बारिश के कहर से आधा देश जलमग्न, पटरी से उतरी जिंदगी
देश का आधे से ज्यादा हिस्से इस समय बाढ़ का सामना कर रहे हैं। सरकारें बड़े- बड़े वादे और दावे करती हैं, लेकिन वो वादे सिर्फ वादे बनकर रह जाते हैं।
नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क] । मानसूनी बारिश का इंतजार जहां हम सभी बेसब्री से करते हैं, वहीं एक दूसरा पक्ष यह भी है कि देश का एक बड़ा हिस्सा जलमग्न भी हो जाता है। देश के पूर्वी हिस्से से लेकर पश्चिमी हिस्सा और उत्तर से लेकर दक्षिण तक छोटी बड़ी नदियां कहर ढाने लगती हैं। छोटे कस्बे हों या बड़े कस्बे सबकी सूरत एक जैसी हो जाती है। देश का दिल दिल्ली हो या हाइटेक शहरों में शुमार गुरुग्राम बारिश की मार से सड़कों पर जलभराव हो जाता है। सड़कों पर कई किमी लंबे जाम लग जाते हैं। कुछ साल पहले गुरुग्राम से दिल्ली जाने वाली सड़क पर भीषण जाम को कौन भूल सकता है, जब लोगों को करीब 16 घंटे तक सड़क पर जिंदगी का एक छोटा सा हिस्सा गुजारना पड़ा। उस दृश्य के बाद गुरुग्राम के एक पुलिस अधिकारी को अपनी गद्दी तक गंवानी पड़ी।
असम में सबसे गंभीर हैं हालात
असम के 24 जिलों में लगभग 12 लाख लोग बाढ़ का सामना कर रहे हैं। अब तक बाढ़ की वजह से मरने वालों की संख्या 73 हो चुकी है। काजीरंगा राष्ट्रीय पार्क डूबा हुआ है, 70 से अधिक जानवर बाढ़ की भेंट चढ़ चुके हैं। दुर्लभ प्रजाति के एक सींग वाले गैंडे खतरे में हैं। प्रभावित जिलों में धेमाजी, लखीमपुर, सोनितपुर, दरांग, नलबारी, बारपेटा, बोंगाइगांव, चिरांग, कोकराझार, धुबरी, गोलपारा, मोरीगांव, नौगांव, कार्बी आंगलॉन्ग, गोलाघाट शामिल है।
उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट
यूपी, बिहार के कई इलाकों में भी भारी बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं। उत्तराखंड के कुमाऊं में बारिश से आधा दर्जन रिहायशी मकान भूस्खलन की चपेट में आ गए। पिथौरागढ़ के धारचूला में कटान की वजह से 13 गांवों का दूसरे इलाकों से संपर्क कट गया है। काली नदी खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है। देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर समेत कई इलाकों में अगले 24 घंटे में भारी बारिश का अनुमान जताया गया है।
जानकार की राय
Jagran.com से खास बातचीत में डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय के शोधछात्र मनीष शुक्ला का कहना है कि मानसूनी बारिश को आप रोक नहीं सकते हैं। बाढ़ के पीछे बड़ी वजह बारिश के साथ नदियों के जलप्रवाह क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण है। हिमालयी इलाकों में बादल फटने जैसी घटनाओं को रोका नहीं जा सकता है। लेकिन आपदा प्रबंधन के जरिए नुकसान को कम कर सकते हैं। मैदानी इलाकों में बाढ़ के पीछे बड़ी वजह ये है कि इन नदियों में ज्यादा मात्रा में गाद है। इसके अलावा नदियों के तटवर्ती इलाकों में बड़े पैमाने पर पेड़ों और जंगलों की कमी है।
ओडिशा सरकार ने मांगी सेना की मदद
ओडिशा में भी बाढ़ से कई जिलों में हालात काफी गंभीर है। आंध्र प्रदेश और ओडिशा के बीच ट्रेन सेवा भी बुरी तरह से प्रभावित है। रायगढ़ और कालाहांडी के इलाकों में बाढ़ से प्रभावित लोगों की सुरक्षा के लिए ओडिशा सरकार ने सेना और वायु सेना की मदद मांगी है।
आंध्र में खेती को भारी नुकसान
आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में नारायणपुरम, अन्नावरम, कोल्लीवलासा आदि इलाके जलमग्न हैं। विजयनगरम-श्रीकाकुलम हाईवे पर यातायात प्रभावित है। गांवों में, स्कूलों में और गन्ने के खेतों में पानी भर गया है। मौसम विभाग ने तटीय आंध्र प्रदेश के जिलों में अगले 24 घंटों में भारी बारिश का अनुमान जताया है।
गुजरात के कच्छ और सौराष्ट्र में स्थिति गंभीर
गुजरात के कई इलाकों में भी भारी बारिश लोगों के लिए मुसीबत बनकर आई है। खासकर कच्छ और सौराष्ट्र के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं। मोरबी, सुरेंद्रनगर, राजकोट, जामनगर और कच्छ में बारिश से स्थिति काफी भयावह है। गुजरात में पिछले 48 घंटे में एनडीआरएफ और एयरफोर्स ने 405 लोगों को प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
यूपी-बिहार में हाल बेहाल
यूपी के बाराबंकी के सिरौली गौसपुर तहसील के लगभग आधा दर्जन गांव बाढ़ के पानी में समा चुके हैं। घाघरा नदी का जल स्तर दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है, जिससे घाघरा के आसपास के गांव के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। बिहार में पिछले 24 घंटे के दौरान दक्षिण-पश्चिम मानसून के कमजोर रहने के कारण एक-दो स्थानों पर हल्की बारिश होने के साथ अगले 24 घंटे के दौरान कुछ स्थानों पर भारी बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है।
छत्तीसगढ़ में जल प्रहार
छत्तीसगढ़ के दक्षिण क्षेत्र बस्तर में भारी बारिश के कारण जनजीवन प्रभावित हो गया है। मुख्यमंत्री रमन सिंह ने बारिश और संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने के उपायों की समीक्षा की है। बस्तर संभाग के आयुक्त दिलीप वासनीकर ने बताया कि बस्तर में पिछले 48 घंटे से लगातार बारिश हो रही है, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है।
भारी बारिश के कारण इंद्रावती, सबरी, शंकनी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। सभी जिलों के कलेक्टरों को निर्देश दिया गया है कि वे निचले इलाके जहां जलभराव की स्थिति रहती है वहां के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए योजना बनाएं तथा उनके लिए राहत कार्य चलाया जाए।
राजस्थान में भारी बारिश की चेतावनी
अजमेर संभाग के कई हिस्सों, जयपुर, भरतपुर, कोटा, बीकानेर, जोधपुर और उदयपुर के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि दक्षिण- पश्चिम मॉनूसन राजस्थान के पश्चिमी और पूर्वी भागों की ओर बढ़ रहा है और जल्द ही उन इलाकों में तेज बारिश हो सकती है।
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