Jammu and Kashmir: मोबाइल सेवा शुरू करने और नजरबंद नेताओं की रिहाई पर विचार
कश्मीर में पर्यटकों के लिए जारी एडवाइजरी वापस लेने के बाद राज्य सरकार ने मोबाइल फोन सेवा बहाल करने की योजना पर काम शुरू कर दिया है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर में पर्यटकों के लिए जारी एडवाइजरी वापस लेने के बाद राज्य सरकार ने मोबाइल फोन सेवा बहाल करने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। इसके साथ ही एहतियातन हिरासत में लिए गए विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की रिहाई भी चरणबद्ध तरीके से शुरू होगी। कुछ नेताओं की रिहाई की प्रक्रिया इसी माह के अंत में शुरू होने की उम्मीद है। यह कदम हालात में सुधार और सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर उठाए जाएंगे।
सुरक्षा एजेंसियों के फीडबैक पर फैसला
राज्य प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पर्यटकों के लिए एडवाइजरी हटाने का फैसला सुरक्षा एजेंसियों के फीडबैक के आधार पर लिया गया है। एडवाइजरी हटाने के फैसले से पूर्व प्रशासन की टूरिस्ट एंड ट्रैवल ट्रेड से संबंधित विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों से भी बातचीत हुई है। बैठक में मोबाइल सेवा को बहाल करने का मुद्दा भी उठा था।
मोबाइल सेवाओं की जल्द होगी बहाली
राज्य प्रशासन के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मोबाइल सेवाओं की बहाली के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। हिरासत में लिए गए राजनीतिक दलों के नेताओं की चरणबद्ध रिहाई की योजना भी विचाराधीन है। राज्य सरकार और नई दिल्ली स्थित वरिष्ठ रणनीतिकारों का मानना है कि वादी में जनजीवन को पूरी तरह बहाल करने के लिए राजनीतिक गतिविधियों का जमीनी स्तर पर नजर आना जरूरी है।
फील्ड एजेंसियों ने तलब की नेताओं की रिपोर्ट
अधिकारी ने बताया कि सभी नेताओं के अलावा विभिन्न शहरों और कस्बों में सक्रिय राजनीतिक कार्यकर्ताओं की प्रोफाइ¨लग पर आधारित रिपोर्ट फील्ड एजेंसियों से तलब की गई है। इसके आधार पर राजनीतिक नेताओं व कार्यकर्ताओं को उनके संगठन और प्रभाव के आधार पर अलग-अलग वर्गो में वर्गीकृत कर उनकी रिहाई होगी। निचले स्तर के कई कार्यकर्ताओं को कुछ दिनों में रिहा कर दिया जाएगा।
एक महीने बाद होगा बड़े नेताओं की रिहाई पर फैसला
डॉ. फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती व सज्जाद गनी लोन जैसे नेताओं की रिहाई पर कोई भी फैसला लगभग एक माह बाद ही लिया जाएगा। जुनैद अजीम मटटु, शेख इमरान, डॉ. शाह फैसल, नईम अख्तर, अली मोहम्मद सागर, सलमान सागर, सरताज मदनी व गुलाम नबी हंजूरा जैसे नेताओं की रिहाई की प्रक्रिया इसी माह के अंत में शुरू होने की उम्मीद है।
घर बात नहीं होगी तो क्यों रुकेंगे पर्यटक
राज्यपाल के प्रधान सचिव रोहित कंसल ने बताया कि हालात में सुधार के आधार पर जनजीवन को बहाल करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। लैंडलाइन सेवाओं को बीते माह ही बहाल कर दिया गया था। अब ट्रैवल एडवाइजरी हटाई गई है। मोबाइल सेवाओं पर भी पाबंदी को जल्द हटाया जाएगा। कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष शेख आशिक अहमद ने कहा कि अगर पर्यटक अपने घर-परिवार से संवाद नहीं कर पाएंगे तो यहां क्यों रुकेंगे। ऐसे में पर्यटकों के लिए जारी एडवाइजरी वापस लेने का उद्देश्य पूरा नहीं होगा।