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कलवरी से बढ़ी भारतीय नौसेना की ताकत, अब दुश्मन के होश उड़ाने आएगी ‘एरीघट’

दुश्मन के दांत खट्टे करने भारतीय नौसेना लगातार अपनी ताकत बढ़ा रही है। इस सीरीज में कलवरी सामने आई है। इसके बाद कुछ और सबमरीन भी लॉन्च की जाएंगी।

By Kamal VermaEdited By: Published: Thu, 14 Dec 2017 03:24 PM (IST)Updated: Fri, 15 Dec 2017 10:32 AM (IST)
कलवरी से बढ़ी भारतीय नौसेना की ताकत, अब दुश्मन के होश उड़ाने आएगी ‘एरीघट’
कलवरी से बढ़ी भारतीय नौसेना की ताकत, अब दुश्मन के होश उड़ाने आएगी ‘एरीघट’

नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क]। भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट -75 के तहत माझगाव डॉक शिपबिल्‍डर्स लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा तैयार की गई देश की पहली स्‍कार्पिन क्‍लास पनडुब्‍बी को गुरुवार को देश को समर्पित कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे देश को समर्पित किया। इस पनडुब्‍बी से देश की नौसेना की ताकत काफी बढ़ जाएगी। आपको बता दें कि चीन ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी नौसैनिक क्षमता में काफी बढ़ोत्तरी की है। चीन की तरफ से देश में बनाई गई सबसे ताकतवर पनडुब्‍बी और नेवल एयरक्राफ्ट कैरियर को लॉन्‍च किया जा चुका है। इसके अलावा भी वह अपनी समुद्री ताकत को लगातार बढ़ा रहा है। ऐसे में भारत के पास स्‍कार्पिन क्‍लास की अत्‍याधुनिक पनडुब्‍बी का होना काफी मायने रखता है। इसके जरिए भारत हिंद महासागर क्षेत्र में चीन को चुनौती देने में और सक्षम हो जाएगा।

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शैल्‍की क्‍लास टारपी‍डो

नेवी के पूर्व कोमोडोर रंजीत बी राय का कहना है कि य‍ह भारत में बनाई अत्‍याधुनिक तकनीक से लैस सबमरीन है। दैनिक जागरण से बात करते हुए उन्‍होंने बताया कि इस सबमरीन पर शैल्‍की क्‍लास के टारपीडो लगाए गए हैं। हालांकि स्‍कार्पिन क्लास पनडुब्‍बी में ब्‍लैक शार्क के टारपीडो लगाए जाते हैं, लेकिन इसको ब्‍लैकलिस्‍ट किए जाने की वजह से इसमें शैल्‍की क्‍लास के टारपीडो को लगाया गया है। उन्‍होंने बताया कि 17 वर्षों के बाद भारतीय नेवी को यह सबमरीन मिली है। यह प्रोजेक्‍ट कुछ देर से पूरा हुआ है। कोमोडोर राय के मुताबिक भारत पहले ही अरिहंत, जो कि एक न्‍यूक्लियर सबमरीन है और चक्र(नॉन न्यूक्लियर सबमरीन) को लॉन्‍च कर चुका है। इसके अलावा गुरू और एरीघट नाम की सबमरीन भी जल्‍द ही लॉन्‍च कर दी जाएंगी। एरीघट ( जिसमें एरी एक भगवान हैं तो घट का अर्थ होता है निशाना) भी काफी हाईटेक होगी। चीन के मुकाबले भारतीय सबमरीन की तुलना के बाबत पूछे गए सवाल पर उन्‍होंने कहा कि भारतीय सबमरीन उनका मुकाबला करने क लिए सक्षम हैं।

दुश्मन पर तेज हमला करने में सक्षम

कलवरी नाम खूंखार शार्क से लिया गया है। इसे स्टेट ऑफ द आर्ट टेक्नोलॉजी से बनाया गया है। इसके साथ उन्नत स्टील्थ फीचर और साइलेंसिस टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया था। यह सबमरीन कम शोर के साथ दुश्मन पर तेजी से हमला करती है। इस सबमरीन से टारपीडो लांच किया जा सकता है और एंटी शिप मिसाइल को जल और सतह दोनों जगह से लांच किया जा सकता है। इसके अलावा इस सबमरीन को सतह और पानी के भीतर से खुफिया जानकारी इकट्ठा करने और युद्ध क्षेत्र में तैनात किया जा सकता है।

2030 तक 24 आधुनिक पनडुब्बियां होंगी

सबमरीन के निर्माण के प्रोग्राम को प्रोजेक्ट-75 नाम दिया गया था, जो कि तीस वर्षों की प्लानिंग थी, जिसे साल 1999 में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने इजाजत दी थी। दो प्रोडक्शन लाइन प्रोजेक्ट 75 और प्रोजेक्ट 75 (I) के तहत छह-छह सबमरीन का निर्माण किया जाना है। इसके साथ ही 12 कन्वेंशनल सबमरीन को बनाया जाना है। मतलब वर्ष 2030 तक नौसेना के पास कुल 24 आधुनिक सबमरीन होंगी। ऐसे में नौसेना की शक्ति में अगले कुछ वर्षों में खासी बढ़ोत्तरी होगी, जिससे हिंद महासागर में दुश्मनों पर नजर रखी जा सकेगी।

बननी हैं कुल छह पनडुब्‍बी

आपको बता दें कि स्‍कार्पिन क्‍लास की कुल छह पनडुब्बियों का निर्माण माझगाव  डॉक लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। एमडीएल ने इस पनडुब्‍बी को 21 सितंबर 2017 को नौसेना को सौंपा था। स्‍कार्पिन सीरीज की दूसरी सबमरीन का निर्माण जारी है, खांडेरी सबमरीन का समुद्र में परीक्षण किया जा रहा है। इसका निर्माण कार्य इस वर्ष जनवरी में शुरू हुआ था। तीसरी सबमरीन कारांज का लांच अगले वर्ष हो सकेगा। भारत और फ्रांस के बीच छह सबमरीन का निर्माण कार्य और तकनीक ट्रांसफर को लेकर वर्ष 2005 में समझौता हुआ था।

पीएम ने दी शुभकामनाएं

इस पनडुब्‍बी को देश को समर्पित करते हुए पीएम मोदी ने कहा यह उनके लिए बहुत सौभाग्य की बात है। उन्‍होंने कहा कि "आज सवा सौ करोड़ भारतीयों के लिए बहुत गौरव का दिन है। मैं सभी देशवासियों को इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर बहुत-बहुत बधाई देता हूं। यह 'Make In India' का उत्तम उदाहरण है। उनका कहना था कि समुद्र के रास्ते आतंकवाद, ड्रग तस्करी या गैरकानूनी मछली पकड़ना, भारत इन सबसे निपटने में अहम भूमिका निभाता रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि इसे मैं एक खास नाम से बुलाता हूं। SAGAR जिसका मतलब है, SECURITY AND GROWTH FOR ALL IN THE REGION। समारोह में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा, वाइस एडमिरल गिरीश लूथरा, पश्चिमी नौसेना कमान के कमांडिंग ऑफिसर और शीर्ष रक्षा अधिकारी शामिल हुए।

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