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Italian Marines Case: आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के परिवार ने मांगा 100 करोड़ का मुआवजा

परिवार ने अपने आवेदन में कहा कि प्रिजिन को 14 वर्ष की आयु के बच्चे को अंतरराष्ट्रीय बाल अधिकार कानून भारतीय संविधान और इटली के कानून के तहत संरक्षण नहीं प्रदान किया गया था।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 09:38 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 09:40 PM (IST)
Italian Marines Case: आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के परिवार ने मांगा 100 करोड़ का मुआवजा
Italian Marines Case: आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के परिवार ने मांगा 100 करोड़ का मुआवजा

कोच्चि, प्रेट्र। आठ साल पहले जिस भारतीय नौका पर इतालवी नौसैनिकों ने गोली चलाई थी, उस पर 14 साल का एक लड़का प्रिजिन ए भी सवार था। उस लड़के ने पिछले साल आत्महत्या कर ली। अब उसके परिवार ने केंद्र सरकार से इटली से 100 करोड़ रुपये का मुआवजा दिलाने की अपील की है।

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उसके परिवार ने केंद्रीय कैबिनेट सचिव को दिए आवेदन में कहा है कि केरल के तट पर 15 फरवरी, 2012 को तेल टैंकर एनरिका लेक्सी से नौसैनिकों द्वारा गोलीबारी किए जाने के बाद प्रिजिन को घबराहट हुई थी और कुछ मामूली चोटें लगी थीं। वह बहुत परेशान रहने लगा और बाद में अवसाद में आ गया। आखिरकार पिछले साल जुलाई में उसने अपना जीवन समाप्त कर लिया। तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिला स्थित कंजमपुरम के रहने वाले परिवार के अनुसार, प्रिजिन एनरिका लेक्सी घटना का शिकार था।

आठ सदस्यीय परिवार में प्रिजिन की मां और बहनें शामिल हैं। उसके परिवार ने केंद्र से समुद्री कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के तहत गठित मध्यस्थ न्यायाधिकरण के निष्कर्षो के आधार पर इटली से मुआवजा प्राप्त करने के लिए कदम उठाने की अपील की है।

अपने सामने दो लोगों की देखी थी हत्या

परिवार ने अपने आवेदन में कहा कि प्रिजिन को 14 वर्ष की आयु के बच्चे को अंतरराष्ट्रीय बाल अधिकार कानून, भारतीय संविधान और इटली के कानून के तहत संरक्षण नहीं प्रदान किया गया था। वह अपने मालिक फ्रेडी द्वारा मछली पकड़ने के जहाज सेंट एंटनी में क्रू सदस्य के रूप में लगा हुआ था, ताकि अन्य मछुआरों की मदद कर सके और खाना पकाने का काम कर सके। इस घटना के बाद उसे एक अन्य मछली पकड़ने की नाव में तट पर ले जाया गया। केरल पहुंचने पर नाव के मालिक ने प्रिजिन को उसके घर भेज दिया। इसके बाद वह उचित नींद के बिना बहुत परेशान रहने लगा। वह डरकर उठ जाता था और सोते समय भी चिल्लाता था। परिवार ने दावा किया कि फ्रेड कई बार घर आया और उसने आश्वासन दिया कि न्याय पाने के लिए आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं। लेकिन, उसे न तो चिकित्सा सहायता मिली और न ही मनोवैज्ञानिक परामर्श, जिसने अपने सामने दो लोगों की हत्या देखी थी।


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