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इस बार चूके तो फिर इस दुर्लभ घटना को देखने के लिए करना होगा 13 वर्ष का इंतजार!

ब्रहमांड से जुड़ी घटनाओं में दिलचस्‍पी रखने वालों के लिए बड़ी खबर है। जल्‍द ही बुध सूर्य और पृथ्‍वी के बीच से गुजरने वाला है जिसे नग्‍न आंखों से देखा जा सकेगा।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sat, 12 Oct 2019 10:59 AM (IST)Updated: Sun, 13 Oct 2019 09:15 AM (IST)
इस बार चूके तो फिर इस दुर्लभ घटना को देखने के लिए करना होगा 13 वर्ष का इंतजार!
इस बार चूके तो फिर इस दुर्लभ घटना को देखने के लिए करना होगा 13 वर्ष का इंतजार!

नैनीताल [रमेश चंद्रा]। ब्रह्मांड प्रेमियों के लिए 11 नवंबर का दिन बेहद खास होने वाला है। ऐसा इसलिए कयोंकि इसी दिन सौरमंडल में दुर्लभ खगोलीय घटित होगी। इसी दिन बुध ग्रह सूर्य के सामने से अपना सफर तय करेगा। ब्रह्ममांड में घटित होने वाली इस दुर्लभ घटना का सबसे रोचक पहलू ये है कि इसको नग्न आंखों से दुनिया के कई हिस्सों में देखा जा सकेगा। इस दौरान बुध गृह सूर्य के मध्य क्षेत्र से गुजरता हुआ दिखाई देगा।

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मरकरी ट्रांजिट

आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के खगोल वैज्ञानिक डॉ. शषि भूषण पांडे के अनुसार, बुध का सूर्य के साथ आच्छादन को मरकरी ट्रांजिट कहा जाता है। इस बार होने जा रही इस घटना में बुध, सूर्य के लगभग मध्य क्षेत्र से गुजरने जा रहा है, जिस कारण यह ट्रांजिट बेहद खास माना जा रहा है। इस दौरान बुध सूर्य के सामने से 5.30 घंटे की यात्रा कर अपने पाथ पर आगे बढ़ेगा।

शाम छह बजे के बाद होगा शुरू 

11 नवंबर की शाम 6.04 बजे ट्रांजिट शुरू हो जाएगा, जिसमें बुध को काली बिंदी के रूप में सूर्य के सामने से गुजरते देखा जा सकेगा। इस खगोलीय घटना को दुनिया के कई हिस्सों से कोरी आखों से देखा जा सकेगा। ट्रांजिट के दौरान भारत में सूर्य ढल चुका होगा। लिहाजा इसे एटलांटिक, प्रशांत व हिंद महासागर से ही देखा जा सकेगा। अफ्रीका, दक्षिणी अमेरिका, उत्तरी अमेरिका व यूरोप के कुछ हिस्से में इस अद्भुत घटना को बखूबी देखा जा सकेगा।

क्या है मरकरी ट्रांजिट 

हमारे सौरमंडल में प्रत्येक ग्रह अपने पथ पर सूर्य की परिक्रमा करते हैं। इस दौरान कई बार वह सूर्य के सामने से गुजरते हैं। जब भी ऐसी स्थिति बनती है तो वह ट्रांजिट कहलाता है। मरकरी के अलावा वीनस ट्रांजिट भी होता है।

सदी में 13 बार होती है यह घटना 

मरकरी ट्रांजिट की खगोलीय घटना एक सदी में सिर्फ 13 बार होती है, जिसके चलते यह घटना दुर्लभ मानी जाती है। इससे पूर्व मरकरी ट्रांजिट नवंबर 2016 में हुई थी। इस वर्ष 11 नवंबर के बाद अगली घटना 13 साल बाद नवंबर 2032 में होगी। इस सदी का सबसे लंबा ट्रांजिट नवंबर 2095 में होगा। वहीं, सदी का अंतिम मरकरी ट्रांजिट नवंबर 2098 को होगा।

वैज्ञानिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है घटना 

वैज्ञानिक दृष्किोण से यह घटना समय व दूरी की गणना के लिए महत्व रखती है। घटना के दौरान ऑब्जर्वेशन के बाद पूर्व की गणना की पुष्टि अथवा परिवर्तन के बारे में सटीक जानकारी मिल जाती है।

सूर्य का सबसे नजदीकी ग्रह है बुध 

बुध हमारे सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह है, जो सूर्य के सर्वाधिक नजदीक है। यह 88 दिन में सूर्य का चक्कर पूरा कर लेता है। सूर्य की अत्यधिक रोशनी इस ग्रह पर पड़ने के कारण इसे देख पाना आसान नहीं है। अकसर धरती से इसको शाम और सुबह के वक्‍त नग्‍न आंखों से भी आसानी से देखा जा सकता है। इसकी सतह पर बेशुमार क्रेटर्स मौजूद है, लिहाजा इसकी सतह काफी उबड़खाबड़ या कहें की चांद से काफी मिलती जुलटी है।    

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