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नहीं होगी सब्सिडी की बंदरबाट: अरुण जेटली

विरासत में मिली खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार को सब्सिडी पर नकेल कसनी ही होगी। खास तौर पर उन लोगों को तो बिल्कुल ही सब्सिडी नहीं मिलेगी जो इसके हकदार नहीं है। शुक्रवार को लोकसभा में आम बजट 2014-15 पर जारी चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसके साफ संकेत दिए। इससे साफ है

By Edited By: Published: Fri, 18 Jul 2014 09:05 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jul 2014 09:05 PM (IST)
नहीं होगी सब्सिडी की बंदरबाट: अरुण जेटली

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। विरासत में मिली खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार को सब्सिडी पर नकेल कसनी ही होगी। खास तौर पर उन लोगों को तो बिल्कुल ही सब्सिडी नहीं मिलेगी जो इसके हकदार नहीं है।

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शुक्रवार को लोकसभा में आम बजट 2014-15 पर जारी चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसके साफ संकेत दिए। इससे साफ है कि आने वाले दिनों में पेट्रोलियम, खाद्यान्न सहित कुछ अन्य तरह की सब्सिडी पर जमकर कैंची चलाई जाएगी। लोकसभा ने आम बजट को पारित भी कर दिया।

आर्थिक नीति का खाका पेश

वित्त मंत्री ने अपने जवाब में सरकार की भावी आर्थिक नीति का खाका भी पेश कर दिया। उन्होंने बताया कि सरकार अपने कार्यकाल में एक स्थायी व पारदर्शी कर नीति को लागू करने पर ध्यान देगी। पूर्व सरकार की कर नीति स्पष्ट नहीं होने की वजह से ही विदेशी व देसी निवेशक डर गए और सरकार की आर्थिक नीतियों पर संदेह करने लगे। सरकार कर की दर को कम ही रखेगी। मैन्यूफैक्च¨रग व हाउसिंग क्षेत्र को प्रोत्साहित करना भी सरकार की वरीयता में होगा।

सब्सिडी पर सख्त रवैया

इसके अलावा सरकार सब्सिडी को लेकर भी सख्त रवैया अपनाएगी। सब्सिडी को लक्षित समूह तक पहुंचाने के लिए सरकार एक बार फिर आम जनता को सीधे बैंक खाते में नकदी देने की स्कीम की शुरुआत करने जा रही है। लेकिन इस बार पुरानी गलतियों से सबक सीखते हुए फूल-प्रूफ नीति बनाने की तैयारी है।

कारोबार अनुकूल नीति उचित

सरकार पर उद्योग जगत के हितों के अनुकूल नीति बनाने के लग रहे आरोपों का जेटली ने दो टूक जवाब दिया। कहा कि उनकी सरकार को कारोबार बढ़ाने वाली नीति तय करने में कोई गुरेज नहीं है, क्योंकि कारोबार बढ़ने का गरीबी उन्मूलन के साथ सीधा संबंध है।

विदेशी निवेश को बढ़ावा

इसी तरह से सरकार देश में विदेशी निवेश को भी बढ़ावा देगी। बाहर से निवेश आएगा तो रोजगार बढ़ेगा। सरकार का राजस्व बढ़ेगा। इस पैसे का इस्तेमाल गरीबी उन्मूलन व ढांचागत सुविधाओं के विकास में किया जाएगा।

रक्षा में एफडीआइ की वकालत

रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) की सीमा बढ़ाने की जोरदार वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि अभी देश का 70 फीसद रक्षा साजो समान विदेश से आता है। सरकार ने ज्यादा से ज्यादा घरेलू उत्पादन बढ़ाने पर जोर देने के मकसद से रक्षा क्षेत्र में 49 फीसद सशर्त एफडीआइ की अनुमति दी है।

आर्थिक मोर्चे पर रहेगी नजर

हाल के दिनों मे आर्थिक मोर्चे पर आने वाली कुछ सुखद संकेतों के बारे में उन्होंने कहा कि अभी यह ठोस तौर पर नहीं कहा जा सकता कि अर्थव्यवस्था के हालात सुधरने लगे हैं। अभी महंगाई, औद्योगिक उत्पादन, मैन्यूफैक्च¨रग की वृद्धि दर के आंकड़ों पर नजर रखनी होगी। साथ ही सरकार की कोशिश होगी कि आम जनता के लिए घर खरीदना मकान का किराया देने से सस्ता पड़े।

जब आपका बजट है तो स्वागत भी करो

बजट पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री ने बजट को संप्रग का बजट बताने वाले कांग्रेसी नेताओं की चुटकी भी ली। जेटली ने कहा कि अगर यह बजट आपका है तो फिर स्वागत क्यों नहीं करते। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भी कहा था कि इस बजट में कई बातें पूर्व संप्रग सरकार की नीतियों से ली गई हैं।

नई घोषणाएं

1. कृषि प्रसंस्करण को बढ़ावा देने को 2,000 करोड़ रुपये का फंड

2. पंजाब में मादक पदार्थो के उन्मूलन के लिए 50 करोड़ रुपये

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