जानें, क्यों सील हुआ मीसा का फार्म हाउस और क्यों बढ़ सकती है लालू की मुसीबतें
ईडी ने बताया कि साल 2009-10 में इस कंपनी का पता बदलकर उसे 26, पालम फार्म्स, वीपीओ बिजवासन, नई दिल्ली कर दिया गया।
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को मानी लांड्रिंग केस में राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू यादव की बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती और उनके पति के दिल्ली स्थित फॉर्म हाउस को सील कर दिया है। धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के अंतर्गत दक्षिण दिल्ली के बिजवासन इलाके के फार्म हाउस नंबर 26 पर कार्रवाई करते हुए इसे अस्थाई तौर पर सील किया।
मनी लांड्रिंग के पैसे से खरीदा गया था फार्म हाउस
केन्द्रीय जांच एजेंसी ने बताया कि यह फार्म हाउस मीसा और उसके पति शैलेश का है जो मेसर्स मिशैल पैकर्स एंड प्रिंटर्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर था। ईडी ने कहा कि यह फार्म हाउस साल 2008-09 में मनी लांड्रिंग के पैसे से 1 करोड़ 20 लाख रूपये में खरीदा गया था। शैल कंपनी बनाकर करोड़ों रूपये के धनशोधन के आरोप में ईडी ने जुलाई में जैन बंधुओं सुरेन्द्र जैन और वीरेन्द्र जैन के खिलाफ जांच के दौरान बिजवासन स्थित फार्म हाउस समेत कुछ अन्य जगहों पर भी छापे मारे थे। जैन बंधुओं को ईडी ने पहले ही पीएमएलए के तहत गिरफ्तार किया है।
जैन बंधुओं की हो चुकी है गिरफ्तारी
ईडी ने एक चार्टर्ड एकाउंटेंट राजेश अग्रवाल को भी गिरफ्तार किया है जिसने जैन बंधुओं को 90 लाख रूपये एडवांस दिए थे ताकि वे मेसर्स मिशैल पैकर्स एंड प्रिंटर्स प्राइवेट लिमिटेड में निवेश कर सकें। गिरफ्तार जैन बंधुओं के जिन कंपनियों से संबंध रहे हैं उनमें से एक मिशैल पैकर्स एंड प्रिंटर्स प्राइवेट लिमिटेड भी है। मीसा भारती और उनके पति शैलेश पर इस कंपनी के पूर्व में डायरेक्टर्स होने का आरोप है। मीसा की तरफ से इस कंपनी के शेयर खरीदने से पहले तक इसका पता था 25, तुगलक रोड, नई दिल्ली।
मिशैल पैकर्स एंड प्रिंटर्स प्राइवेट लिमिटेड डायरेक्टर्स थे मीसा और शैलेश
ईडी ने बताया कि साल 2009-10 में इस कंपनी का पता बदलकर उसे 26, पालम फार्म्स, वीपीओ बिजवासन, नई दिल्ली कर दिया गया। इस दौरान मीसा भारती और उनके पति शैलेश कुमार कंपनी के डायेरक्टर्स थे। इस केस में मीसा और शैलेश से भी जांच एजेंसी ने पूछताछ की है और दोनों के बयान दर्ज किए गए हैं। जांच एजेंसी ने बताया कि 1 करोड़ 20 लाख रूपये के मनी लांड्रिंग केस में जैन बंधु, चार्टर्ड एकाउंटेंट राजेश अग्रवाल और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री की बेटी मीसा और दामाद शैलेश कुमार मुक्य आरोपी है। जिस वक्त का यह मामला है उस वक्त लालू यादव केन्द्र में रेल मंत्री थे।
जांच एजेंसी ने बताया कि इसने पता लगाया कि मिशैल प्रिंटर्स ऐंड पैकर्स प्रा. लि. के 1,20,000 शेयर वर्ष 2007-2008 के दौरान 100 रुपये प्रति शेयर की दर से खरीदे गए थे। इसे चार फर्जी कंपनियों- शालिनी होल्डिंग्स लिमिटेड, ऐड फिन कैपिटल सर्विसेज (इंडिया) प्रा. लिमिटेड, मणि माला दिल्ली प्रॉपर्टिज प्रा. लि. और डायमंड विनिमय प्रा. लि. ने खरीदा था। इन 1,20,000 शेयर को मीसा ने 10 रुपये प्रति शेयर की दर से वापस खरीद लिया। लालू प्रसाद के परिवार की कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच करने वाला प्रवर्तन निदेशालय तीसरी केंद्रीय एजेंसी है। वहीं, सीबीआई और आयकर विभाग ने अपनी जांच के तहत करीब 180 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति कुर्क की थी।
आरजेडी ने कहा- बदले की कार्रवाई
उधर, मीसा भारती के दिल्ली स्थित फार्म हाउस सील होने के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी शुरू हो चुका है और राष्ट्रीय जनता दल ने इसे बदले की कार्रवाई करार दिया है। आरजेडी नेता मनोज झा ने Jagran.com से खास बातचीत में बताया कि ये सारी कार्रवाई राजनीतिक विरोधियों की तरफ से बदले की भावना के तहत की जा रही है। मनोज झा ने अंदेशा जताते हुआ बताया कि भारतीय जनता पार्टी की तरफ से इस तरह की कार्रवाई आनेवाले दिनों में और बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि ये सिर्फ आरजेडी के साथ ही नहीं बल्कि जिन राज्यों में उनके राजनीतिक विरोधी हैं वे वहां पर ऐसा ही काम कर रही है।
हालांकि, राजनीतिक जानकारों की मानें तो जिस तरह से तमाम एजेंसियों के रडार पर लालू यादव और उनका परिवार है ऐसे में आनेवाले दिनों में लालू और उनके परिवार की मुश्किलें काफी बढ़ सकती है।
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