्मीर के बांडीपोरा में पिछले सप्ताह तीन वर्षीय बच्ची के साथ कथित दुष्कर्म का मामला सामने आया था।
पुलिस ने आरोपित स्थानीय युवक को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन उसकी आयु को लेकर भी विवाद है। एक शिक्षण संस्था द्वारा जारी प्रमाणपत्र में उसे नाबालिग बताया गया है, जबकि पुलिस ने उसे बालिग करार दिया है। इसके अलावा यह मामला घाटी में शिया-सुन्नी तनाव का भी कारण बन चुका है और बीते तीन दिनों के दौरान वादी में इस मुद्दे पर हुई हिंसा व पथराव में 50 सुरक्षाकर्मियों सहित करीब 80 लोग घायल हो चुके हैं।
हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और जस्टिस ताशी राबस्तान की डिवीजन बेंच ने बुधवार को इस मामले का संज्ञान लेते हुए आइजीपी कश्मीर को शुक्रवार सुबह दस बजे तक पूरी स्टेटस रिपार्ट अदालत में दाखिल करने को कहा है।
उन्होंने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए राज्य प्रशासन को ऐसी वीभत्स घटनाओं के साथ सख्ती और पूरी गंभीरता के साथ निपटने के लिए कहा। अदालत ने राज्य पुलिस और राज्य सरकार के वकील वरिष्ठ अतिरिक्त महाधिवक्ता बीए डार के माध्यम से मामले की पूरी रिपोर्ट तलब की है।
इस बीच, संबधित पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपित के खिलाफ प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुल ऑफेंसेस एक्ट (पॉक्सो) के तहत मामला दर्ज किया है। जिला शिशु कल्याण समिति ने पुलिस को गत दिनों आरोपित के खिलाफ रणबीर पैनल कोड (जम्मू-कश्मीर में लागू अपराध संहिता) के बजाय पॉक्सो के तहत मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था। जिला शिशु कल्याण समिति ने पुलिस को कथित दुष्कर्म की शिकार बच्ची की मेडिकल रिपोर्ट को भी जल्द से जल्द पेश करने को कहा है। पीड़ित की अंतिम मेडिकल रिपोर्ट अभी नहीं आई है।
वादी में थमी हिंसा, जुलूस व हड़ताल तक सीमित रहा विरोध
शिया-सुन्नी समन्वय समिति के आह्वान का असरवादी में नजर आया। पिछले दिनों की तरह बुधवार को किसी जगह कोई हिंसक प्रदर्शन नहीं हुआ। केवल बड़गाम, मागाम, सुंबल, पट्टन में लगातार चौथे दिन भी लोगों ने हड़ताल की। इन इलाकों में सभी दुकानें बंद रही। प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए इन इलाकों में सुरक्षा का पुख्ता बंदोबस्त करते हुए सभी संवेदनशील जगहों पर निषेधाज्ञा का भी सहारा लिया।
इधर, ऐतिहासिक लालचौक में घंटाघर और प्रताप पार्क के अलावा बारामुला, मीरगुंड और कारगिल में इस घटना के खिलाफ अलग-अलग जुलूस निकालकर प्रदर्शनकारियों ने आरोपित को फांसी की सजा देने की मांग की। कारगिल में स्कूली छात्रों ने अपनी कक्षाओं का बहिष्कार कर पीडि़ता के साथ इंसाफ के लिए पूर कसबे में एक रैली निकाली।
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