पत्रकार विनोद वर्मा की गिरफ्तारी और मंत्री की सेक्स सीडी की आखिर क्या है हकीकत
जागरण के एसोसिएट एडिटर राजीव सचान ने बताया कि किसी एक पत्रकार की गिरफ्तारी के बाद प्रेस की आज़ादी पर हमला कह देना ठीक नहीं है।
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। ब्लैकमेलिंग और उगाही के आरोप में गिरफ्तार जाने माने पत्रकार विनोद वर्मा को गाज़ियाबाद कोर्ट ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ पुलिस को ट्रांजिट रिमांड पर भेज दिया है। अब विनोद वर्मा को रायपुर ले जाकर कोर्ट में पेश किया जाएगा। विनोद वर्मा ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि उन्हें फंसाया जा रहा है क्योंकि उनके पास छत्तीसगढ़ के एक मंत्री की अश्लील सीडी है। उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद करार दिया है।
तड़के साढ़े तीन बजे पुलिस ने उठाया
विनोद वर्मा की शुक्रवार तड़के करीब साढ़े तीन बजे इंदिरापुरम पुलिस स्टेशन पूछताछ के लिए लाया गया था। जहां पर कई घंटे तक उनसे पूछताछ होती रही। रायपुर पुलिस ने कहा कि भाजपा नेता प्रकाश बजाज की तरफ से 26 अक्टूबर को की गई शिकायत के आधार पर विनोद वर्मा को गिरफ्तार किया गया है। बजाज ने अपनी शिकायत में कहा है कि उन्हें एक कॉल करने वाले ने दावा किया कि उसके पास उनके आका की अश्लील सीडी है और अगर वे उनकी मांगे नहीं मानते हैं तो उसे सार्वजनिक कर दी जाएगी।
सेक्स सीडी के पीछे क्या है हकीकत
वर्मा की गिरफ्तारी पर दैनिक जागरण की फेसबुक चर्चा में उर्दू इनकलाब के संपादक शकील हसन शमसी ने बताया कि पत्रकार की गिरफ्तार के बारे में हैरत की बात इसलिए नहीं है क्योंकि ऐसा कहा जा रहा है कि उनके पास एक मंत्री की सेक्स सीडी थी। लेकिन, मंत्री ने कोई ऐसी शिकायत नहीं की कि उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूरी घटनाक्रम को देखने से यह लगता है कि कुछ ना कुछ राजनीतिक एजेंडा तो है। ऐसी स्थिति में कुछ और कहानी भी निकलकर आ सकती है। ऐसे में पत्रकार की गिरफ्तार से भी ज्यादा बड़ा सवाल ये है कि मंत्री उस अश्लील सीडी में थे या नहीं थे उसकी जांच होनी चाहिए कि सीडी सही है या नहीं। इसके साथ ही, उस औरत का पता लगाया जाना चाहिए जो उस सीडी के अंदर है। तभी उसकी सच्चाई निकलकर सामने आएगी।
लोकतंत्र पर हमला कहना सही नहीं
जबकि, दैनिक जागरण के एसोसिएट एडिटर राजीव सचान ने बताया कि किसी एक पत्रकार की गिरफ्तारी के बाद लोकतंत्र पर हमला या प्रेस की आज़ादी पर हमला कह देना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मामले में क्या सही है और क्या गलत ये अदालत को ही तय करना है। लेकिन, इस मामले में सिर्फ अभी अनुमान लगाया जा सकता है कि ऐसा है या नहीं है। राजीव सचान ने कहा कि विनोद वर्मा का ये कहना है कि इन्होंने ये माना है कि इनके पास एक केन्द्रीय मंत्री की अश्लील सीडी है जबकि इनके ऊपर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाया गया है। ऐसे में क्या सच्चाई है इसका फैसला सिर्फ अदालत ही करेगी। लेकिन, ये सवाल तो उठता है कि उस सेक्स वीडियो का क्या कर रहे थे। उन्होंने बताया कि अगर दिक्कत मंत्रीजी को थी तो शिकायत मंत्री को करना चाहिए था। ऐसे में सवालों के घेरे में विनोद वर्मा के साथ ही मंत्री जी भी है। ऐसे में कौन सही और कौन गलत है इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है।
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