PM मोदी ने किया उद्घाटन, कोच्चि मेट्रो की इस खूबी पर आपको भी होगा गर्व
कोच्चि मेट्रो और यहां के लोगों के लिए यह गर्व की बात होगी कि भारत में पहली बार यहीं पर कम्यूनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है।
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। बेंगलुरू और चेन्नई के बाद अब दक्षिण भारत के एक और शहर कोच्चि के लोगों को भी मेट्रो के सफर का लुत्फ लेने का मौका मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार 17 जून को कोच्चि मेट्रो का उद्घाटन कर इसे जनता को समर्पित किया। पहले चरण में 13 किमी की दूरी तय करने वाली इस मेट्रो लाइन पर कुल 11 स्टेशन बनाए गए हैं। इस मेट्रो की खास बात यह है कि यह बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करेगी।
जी हां, कोच्चि मेट्रो की कुल ऊर्जा जरूरत की करीब 35 फीसद भरपाई सौर ऊर्जा से होगी। यहां हर स्टेशन पर सौर ऊर्जा पैनल लगाए जाएंगे और यह देश की बिजली बचाने के साथ ही अपनी रनिंग कॉस्ट में भी कमी लाएगी।
सुरक्षित सफर के लिए टेक्नोलॉजी
कोच्चि मेट्रो और यहां के लोगों के लिए यह गर्व की बात होगी कि भारत में पहली बार यहीं पर कम्यूनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है। इस तकनीक से न सिर्फ ट्रेन के फेरों में बढ़ोतरी करने में मदद मिलेगी, बल्कि गलती की गुंजाइश भी कम होगी। इस तकनीक का मकसद दो ट्रेनों के बीच उचित दूरी बनाए रखते हुए टक्कर से बचाना है। भले ही दोनों ट्रेनें एक ही दिशा में एक के पीछे एक चल रही हों या आमने-सामने से आ रही हों, इस तकनीक से दोनों की टक्कर को रोका जा सकता है। यही नहीं, यह तकनीक दो ट्रैक के बीच में ट्रेन की आवाजाही को भी सुरक्षित बनाती है।
सामाजिक पहल भी महत्वपूर्ण
कोच्चि मेट्रो यहां के लोगों के जीवन में सिर्फ रफ्तार ही नहीं लाएगी, बल्कि सामाजिक पहल भी इसके जरिए की जा रही है। सामाजिक पहलू की तरफ देखें तो कोच्चि मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने तय किया है कि उसके स्टेशनों पर ट्रांसजेडर लोगों को भी नियुक्त किया जाएगा। कोच्चि मेट्रो का निर्माण साल 2013 में शुरू हुआ था और एक समय दिल्ली मेट्रो के डायरेक्टर रहे ई-श्रीधरन ने इस नए प्रोजेक्ट में एडवाइजर की भूमिका निभायी थी।
सुंदर तरीके से सजाया जाएगा हर स्टेशन
कोच्चि मेट्रो के 13.2 किमी के पहले चरण में 11 स्टेशन बनाए गए हैं। इस मेट्रो को 25 किमी तक बढ़ाया जाना है। पलारिवट्टम से अलूवा के बीच शनिवार को शुरू हुआ पहला चरण कोच्चि मेट्रो का सबसे बड़ा फेज है। 13 किमी के इस सफर में यात्रियों को कुल 23 मिनट का समय लगेगा, जबकि सड़क मार्ग से इसी दूरी को तय करने में फिलहाल 45 मिनट का वक्त लगता है। कोच्चि मेट्रो के सभी स्टेशनों को खूबसूरत तरीके से सजाया जाएगा। इनमें मैरीटाइम हिस्ट्री, पश्चिमी घाट और शहर के स्थानीय इतिहास की झलक देखने को मिलेगी।
कोच्चि मेट्रो की वेबसाइट के अनुसार इस प्रोजेक्ट को बनने में 5179.79 करोड़ का खर्च आया है और इसमें 15 से 30 रुपये के बीच किराया रखा गया है। कोच्चि मेट्रो की प्रत्येक रेलगाड़ी में 975 यात्रियों की सवारी की क्षमता है। इसमें 140 सीटें लगाई गई हैं, जबकि प्रति स्क्वायर मीटर में 8 यात्रियों के खड़े होने की क्षमता है।
दिल्ली मेट्रो भी पीछे नहीं
Jagran.Com ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) के कार्यकारी निदेशक (कॉर्पोरेट कम्युनिकेशंस) अनुज दयाल से इस बारे में खास बात की। उन्होंने बताया कि फिलहाल दिल्ली मेट्रो ने 20 मेगावाट सौर ऊर्जा का लक्ष्य रखा है। अनुज दयाल ने बताया, 'तीसरे चरण में बन रहे सभी स्टेशनों पर इस्तेमाल होने वाली ऊर्जा के लिए सौर ऊर्जा की व्यवस्था की जा रही है।' यानी दिल्ली मेट्रो भी ग्रीन एनर्जी की बड़ी पक्षकार है और इसे अपने ऑपरेशन में इस्तेमाल कर रही है।
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