अबूझमाड़ में नक्सलियों की कमर तोड़ने लाल गलियारे में टूट पड़े हैं जवान
ऐसा पहली बार है जब दो हजार से ज्यादा जवान नक्सल प्रभावित इलाकों में सीना तान कर डटे हैं। इसके लिए आपरेशन प्रहार-2 शुरू किया गया है।
रायपुर, नईदुनिया (मृगेंद्र पांडेय)। छत्तीसगढ़ में लाल गलियारे की लपटों को बुझा देने के लिए फोर्स ने पूरी ताकत झोंक दी है। ऐसा पहली बार है जब दो हजार से ज्यादा जवान नक्सल प्रभावित इलाकों में सीना तान कर डटे हैं। इसके लिए आपरेशन प्रहार-2 शुरू किया गया है। इसके तहत अबूझमाड़ में पिछले दिनों फोर्स ने आधा दर्जन नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया। कई अन्य जगहों पर मुठभेड़ के दौरान नक्सली भागने को मजबूर हुए। हालांकि, कल दंतेवाड़ा में एक जवान का नक्सलियों ने गला रेत दिया। फिर भी पुलिस फोर्स जंगलों में घेराबंदी किए हुए है। अफसरों ने कहा है कि आपरेशन अभी जारी रहेगा।
खुफिया एजेंसियों ने दिया था इनपुट
नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी के मेंबरों की बस्तर के जंगलों, खासकर अबूझमाड़ इलाके में मौजूदगी का खुफिया एजेंसियों ने इनपुट दिया था। इसी के बाद आपरेशन प्रहार-2 शुरू करने का अफसरों ने फैसला लिया। इसमें छत्तीसगढ़ पुलिस, डीआरजी(ड्रिस्ट्रिक रिजर्व ग्रुप) और कोबरा बटालियन लीड रोल में है। फोर्स का दावा है कि लोकल इंटेलीजेंस इनपुट के आधार पर हुए अब तक के सबसे बड़े आपरेशन में नक्सलियों के डीकेसीएनएम (दंडकारण्य जोनल कमेटी) के सदस्य, एलओएस मेंबर और मिलिशिया कमांडर को मार गिराने में सफलता मिली है। अफसरों का यह भी कहना है कि पुलिस ने वर्ष 2017 में 63 नक्सलियों को मारा गिराया और उनका शव भी अपने कब्जे में लिया।
सेंट्रल कमेटी के मेंबरों की है मौजूदगी
एंटी नक्सल आपरेशन के आला अधिकारियों ने बताया कि बारिश में आपरेशन गति नहीं पकड़ सका। जंगल में रास्ते बहुत खराब हैं। अब बरसात बंद होने के बाद नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी के मेंबर गणपति, रामन्ना , देवजी और हरिभूषण की मौजूदगी की सूचना मिली है। ये नक्सली नेता पिछले दो महीने से अबूझमाड़ एरिया में मौजूद थे। इसको देखते हुए प्लान तैयार किया गया और आपरेशन को अंजाम दिया गया। दो हजार जवानों को सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, कांकेर और राजनांदगांव में उतारा गया है। इसमें अबूझमाड़ के नारायणपुर में 435 जवान, कांकेर में 210, बीजापुर में 365, दंतेवाड़ा में 320, सुकमा में 405 और राजनांदगांव में 410 जवान डटे हुए हैं।
2017 में मारे गए बड़े कमांडर
नक्सल विरोधी अभियान में वर्ष 2017 में बड़े कमांडरों को मारने में भी सफलता मिली है। इसमें 20 साल से सक्रिय डीवीसी मेंबर शमीला पोटाई, बारसुर एरिया कमेटी कमांडर विलास, मलांगिर एरिया कमेटी में छह बड़े नक्सली कमांडर मारे गए हैं। बालोद-राजनांदगांव बार्डर पर भी आपरेशन में बड़ी सफलता मिली थी। इस बाबत स्पेशल डीजी (नक्सल आपरेशन) डीएम अवस्थी ने कहा कि एसआइबी और जिला पुलिस को मिले इनपुट के आधार पर आपरेशन प्लान किया गया। कई सेंट्रल कमेटी के मेंबरों की मौजूदगी की भी सूचना मिली थी। नक्सलियों के अबूझमाड डिविजन को टार्गेट करके अभियान चलाया गया है। अभी तक नक्सली साहित्य, टिफिन बम व बड़ी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुए हैं। छह नक्सली कमांडर मारे जा चुके हैं। आपरेशन जारी रहेगा।
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