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गगनचुंबी इमारतों के बीच कुछ ऐसे बदल जाएगा रिहाइशी इमारतों का भविष्य

दुनिया की जनसंख्या अगर इसी तरह बढ़ती रही तो एक दिन इंसान आकाश के साथ साथ अंतरिक्ष में रहते हुए दिखाई देगा।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Thu, 04 Jan 2018 05:18 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jan 2018 05:32 PM (IST)
गगनचुंबी इमारतों के बीच कुछ ऐसे बदल जाएगा रिहाइशी इमारतों का भविष्य
गगनचुंबी इमारतों के बीच कुछ ऐसे बदल जाएगा रिहाइशी इमारतों का भविष्य

नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। दुनिया की बढ़ती आबादी को एक छत मुहैया कराने के लिए नई-नई इमारतों का निर्माण किया जा रहा है। कम जगह में ज्यादा लोगों के रहने की व्यवस्था को लगभग सभी देश समझ चुके हैं और शायद इसीलिए गगनचुंबी इमारतों का निर्माण लगातार हो रहा है। इतना ही नहीं धरती पर कम पड़ती जगह की वजह से अब पानी और आकाश का रुख भी किया जा रहा है। दुनिया की जनसंख्या अगर इसी तरह बढ़ती रही तो एक दिन इंसान आकाश  के साथ-साथ अंतरिक्ष में रहते हुए दिखाई देगा। यहां रहने के लिए कॉन्सेप्ट भी तैयार कर लिया है। आकाश और अंतरिक्ष की बात हम आगे करेंगे पहले जान लेते हैं कि साल 2017 में सबसे ज्यादा और ऊंची इमारतों का निर्माण कहां हुआ।

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धरती पर गगनचुंबी इमारतें

गगनचुंबी इमारतों की अगर बात करें तो चीन में सबसे ज्यादा ऊंची इमारतों का निर्माण हुआ है। पिछले साल 200 मीटर (660 फीट) से ऊंची कुल 144 इमारतों और 300 मीटर (980 फीट) से ऊंची 15 का इमारतों का निर्माण पूरा हुआ। द काउंसिल ऑन टाल बिल्डिंग एंड अर्बन हैवीटेट की रिपोर्ट के अनुसार 76 इमारतों के साथ चीन शीर्ष पर रहा। 

     

चीन ने मारी बाजी

दुनिया की गगनचुंबी इमारतों के आंकड़े रखने वाली शिकागो की संस्था कौंसिल ऑफ टाल बिल्डिंग्स एंड अर्बन हैबिटैट के अनुसार वर्ष 2017 में दुनिया में कुल 144 इमारतें तैयार हुईं। ये इमारतें 656 फीट (करीब 65 मंजिल वाली) या उससे ज्यादा ऊंचाई वाली हैं। 2016 की तुलना में इनकी संख्या में 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। कुल 144 इमारतों में से आधी से ज्यादा 77 गगनचुंबी इमारतें चीन के 36 शहरों में बनीं। उत्तरी चीन का शहर शेनझेन ऊंची इमारतें बनाने वाले शहरों में सबसे ऊपर है। इस शहर ने लगातार दूसरे वर्ष सर्वाधिक ऊंची इमारतें बनाई हैं। शेनझेन शहर में 656 फीट या इससे ज्यादा ऊंचाई की 2017 में 12 इमारतें तैयार की गईं। यह संख्या पूरे अमेरिका में सालभर में तैयार हुई गगनचुंबी इमारतों की संख्या से ज्यादा है। शेनझेन में इस साल दुनिया की चौथी सबसे ऊंची 1,966 फीट ऊंची इमारत पिंग एन फाइनेंस सेंटर बनकर तैयार हुई है।

उत्तर कोरिया ने सबको चौंकाया   

इस सूची में तनावग्रस्त उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग ने सबको चौंकाया है। प्योंगयांग ने इस साल चार गगनचुंबी इमारतें तैयार की हैं।

दुनिया की सबसे ऊंची इमारतें

अगर दुनिया की सबसे ऊंची इमारतों की बात की जाए तो फिलहाल बुर्ज खलीफा है। तो आइए जानते हैं दुनिया की सबसे ऊंची इमारतों के बारे में-

बुर्ज खलीफा- दुबई

इसकी ऊंचाई 828 मीटर है और इसमें 163 फ्लोर हैं। 

शंघाई टॉवर- चीन

इसकी ऊंचाई 632 मीटर है और इसमें 128 फ्लोर हैं।

रॉयल टावर- मक्का

इसकी ऊंचाई 601 मीटर है और इसमें 120 फ्लोर हैं।

वर्ल्ड ट्रेड सेंटर- न्यूयॉर्क

इसकी ऊंचाई 541.3 मीटर है और इसमें 104 फ्लोर हैं। 

101 ताइपे- ताइवान

इसकी ऊंचाई 508 मीटर है और इसमें 101 फ्लोर हैं।

भारत में सबसे ऊंची इमारतें

इंपीरियल टॉवर

इसकी ऊंचाई 833 फीट है और इसमें 61 फ्लोर हैं।

वर्ल्‍ड क्रेस्‍ट

इसकी उंचाई 732 फीट हैं तथा इसमें 57 फ्लोर हैं।

आहुजा टॉवर्स

यह 820 फिट ऊंची इमारत है, जिसमे 53 फ्लोर हैं। 

हवा में इमारतें बनाने की तैयारी

ये तो बात हो गई जमीन पर बनी इमारतों की। जिस तरह से दुनिया की आबादी बढ़ रही है और जिस तरह से लोग हवा में बिल्डिंगों को बनाने का कॉन्सेप्ट ला रहे हैं उसे देखकर यही लग रहा है कि अब एक दुनिया हवा में एक दुनिया पानी में बसने वाली है। इतना ही नहीं बात तो अंतरिक्ष में रहने की भी हो रही है। जमीन पर ऊंची-ऊंची इमारतें बनी हुई बहुत देखी होंगी, लेकिन अब तो हवा लटकी इमारतों की तैयारी चल रही है। धरती पर जगह सीमित मात्रा में बची हुई है। इसीलिए इमारतें बनाने के लिए हवा रुख किया जा रहा है। दरअसल क्लाउड आर्किटेक्ट्स ने अब पिंडों पर इमारतें बनाने का ड्राफ्ट तैयार किया है। 

हवा में कैसे लटकेंगी इमारतें

इस तरह की इमारतें बनाने के लिए जमीन की नहीं बल्कि पृथ्वी का चक्कर काटते हुए पिंडों की जरूरत होती है। इन पिंडों पर मजबूत और लंबे तार लगाने की योजना बनाई जा रही है और इन्ही तारों के सहारे इमारतों को लटकाया जाएगा। 

अंतरिक्ष में बसेगा शहर

अभी तक आपने जमीन पर अलग-अलग देशों के नाम सुने होंगे लेकिन आने वाले समय में अंतरिक्ष में शहर बसाने की तैयारी चल रही है। रूसी उद्योगपित इगोर अशुरबेयली, असगार्दिया नाम के स्पेस नेशन के लिए आर्थिक मदद कर रहे हैं।  इगोर चाहते हैं कि असगार्दिया के बसने से पहले संयुक्त राष्ट्र संघ मान्यता दे दे। यह पूरी तरह स्वतंत्र देश होगा। इस साल सितंबर में पहली डाटा सेटेलाइट के लॉन्च होते ही असगार्दिया को बसाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

यह भी पढ़ें: अगर आप स्पेस में तलाश रहे हैं घर तो 'असगार्दिया' देगा बेहतर विकल्प


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