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पाकिस्‍तान को 2014 की ही तरह सबक सिखाने की जरूरत, तभी आएगा बाज

2013 में जब भारतीय सेना ने अपने तोपखाने का मुंह खोल दिया था। उस दौरान पाकिस्‍तानी सीमा में जबरदस्‍त गोलाबारी की गई थी। ऐसी ही कार्रवाई की जरूरत आज भी है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Fri, 16 Feb 2018 02:07 PM (IST)Updated: Sat, 17 Feb 2018 08:59 AM (IST)
पाकिस्‍तान को 2014 की ही तरह सबक सिखाने की जरूरत, तभी आएगा बाज
पाकिस्‍तान को 2014 की ही तरह सबक सिखाने की जरूरत, तभी आएगा बाज

नई दिल्‍ली [स्‍पेशल डेस्‍क]। जम्‍मू कश्‍मीर में हाल ही में हुए सेना के जवानों पर हमले के बाद एक बार फिर से इस तरह की मांग उठने लगी है कि पाकिस्‍तान को उसकी ही भाषा में जवाब दिया जाए। हालांकि भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने एक बार फिर से दोहराया है कि पाकिस्‍तान को जवाब देने के लिए सेना को खुली छूट दी गई है, इसके लिए सेना द्वारा चलाई गई गोलियों की जानकारी नहीं ली जाएगी। उन्‍होंने यह भी कहा है कि सेना का हौसला कम नहीं होने दिया जाएगा और न ही देश का मस्‍तक झुकने दिया जाएगा। देश की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी हालिया सुंज्‍वा हमले के बाद कहा था कि इसकी कीमत पाकिस्‍तान को अदा करनी होगी। इस हमले में मारे गए जवानों का बदला लेने का समय और दिन भी हम ही तय करेंगे।

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सेना को खुली छूट
इस बाबत दैनिक जागरण से बात करते हुए पूर्व मेजर जनरल जीडी बख्‍शी का साफ कहना था कि यह जरूरी है कि सेना को पाकिस्तान को सबक सिखाने की खुली छूट दी जाए। उनके मुताबिक हमारी सेना के जवानों के यदि हाथ बांध दिए जाएंगे और उनके ऊपर अपनी जान बचाने के लिए चलाई गई गोली के लिए एफआईआर होगी तो ऐसे में उनका हौसला कैसे बुलंद होगा। जनरल का कहना था कि जरूरी है कि पाकिस्‍तान के हर हमले के जवाब में भारतीय सेना जवाबी कार्रवाई में जबरदस्‍त गोलाबारी कर पाकिस्‍तान को सबक सिखाए। उनके मुताबिक 2014 में जब भारतीय सेना ने अपने तोपखाने का मुंह खोल दिया था। उस दौरान पाकिस्‍तानी सीमा में जबरदस्‍त गोलाबारी की गई थी। ऐसी ही कार्रवाई की जरूरत आज भी है। उस वक्‍त पाकिस्‍तान भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई से इस कदर दहशत में आ गया था कि सीजफायर की भीख मांगने लगा था। 

पाकिस्‍तान से परमाणु हमले के डर कर नहीं रह सकते
यह पूछे जाने पर कि यदि इस तरह की कार्रवाई की गई तो क्‍या यह सीधेतौर पर युद्ध नहीं कहा जाएगा और क्‍या जिस तरह की परमाणु हमले की आशंका अमेरिका ने हालिया रिपोर्ट में जताई वो हकीकत नहीं बन जाएगी। उनका कहना था कि जब कारगिल में युद्ध हुआ तो कितने परमाणु बम भारत पर पाकिस्‍तान ने गिराए थे जो अब गिराएगा। उनके मुताबिक यदि पाकिस्‍तान ऐसी कोई भी गलती करता है तो वह पूरी तरह से खत्‍म भी हो जाएगा। जनरल बख्‍शी का मानना है कि सर्जिकल स्‍ट्राइक अच्‍छी चीज थी। ऐसी ही स्‍ट्राइक बार-बार करने की जरूरत है। लेकिन इससे भी अच्‍छा है कि पाकिस्‍तान से आने वाले हर हमले के जवाब में बोफोर्स समेत दूसरी तोपों का मुंह मुंह खोल देना चाहिए जो दूर तक मार करेगी।

मिसाइल हमले से भी नहीं हटना चाहिए पीछे 
इससे भी बात न बनें तो भारत को मिसाइल हमले से भी पीछे नहीं हटना चाहिए। पाकिस्‍तान से परमाणु हमले के डर से हम अपने जवानों को मरने के लिए नहीं छोड़ सकते हैं। यदि ऐसा होता है तो इससे सेना का हौसला गिर जाएगा। बख्‍शी मानते हैं कि मौजूदा आर्मी चीफ जिस तरह से काम कर रहे है उनकी दिशा बिल्‍कुल ठीक है, लेकिन कुछ दबाव उनपर भी जरूर दिखाई देता है। बहरहाल उन्‍होंने जितने फैसले जिस तरह से लिए हैं वह सही हैं। जनरल बख्‍शी का कहना है कि सीमा पर लगातार हमले हो रहे हैं और हमारे जवान मारे जा रहे हैं ऐसे में पाकिस्‍तान से किसी भी तरह की बातचीत नहीं हो सकती है।

सीमा पार कर भारत में घुसने की कोशिश में आतंकी
जिन बातों को बख्‍शी ने कहा है लगभग वही बातें पूर्व में विश्‍व हिंदु परिषद के नेता प्रवीण तोगडि़या ने पिछले सप्‍ताह कही थीं। ऐसी ही मांग अब देश के अंदर से भी आम लोगों के द्वारा उठाई जा रही है। आपको बता दें कि मीडिया में आई खबरों के मुताबिक पाकिस्‍तान की सीमा में करीब 300 से ज्‍यादा आतंकी सीमा पार करने की फिराख में बैठे हैं। पिछले दिनों जिस तरह की गोलाबारी पाकिस्‍तान की तरफ से की गई थी वह भी कहीं न कहीं इन्‍हीं आतंकियों को सीमा पार करवानो के लिए की गई थी।

ऑपरेशन आलआउट
इस साल पाकिस्‍तान की तरफ से हुई गोलाबारी में करीब 23 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं भारत की जवाबी कार्रवाई में करीब इतने ही जवान पाकिस्‍तान की तरफ भी मारे गए हैं। गौरतलब है कि भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन आलआउट के दौरान सेना ने आतंकी संगठनों के बड़े नामों को मार गिराने में सफलता हासिल की है। एक हकीकत यह भी है कि पाकिस्‍तान अब इन आतंकियों की कमी को पूरा करने के लिए भी यहां पर आतंकियों की बड़ी फौज को भेजना चाहता है।

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